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Read the New Testament in 24 Weeks

A reading plan that walks through the entire New Testament in 24 weeks of daily readings.
Duration: 168 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
मत्ती 1-2

यीशु की वंशावली

(लूका 3:23-38)

इब्राहीम के वंशज दाऊद के पुत्र यीशु मसीह की वंशावली इस प्रकार है:

इब्राहीम का पुत्र था इसहाक

और इसहाक का पुत्र हुआ याकूब।

फिर याकूब से यहूदा

और उसके भाई उत्पन्न हुए।

यहूदा के बेटे थे फिरिस और जोरह। (उनकी माँ का नाम तामार था।)

फिरिस, हिस्रोन का पिता था।

हिस्रोन राम का पिता था।

राम अम्मीनादाब का पिता था।

अम्मीनादाब से नहशोन

और नहशोन से सलमोन का जन्म हुआ।

सलमोन से बोअज का जन्म हुआ। (बोअज की माँ का नाम राहब था।)

बोअज और रूथ से ओबेद पैदा हुआ,

ओबेद यिशै का पिता था।

और यिशै से राजा दाऊद पैदा हुआ।

सुलैमान दाऊद का पुत्र था (जो उस स्त्री से जन्मा जो पहले उरिय्याह की पत्नी थी।)

सुलैमान रहबाम का पिता था।

और रहबाम अबिय्याह का पिता था।

अबिय्याह से आसा का जन्म हुआ।

और आसा यहोशाफात का पिता बना।

फिर यहोशाफात से योराम

और योराम से उज्जिय्याह का जन्म हुआ।

उज्जिय्याह योताम का पिता था

और योताम, आहाज का।

फिर आहाज से हिजकिय्याह।

10 और हिजकिय्याह से मनश्शिह का जन्म हुआ।

मनश्शिह आमोन का पिता बना

और आमोन योशिय्याह का।

11 फिर इस्राएल के लोगों को बंदी बना कर बेबिलोन ले जाते समय योशिय्याह से यकुन्याह और उसके भाईयों ने जन्म लिया।

12 बेबिलोन में ले जाये जाने के बाद यकुन्याह

शालतिएल का पिता बना।

और फिर शालतिएल से जरुब्बाबिल।

13 तथा जरुब्बाबिल से अबीहूद पैदा हुए।

अबीहूद इल्याकीम का

और इल्याकीम अजोर का पिता बना।

14 अजोर सदोक का पिता था।

सदोक से अखीम

और अखीम से इलीहूद पैदा हुए।

15 इलीहूद इलियाजार का पिता था

और इलियाजार मत्तान का।

मत्तान याकूब का पिता बना।

16 और याकूब से यूसुफ पैदा हुआ।

जो मरियम का पति था।

मरियम से यीशु का जन्म हुआ जो मसीह कहलाया।

17 इस प्रकार इब्राहीम से दाऊद तक चौदह पीढ़ियाँ हुईं। और दाऊद से लेकर बंदी बना कर बाबुल पहुँचाये जाने तक की चौदह पीढ़ियाँ, तथा बंदी बना कर बाबुल पहुँचाये जाने से मसीह के जन्म तक चौदह पीढ़ियाँ और हुईं।

यीशु मसीह का जन्म

(लूका 2:1-7)

18 यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार हुआ: जब उसकी माता मरियम की यूसुफ के साथ सगाई हुई तो विवाह होने से पहले ही पता चला कि (वह पवित्र आत्मा की शक्ति से गर्भवती है।) 19 किन्तु उसका भावी पति यूसुफ एक अच्छा व्यक्ति था और इसे प्रकट करके लोगों में उसे बदनाम करना नहीं चाहता था। इसलिये उसने निश्चय किया कि चुपके से वह सगाई तोड़ दे।

20 किन्तु जब वह इस बारे में सोच ही रहा था, सपने में उसके सामने प्रभु के दूत ने प्रकट होकर उससे कहा, “ओ! दाऊद के पुत्र यूसुफ, मरियम को पत्नी बनाने से मत डर क्य़ोंकि जो बच्चा उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। 21 वह एक पुत्र को जन्म देगी। तू उसका नाम यीशु रखना क्य़ोंकि वह अपने लोगों को उनके पापों से उद्धार करेगा।”

22 यह सब कुछ इसलिये हुआ है कि प्रभु ने भविष्यवक्ता द्वारा जो कुछ कहा था, पूरा हो: 23 “सुनो, एक कुँवारी कन्या गर्भवती होकर एक पुत्र को जन्म देगी। उसका नाम इम्मानुएल रखा जायेगा।”(A) (जिसका अर्थ है “परमेश्वर हमारे साथ है।”)

24 जब यूसुफ नींद से जागा तो उसने वही किया जिसे करने की प्रभु के दूत ने उसे आज्ञा दी थी। वह मरियम को ब्याह कर अपने घर ले आया। 25 किन्तु जब तक उसने पुत्र को जन्म नहीं दे दिया, वह उसके साथ नहीं सोया। यूसुफ ने बेटे का नाम यीशु रखा।

पूर्व से विद्वानों का आना

हेरोदेस जब राज कर रहा था, उन्हीं दिनों यहूदिया के बैतलहम में यीशु का जन्म हुआ। कुछ ही समय बाद कुछ विद्वान जो सितारों का अध्ययन करते थे, पूर्व से यरूशलेम आये। उन्होंने पूछा, “यहूदियों का नवजात राजा कहाँ है? हमने उसके सितारे को, आकाश में देखा है। इसलिए हम पूछ रहे हैं। हम उसकी आराधना करने आये हैं।”

जब राजा हेरोदेस ने यह सुना तो वह बहुत बेचैन हुआ और उसके साथ यरूशलेम के दूसरे सभी लोग भी चिंता करने लगे। सो उसने यहूदी समाज के सभी प्रमुख याजकों और धर्मशास्त्रियों को इकट्ठा करके उनसे पूछा कि मसीह का जन्म कहाँ होना है। उन्होंने उसे बताया, “यहूदिया के बैतलहम में। क्योंकि भविष्यवक्ता द्वारा लिखा गया है कि:

‘ओ, यहूदा की धरती पर स्थित बैतलहम,
    तू यहूदा के अधिकारियों में किसी प्रकार भी सबसे छोटा नहीं।
क्योंकि तुझ में से एक शासक प्रकट होगा
    जो मेरे लोगों इस्राएल की देखभाल करेगा।’”(B)

तब हेरोदेस ने सितारों का अध्ययन करने वाले उन विद्वानों को बुलाया और पूछा कि वह सितारा किस समय प्रकट हुआ था। फिर उसने उन्हें बैतलहम भेजा और कहा, “जाओ उस शिशु के बारे में अच्छी तरह से पता लगाओ और जब वह तुम्हें मिल जाये तो मुझे बताओ ताकि मैं भी आकर उसकी उपासना कर सकूँ।”

फिर वे राजा की बात सुनकर चल दिये। वह सितारा भी जिसे आकाश में उन्होंने देखा था उनके आगे आगे जा रहा था। फिर जब वह स्थान आया जहाँ वह बालक था, तो सितारा उसके ऊपर रुक गया। 10 जब उन्होंने यह देखा तो वे बहुत आनन्दित हुए।

11 वे घर के भीतर गये और उन्होंने उसकी माता मरियम के साथ बालक के दर्शन किये। उन्होंने साष्टांग प्रणाम करके उसकी उपासना की। फिर उन्होंने बहुमूल्य वस्तुओं की अपनी पिटारी खोली और सोना, लोबान और गन्धरस के उपहार उसे अर्पित किये। 12 किन्तु परमेश्वर ने एक स्वप्न में उन्हें सावधान कर दिया, कि वे वापस हेरोदेस के पास न जायें। सो वे एक दूसरे मार्ग से अपने देश को लौट गये।

यीशु को लेकर माता-पिता का मिस्र जाना

13 जब वे चले गये तो यूसुफ को सपने में प्रभु के एक दूत ने प्रकट होकर कहा, “उठ, बालक और उसकी माँ को लेकर चुपके से मिस्र चला जा और मैं जब तक तुझ से न कहूँ, वहीं ठहरना। क्योंकि हेरोदेस इस बालक को मरवा डालने के लिए ढूँढेगा।”

14 सो यूसुफ खड़ा हुआ तथा बालक और उसकी माता को लेकर रात में ही मिस्र के लिए चल पड़ा। 15 फिर हेरोदेस के मरने तक वह वहीं ठहरा रहा। यह इसलिये हुआ कि प्रभु ने भविष्यवक्ता के द्वारा जो कहा था, पूरा हो सके: “मैंने अपने पुत्र को मिस्र से बाहर आने को कहा।”(C)

बैतलहम के सभी बालकों का हेरोदेस के द्वारा मरवाया जाना

16 हेरोदेस ने जब यह देखा कि सितारों का अध्ययन करने वाले विद्वानों ने उसके साथ चाल चली है, तो वह आग बबूला हो उठा। उसने आज्ञा दी कि बैतलहम और उसके आसपास में दो वर्ष के या उससे छोटे सभी बालकों की हत्या कर दी जाये। (सितारों का अध्ययन करने वाले विद्वानों के बताये समय को आधार बना कर) 17 तब भविष्यवक्ता यिर्मयाह द्वारा कहा गया यह वचन पूरा हुआ:

18 “रामाह में दुःख भरा एक शब्द सुना गया,
    शब्द रोने का, गहरे विलाप का था।
राहेल अपने शिशुओं के लिए रोती थी
    चाहती नहीं थी कोई उसे धीरज बँधाए, क्योंकि उसके तो सभी बालक मर चुके थे।”(D)

यीशु को लेकर यूसुफ और मरियम का मिस्र लौटना

19 फिर हेरोदेस की मृत्यु के बाद मिस्र में यूसुफ के सपने में प्रभु का एक स्वर्गदूत प्रकट हुआ 20 और उससे बोला, “उठ, बालक और उसकी माँ को लेकर इस्राएल की धरती पर चला जा क्योंकि वे जो बालक को मार डालना चाहते थे, मर चुके हैं।”

21 तब यूसुफ खड़ा हुआ और बालक तथा उसकी माता को लेकर इस्राएल जा पहुँचा। 22 किन्तु जब यूसुफ ने यह सुना कि यहूदिया पर अपने पिता हेरोदेस के स्थान पर अरखिलाउस राज कर रहा है तो वह वहाँ जाने से डर गया किन्तु सपने में परमेश्वर से आदेश पाकर वह गलील प्रदेश के लिए 23 चल पड़ा और वहाँ नासरत नाम के नगर में घर बना कर रहने लगा ताकि भविष्यवक्ताओं द्वारा कहा गया वचन पूरा हो: वह नासरी[a] कहलायेगा।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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