Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Read the New Testament in 24 Weeks

A reading plan that walks through the entire New Testament in 24 weeks of daily readings.
Duration: 168 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
गलातिया 1-2

यह पत्र पौलॉस की ओर से है, जिसे न तो मनुष्यों की ओर से और न ही किसी मनुष्य की प्रक्रिया द्वारा परन्तु मसीह येशु और पिता परमेश्वर द्वारा, जिन्होंने मसीह येशु को मरे हुओं में से जीवित किया, प्रेरित चुना गया तथा उन विश्वासियों की ओर से, जो इस समय मेरे साथ हैं,

गलातिया प्रदेश की कलीसियाओं के नाम में:

हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु मसीह येशु की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्ति प्राप्त हो. मसीह येशु, जिन्होंने हमारे पापों के कारण स्वयं को इसलिए बलिदान कर दिया कि हमारे परमेश्वर और पिता की इच्छानुसार वह हमें वर्तमान बुरे संसार से छुड़ायें, उन्हीं की महिमा हमेशा हमेशा होती रहे. आमेन.

एक चेतावनी

मैं यह जान कर चकित हूँ कि तुम परमेश्वर से, जिन्होंने मसीह के अनुग्रह के द्वारा तुम्हें बुलाया, इतनी जल्दी भटक कर एक अन्य ईश्वरीय सुसमाचार की ओर फिर गये हो पर वह दूसरा सुसमाचार जो वास्तव में ईश्वरीय सुसमाचार है ही नहीं! साफ़ तौर पर कुछ लोग हैं, जो मसीह के ईश्वरीय सुसमाचार को बिगाड़ कर तुम्हें घबरा देना चाहते हैं किन्तु यदि हम या कोई स्वर्गदूत तक उस ईश्वरीय सुसमाचार के अलावा, जो हमने तुम्हें सुनाया है, किसी भिन्न ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार करे तो वह शापित है. जैसा हमने पहले भी कहा, मैं अब दोबारा कहता हूँ कि उस ईश्वरीय सुसमाचार के अलावा, जो हमने तुम्हें सुनाया, यदि कोई व्यक्ति तुम्हें अलग ईश्वरीय सुसमाचार सुनाए तो वह शापित है.

10 किसका कृपापात्र बनने की कोशिश कर रहा हूँ मैं—मनुष्यों का या परमेश्वर का? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करने के लिए प्रयास कर रहा हूँ? यदि मैं अब तक मनुष्यों को ही प्रसन्न कर रहा होता तो मसीह का दास न होता.

पौलॉस द्वारा अपनी सेवा का बचाव और परमेश्वर द्वारा बुलाया जाना

11 प्रियजन, मैं तुम पर यह स्पष्ट कर रहा हूँ कि जो ईश्वरीय सुसमाचार मैंने तुम्हें सुनाया, वह किसी मनुष्य के दिमाग की उपज नहीं है. 12 यह मुझे न तो किसी मनुष्य से और न ही किसी शिक्षा से, परन्तु स्वयं मसीह येशु के प्रकाशन के द्वारा प्राप्त हुआ है.

13 यहूदी मत के शिष्य के रूप में मेरी जीवनशैली कैसी थी, इसके विषय में तुम सुन चुके हो. मैं किस रीति से परमेश्वर की कलीसिया पर घोर अत्याचार किया करता था तथा उसे नाश करने के लिए प्रयास करता रहता था. 14 यहूदी मत में अपने पूर्वजों की परम्पराओं के प्रति अत्यन्त उत्साही, मैं अपनी आयु के यहूदियों से अधिक उन्नत होता जा रहा था. 15 किन्तु परमेश्वर को, जिन्होंने माता के गर्भ से ही मुझे चुन लिया तथा अपने अनुग्रह के द्वारा मुझे बुलाया, यह सही लगा 16 कि वह मुझ में अपने पुत्र को प्रकट करें कि मैं अन्यजातियों में उनका प्रचार करूँ. इसके विषय में मैंने तुरन्त न तो किसी व्यक्ति से सलाह ली 17 और न ही मैं येरूशालेम में उनके पास गया, जो मुझसे पहले प्रेरित चुने जा चुके थे, परन्तु मैं अराबिया क्षेत्र में चला गया और वहाँ से दोबारा दमिश्क नगर लौट गया.

18 तीन वर्ष बाद मैं कैफ़स से भेंट करने येरूशालेम गया और उनके साथ पन्द्रह दिन रहा 19 किन्तु प्रभु के भाई याक़ोब के अलावा अन्य किसी प्रेरित से मेरी भेंट नहीं हुई. 20 परमेश्वर के सामने मैं तुम्हें धीरज देता हूँ कि अपने इस विवरण में मैं कुछ भी झूठ नहीं कह रहा. 21 तब मैं सीरिया और किलिकिया प्रदेश के क्षेत्रों में गया. 22 यहूदिया प्रदेश की कलीसियाओं से, जो अब मसीह में हैं, मैं अब तक व्यक्तिगत रूप से अपरिचित था. 23 मेरे विषय में उन्होंने केवल यही सुना था: “एक समय जो हमारा सताने वाला था, अब वही उस विश्वास का प्रचार कर रहा है, जिसे नष्ट करने के लिए वह दृढ़-संकल्प था.” 24 उनके लिए मैं परमेश्वर की महिमा का विषय हो गया.

येरूशालेम में सम्मेलन

तब चौदह वर्ष बाद मैं बारनबास के साथ दोबारा येरूशालेम गया. इस समय मैं तीतॉस को भी अपने साथ ले गया. मैं एक ईश्वरीय प्रकाशन के उत्तर में वहाँ गया था और मैंने उनको वही ईश्वरीय सुसमाचार दिया, जिसका प्रचार मैं अन्यजातियों के बीच कर रहा हूँ किन्तु गुप्त रूप से, केवल नामी व्यक्तियों के बीच ही—इस भय से कि कहीं मेरी पिछली दौड़-धूप व्यर्थ न हो जाए. किसी ने भी मेरे साथी तीतॉस को ख़तना के लिए बाध्य नहीं किया, यद्यपि वह यूनानी है. यह प्रश्न उन पाखण्डियों के कारण उठा था, जो हमारे बीच चुपके से घुस आए थे कि मसीह येशु में हमारी स्वतंत्रता का भेद लें और हमें दासत्व में डाल दें. हम एक क्षण के लिए भी उनके आगे न झुके कि तुममें विद्यमान ईश्वरीय सुसमाचार की सच्चाई सुरक्षित रहे.

इसका मेरे लिए कोई महत्व नहीं कि वे, जो नामी थे, पहले क्या थे. परमेश्वर भेद-भाव करनेवाला नहीं हैं. मेरे सन्देश में उन नामी व्यक्तियों का कोई योगदान नहीं था. इसके विपरीत जब उन्होंने यह देखा कि अख़तनितों के लिए ईश्वरीय सुसमाचार मुझे उसी प्रकार सौंपा गया जिस प्रकार ख़तनितों के लिए पेतरॉस को; क्योंकि जिन्होंने ख़तनितों के बीच पेतरॉस की प्रेरिताई की सेवा में प्रभावशाली रीति से काम किया, उन्होंने अख़तनितों के बीच प्रेरिताई की सेवा में मुझ में भी प्रभावशाली रीति से काम किया; मुझे मिले अनुग्रह को पहचानकर याक़ोब, कैफ़स तथा योहन ने, जो कलीसिया के स्तम्भ के रूप में जाने जाते थे, बारनबास और मेरी ओर सहभागिता का दायाँ हाथ बढ़ाया कि हम अन्यजातियों में और वे ख़तनितों में जाएँ. 10 उन्होंने हमसे सिर्फ यही विनती की कि हम निर्धनों की अनदेखी न करें—ठीक यही तो मैं भी चाहता था!

पेतरॉस के प्रति पौलॉस का विरोध

11 जब कैफ़स अन्तियोख़ नगर आए, मैंने उनके मुख पर उनका विरोध किया क्योंकि उनकी गलती साफ़-साफ़ थी. 12 याक़ोब की ओर से कुछ लोगों के आने से पहले तो वह अन्यजातियों के साथ खान-पान में सम्मिलित होते थे किन्तु याक़ोब के लोगों के यहाँ आने पर वह ख़तनितों के समूह के भय से अलग हो कर अन्यजातियों से दूरी रखने लगे. 13 बाकी यहूदी भी उनके साथ इस कपट में शामिल हो गए—यहाँ तक कि बारनबास भी!

14 जब मैंने यह देखा कि उनका स्वभाव ईश्वरीय सुसमाचार के भेद के अनुसार नहीं है, मैंने सबके सामने कैफ़स से कहा, “यदि स्वयं यहूदी, होकर आपका स्वभाव यहूदियों के समान नहीं परन्तु अन्यजातियों के समान है, तो आप अन्यजातियों को यहूदियों जैसे स्वभाव के लिए बाध्य कैसे कर सकते हो?

पौलॉस द्वारा प्रचारित ईश्वरीय सुसमाचार

15 “आप और मैं जन्म से यहूदी हैं—अन्यजातियों के पापी वंशज नहीं. 16 फिर भी हम यह जानते हैं कि परमेश्वर की दृष्टि में मनुष्य मात्र मसीह येशु में विश्वास करने के द्वारा ही धर्मी ठहरता है, न कि व्यवस्था का पालन करने के द्वारा, इसलिए हमने भी मसीह येशु में विश्वास किया कि हम मसीह में विश्वास करने के द्वारा धर्मी ठहराए जाएँ, न कि व्यवस्था का पालन करने के द्वारा—क्योंकि व्यवस्था का पालन करने से कोई भी मनुष्य धर्मी ठहराया नहीं जाता.

17 “किन्तु, यदि हम मसीह में धर्मी ठहराए जाने के लिए प्रयास करने पर भी पापी ही पाए जाते हैं, तो क्या मसीह पाप के पालन-पोषण करने वाले हैं? बिलकुल नहीं! 18 यदि मैं उसी को दोबारा बनाता हूँ, जिसे मैंने गिरा दिया था, तो मैं स्वयं को ही अपराधी साबित करता हूँ.

19 “क्योंकि व्यवस्था के द्वारा मैं व्यवस्था के लिए मर गया कि मैं परमेश्वर के लिए जिऊँ. 20 मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया जा चुका हूँ. अब से वह, जो जीवित है, मैं नहीं परन्तु मसीह हैं, जो मुझमें जीवित हैं. अब वह जीवन, जो मैं शरीर में जी रहा हूँ, परमेश्वर के पुत्र में विश्वास करते हुए जी रहा हूँ, जिन्होंने मुझसे प्रेम किया और स्वयं को मेरे लिए बलिदान कर दिया. 21 मैं परमेश्वर के अनुग्रह को व्यर्थ नहीं कर रहा, क्योंकि यदि व्यवस्था धार्मिकता का कारण होता, तब मसीह का प्राण त्यागना व्यर्थ हो जाता!”

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.