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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 89:1-29

एज्रा वंश के एतान का एक भक्ति गीत।

मैं यहोवा, की करूणा के गीत सदा गाऊँगा।
    मैं उसके भक्ति के गीत सदा अनन्त काल तक गाता रहूँगा।
हे यहोवा, मुझे सचमुच विश्वास है, तेरा प्रेम अमर है।
    तेरी भक्ति फैले हुए अम्बर से भी विस्तृत है।

परमेश्वर ने कहा था, “मैंने अपने चुने हुए राजा के साथ एक वाचा कीया है।
    अपने सेवक दाऊद को मैंने वचन दिया है।
‘दाऊद तेरे वंश को मैं सतत् अमर बनाऊँगा।
    मैं तेरे राज्य को सदा सर्वदा के लिये अटल बनाऊँगा।’”

हे यहोवा, तेरे उन अद्भुत कर्मो की अम्बर स्तुति करते हैं।
    स्वर्गदूतों की सभा तेरी निष्ठा के गीत गाते हैं।
स्वर्ग में कोई व्यक्ति यहोवा का विरोध नहीं कर सकता।
    कोई भी देवता यहोवा के समान नहीं।
परमेश्वर पवित्र लोगों के साथ एकत्रित होता है। वे स्वर्गदूत उसके चारो ओर रहते हैं।
    वे उसका भय और आदर करते हैं।
    वे उसके सम्मान में खड़े होते हैं।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा, जितना तू समर्थ है कोई नहीं है।
    तेरे भरोसे हम पूरी तरह रह सकते हैं।
तू गरजते समुद्र पर शासन करता है।
    तू उसकी कुपित तरंगों को शांत करता है।
10 हे परमेश्वर, तूने ही राहाब को हराया था।
    तूने अपने महाशक्ति से अपने शत्रु बिखरा दिये।
11 हे परमेश्वर, जो कुछ भी स्वर्ग और धरती पर जन्मी है तेरी ही है।
    तूने ही जगत और जगत में की हर वस्तु रची है।
12 तूने ही सब कुछ उत्तर दक्षिण रचा है।
    ताबोर और हर्मोन पर्वत तेरे गुण गाते हैं।
13 हे परमेश्वर, तू समर्थ है।
    तेरी शक्ति महान है।
    तेरी ही विजय है।
14 तेरा राज्य सत्य और न्याय पर आधारित है।
    प्रेम और भक्ति तेरे सिंहासन के सैनिक हैं।
15 हे परमेश्वर, तेरे भक्त सचमुच प्रसन्न है।
    वे तेरी करूणा के प्रकाश में जीवित रहते हैं।
16 तेरा नाम उनको सदा प्रसन्न करता है।
    वे तेरे खरेपन की प्रशंसा करते हैं।
17 तू उनकी अद्भुत शक्ति है।
    उनको तुमसे बल मिलता है।
18 हे यहोवा, तू हमारा रक्षक है।
    इस्राएल का वह पवित्र हमारा राजा है।
19 इस्राएल तूने निज सच्चे भक्तों को दर्शन दिये और कहा,
“फिर मैंने लोगों के बीच से एक युवक को चुना,
    और मैंने उस युवक को महत्वपूर्ण बना दिया, और मैंने उस युवक को बलशाली बना दिया।
20 मैंने निज सेवक दाऊद को पा लिया,
    और मैंने उसका अभिषेक अपने निज विशेष तेल से किया।
21 मैंने निज दाहिने हाथ से दाऊद को सहारा दिया,
    और मैंने उसे अपने शक्ति से बलवान बनाया।
22 शत्रु चुने हुए राजा को नहीं हरा सका।
    दुष्ट जन उसको पराजित नहीं कर सके।
23 मैंने उसके शत्रुओं को समाप्त कर दिया।
    जो लोग चुने हुए राजा से बैर रखते थे, मैंने उन्हें हरा दिया।
24 मैं अपने चुने हुए राजा को सदा प्रेम करूँगा और उसे समर्थन दूँगा।
    मैं उसे सदा ही शक्तिशाली बनाऊँगा।
25 मैं अपने चुने हुए राजा को सागर का अधिकारी नियुक्त करूँगा।
    नदियों पर उसका ही नियन्त्रण होगा।
26 वह मुझसे कहेगा, ‘तू मेरा पिता है।
    तू मेरा परमेश्वर, मेरी चट्टान मेरा उद्धारकर्ता है।’
27 मैं उसको अपना पहलौठा पुत्र बनाऊँगा।
    वह धरती पर महानतम राजा बनेगा।
28 मेरा प्रेम चुने हुए राजा की सदा सर्वदा रक्षा करेगा।
    मेरी वाचा उसके साथ कभी नहीं मिटेगी।
29 उसका वंश सदा अमर बना रहेगा।
    उसका राज्य जब तक स्वर्ग टिका है, तब तक टिका रहेगा।

यशायाह 59:15-21

15 सच्चाई चली गई और वे लोग लूटे गये जो भला करना चाहते थे।
    यहोवा ने ढूँढा था किन्तु कोई भी, कहीं भी अच्छाई न मिल पायी।
16 यहोवा ने खोज देखा किन्तु उसे कोई व्यक्ति नहीं मिला
    जो लोगों के साथ खड़ा हो और उनको सहारा दे।
इसलिये यहोवा ने स्वयं अपनी शक्ति का और स्वयं अपनी नेकी का प्रयोग किया
    और यहोवा ने लोगों को बचा लिया।
17 यहोवा ने नेकी का कवच पहना।
    यहोवा ने उद्धार का शिरस्त्राण धारण किया।
यहोवा ने दण्ड के बने वस्त्र पहने थे।
    यहोवा ने तीव्र भावनाओं का चोगा पहना था
18 यहोवा अपने शत्रु पर क्रोधित है सो यहोवा उन्हें ऐसा दण्ड देगा जैसा उन्हें मिलना चाहिये।
    यहोवा अपने शत्रुओं से कुपित है सो यहोवा सभी दूर—दूर के देशों के लोगों को दण्ड देगा।
यहोवा उन्हें वैसा दण्ड देगा जैसा उन्हें मिलना चाहिये।
19 फिर पश्चिम के लोग यहोवा के नाम को आदर देंगे
    और पूर्व के लोग यहोवा की महिमा से भय विस्मित हो जायेंगे।
यहोवा ऐसे ही शीघ्र आ जायेगा जैसे तीव्र नदी बहती हुई आ जाती है।
    यह उस तीव्र वायु वेग सा होगा जिसे यहोवा उस नदी को तूफान बहाने के लिये भेजता है।
20 फिर सिय्योन पर्वत पर एक उद्धार कर्ता आयेगा।
    वह याकूब के उन लोगों के पास आयेगा जिन्होंने पाप तो किये थे किन्तु जो परमेश्वर की ओर लौट आए थे।

21 यहोवा कहता है: “मैं उन लोगों के साथ एक वाचा करूँगा। मैं वचन देता हूँ मेरी आत्मा और मेरे शब्द जिन्हें मैं तेरे मुख में रख रहा हूँ तुझे कभी नहीं छोड़ेंगे। वे तेरी संतानों और तेरे बच्चों के बच्चों के साथ रहेंगे। वे आज तेरे साथ रहेंगे और सदा—सदा तेरे साथ रहेंगे।”

फिलिप्पियों 2:5-11

यीशु से निःस्वार्थ होना सीखो

अपना चिंतन ठीक वैसा ही रखो जैसा मसीह यीशु का था।

जो अपने स्वरूप में यद्यपि साक्षात् परमेश्वर था,
    किन्तु उसने परमेश्वर के साथ अपनी इस समानता को कभी
    ऐसे महाकोष के समान नहीं समझा जिससे वह चिपका ही रहे।
बल्कि उसने तो अपना सब कुछ त्याग कर
    एक सेवक का रूप ग्रहण कर लिया और मनुष्य के समान बन गया।
और जब वह अपने बाहरी रूप में मनुष्य जैसा बन गया
    तो उसने अपने आप को नवा लिया। और इतना आज्ञाकारी बन गया कि
    अपने प्राण तक निछावर कर दिये और वह भी क्रूस पर।
इसलिए परमेश्वर ने भी उसे ऊँचे से ऊँचे
    स्थान पर उठाया और उसे वह नाम दिया जो सब नामों के ऊपर है
10 ताकि सब कोई जब यीशु के नाम का उच्चारण होते हुए सुनें, तो नीचे झुक जायें।
    चाहे वे स्वर्ग के हों, धरती पर के हों और चाहे धरती के नीचे के हों।
11 और हर जीभ परम पिता परमेश्वर की
    महिमा के लिये स्वीकार करें, “यीशु मसीह ही प्रभु है।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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