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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 95

आओ हम यहोवा के गुण गाएं!
    आओ हम उस चट्टान का जय जयकार करें जो हमारी रक्षा करता है।
आओ हम यहोवा के लिये धन्यवाद के गीत गाएं।
    आओ हम उसके प्रशंसा के गीत आनन्दपूर्वक गायें।
क्यों? क्योंकि यहोवा महान परमेश्वर है।
    वह महान राजा सभी अन्य “देवताओं” पर शासन करता है।
गहरी गुफाएँ और ऊँचे पर्वत यहोवा के हैं।
सागर उसका है, उसने उसे बनाया है।
    परमेश्वर ने स्वयं अपने हाथों से धरती को बनाया है।
आओ, हम उसको प्रणाम करें और उसकी उपासना करें।
    आओ हम परमेश्वर के गुण गाये जिसने हमें बनाया है।
वह हमारा परमेश्वर
    और हम उसके भक्त हैं।
    यदि हम उसकी सुने

तो हम आज उसकी भेड़ हैं।
परमेश्वर कहता है, “तुम जैसे मरिबा और मरूस्थल के मस्सा में कठोर थे
    वैसे कठोर मत बनो।
तेरे पूर्वजों ने मुझको परखा था।
    उन्होंने मुझे परखा, पर तब उन्होंने देखा कि मैं क्या कर सकता हूँ।
10 मैं उन लोगों के साथ चालीस वर्ष तक धीरज बनाये रखा।
    मैं यह भी जानता था कि वे सच्चे नहीं हैं।
    उन लोगों ने मेरी सीख पर चलने से नकारा।
11 सो मैं क्रोधित हुआ और मैंने प्रतिज्ञा की
    वे मेरे विशाल कि धरती पर कभी प्रवेश नहीं कर पायेंगे।”

भजन संहिता 88

कोरह वंशियों के ओर से संगीत निर्देशक के लिये यातना पूर्ण व्याधि के विषय में एज्रा वंशी हेमान का एक कलापूर्ण स्तुति गीत।

हे परमेश्वर यहोवा, तू मेरा उद्धारकर्ता है।
    मैं तेरी रात दिन विनती करता रहा हूँ।
कृपा करके मेरी प्रार्थनाओं पर ध्यान दे।
    मुझ पर दया करने को मेरी प्रार्थनाएँ सुन।
मैं अपनी पीड़ाओं से तंग आ चुका हूँ।
    बस मैं जल्दी ही मर जाऊँगा।
लोग मेरे साथ मुर्दे सा व्यवहार करने लगे हैं।
    उस व्यक्ति की तरह जो जीवित रहने के लिये अति बलहीन हैं।
मेरे लिये मरे व्यक्तियों में ढूँढ़।
    मैं उस मुर्दे सा हूँ जो कब्र में लेटा है,
और लोग उसके बारे में सब कुछ ही भूल गए।
हे यहोवा, तूने मुझे धरती के नीचे कब्र में सुला दिया।
    तूने मुझे उस अँधेरी जगह में रख दिया।
हे परमेश्वर, तुझे मुझ पर क्रोध था,
    और तूने मुझे दण्डित किया।

मुझको मेरे मित्रों ने त्याग दिया है।
    वे मुझसे बचते फिरते हैं जैसे मैं कोई ऐसा व्यक्ति हूँ जिसको कोई भी छूना नहीं चाहता।
घर के ही भीतर बंदी बन गया हूँ। मैं बाहर तो जा ही नहीं सकता।
    मेरे दु:खों के लिये रोते रोते मेरी आँखे सूज गई हैं।
हे यहोवा, मैं तुझसे निरतंर प्रार्थना करता हूँ।
    तेरी ओर मैं अपने हाथ फैला रहा हूँ।
10 हे यहोवा, क्या तू अद्भुत कर्म केवल मृतकों के लिये करता है?
    क्या भूत (मृत आत्माएँ) जी उठा करते हैं और तेरी स्तुति करते हैं? नहीं।

11 मरे हुए लोग अपनी कब्रों के बीच तेरे प्रेम की बातें नहीं कर सकते।
    मरे हुए व्यक्ति मृत्युलोक के भीतर तेरी भक्ति की बातें नहीं कर सकते।
12 अंधकार में सोये हुए मरे व्यक्ति उन अद्भुत बातों को जिनको तू करता है, नहीं देख सकते हैं।
    मरे हुए व्यक्ति भूले बिसरों के जगत में तेरे खरेपन की बातें नहीं कर सकते।
13 हे यहोवा, मेरी विनती है, मुझको सहारा दे!
    हर अलख सुबह मैं तेरी प्रार्थना करता हूँ।
14 हे यहोवा, क्या तूने मुझको त्याग दिया?
    तूने मुझ पर कान देना क्यों छोड़ दिया?
15 मैं दुर्बल और रोगी रहा हूँ।
    मैंने बचपन से ही तेरे क्रोध को भोगा है। मेरा सहारा कोई भी नहीं रहा।
16 हे यहोवा, तू मुझ पर क्रोधित है
    और तेरा दण्ड मुझको मार रहा है।
17 मुझे ऐसा लगता है, जैसे पीड़ा और यातनाएँ सदा मेरे संग रहती हैं।
    मैं अपनी पीड़ाओं और यातनाओं में डूबा जा रहा हूँ।
18 हे यहोवा, तूने मेरे मित्रों और प्रिय लोगों को मुझे छोड़ चले जाने को विवश कर दिया।
    मेरे संग बस केवल अंधकार रहता है।

भजन संहिता 91-92

तुम परम परमेश्वर की शरण में छिपने के लिये जा सकते हो।
    तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर की शरण में संरक्षण पाने को जा सकते हो।
मैं यहोवा से विनती करता हूँ, “तू मेरा सुरक्षा स्थल है मेरा गढ़,
    हे परमेश्वर, मैं तेरे भरोसे हूँ।”
परमेश्वर तुझको सभी छिपे खतरों से बचाएगा।
    परमेश्वर तुझको सब भयानक व्याधियों से बचाएगा।
तुम परमेश्वर की शरण में संरक्षण पाने को जा सकते हो।
    और वह तुम्हारी ऐसे रक्षा करेगा जैसे एक पक्षी अपने पंख फैला कर अपने बच्चों की रक्षा करता है।
    परमेश्वर तुम्हारे लिये ढाल और दीवार सा तुम्हारी रक्षा करेगा।
रात में तुमको किसी का भय नहीं होगा,
    और शत्रु के बाणों से तू दिन में भयभीत नहीं होगा।
तुझको अंधेरे में आने वाले रोगों
    और उस भयानक रोग से जो दोपहर में आता है भय नहीं होगा।
तू हजार शत्रुओं को पराजित कर देगा।
    तेरा स्वयं दाहिना हाथ दस हजार शत्रुओं को हरायेगा।
    और तेरे शत्रु तुझको छू तक नहीं पायेंगे।
जरा देख, और तुझको दिखाई देगा
    कि वे कुटिल व्यक्ति दण्डित हो चुके हैं।
क्यों? क्योंकि तू यहोवा के भरोसे है।
    तूने परम परमेश्वर को अपना शरणस्थल बनाया है।
10 तेरे साथ कोई भी बुरी बात नहीं घटेगी।
    कोई भी रोग तेरे घर में नहीं होगा।
11 क्योंकि परमेश्वर स्वर्गदूतों को तेरी रक्षा करने का आदेश देगा। तू जहाँ भी जाएगा वे तेरी रक्षा करेंगे।
12 परमेश्वर के दूत तुझको अपने हाथों पर ऊपर उठायेंगे।
    ताकि तेरा पैर चट्टान से न टकराए।
13 तुझमें वह शक्ति होगी जिससे तू सिंहों को पछाडेगा
    और विष नागों को कुचल देगा।
14 यहोवा कहता है, “यदि कोई जन मुझ में भरोसा रखता है तो मैं उसकी रक्षा करूँगा।
    मैं उन भक्तों को जो मेरे नाम की आराधना करते हैं, संरक्षण दूँगा।”
15 मेरे भक्त मुझको सहारा पाने को पुकरेंगे और मैं उनकी सुनूँगा।
    वे जब कष्ट में होंगे मैं उनके साथ रहूँगा।
    मैं उनका उद्धार करूँगा और उन्हें आदर दूँगा।
16 मैं अपने अनुयायियों को एक लम्बी आयु दूँगा
    और मैं उनकीरक्षा करूँगा।

सब्त के दिन के लिये एक स्तुति गीत।

यहोवा का गुण गाना उत्तम है।
    हे परम परमेश्वर, तेरे नाम का गुणगान उत्तम है।
भोर में तेरे प्रेम के गीत गाना
    और रात में तेरे भक्ति के गीत गाना उत्तम है।
हे परमेश्वर, तेरे लिये वीणा, दस तार वाद्य
    और सांरगी पर संगीत बजाना उत्तम है।
हे यहोवा, तू सचमुच हमको अपने किये कर्मो से आनन्दित करता है।
    हम आनन्द से भर कर उन गीतों को गाते हैं, जो कार्य तूने किये हैं।
हे यहोवा, तूने महान कार्य किये,
    तेरे विचार हमारे लिये समझ पाने में गंभीर हैं।
तेरी तुलना में मनुष्य पशुओं जैसे हैं।
    हम तो मूर्ख जैसे कुछ भी नहीं समझ पाते।
दुष्ट जन घास की तरह जीते और मरते हैं।
    वे जो भी कुछ व्यर्थ कार्य करते हैं, उन्हें सदा सर्वदा के लिये मिटाया जायेगा।
किन्तु हे यहोवा, अनन्त काल तक तेरा आदर रहेगा।
हे यहोवा, तेरे सभी शत्रु मिटा दिये जायेंगे।
    वे सभी व्यक्ति जो बुरा काम करते हैं, नष्ट किये जायेंगे।
10 किन्तु तू मुझको बलशाली बनाएगा।
    मैं शक्तिशाली मेंढ़े सा बन जाऊँगा जिसके कड़े सिंग होते हैं।
    तूने मुझे विशेष काम के लिए चुना है। तूने मुझ पर अपना तेल ऊँडेला है जो शीतलता देता है।
11 मैं अपने चारों ओर शत्रु देख रहा हूँ। वे ऐसे हैं जैसे विशालकाय सांड़ मुझ पर प्रहार करने को तत्पर है।
    वे जो मेरे विषय में बाते करते हैं उनको मैं सुनता हूँ।

12 सज्जन लोग तो लबानोन के विशाल देवदार वृक्ष की तरह है
    जो यहोवा के मन्दिर में रोपे गए हैं।
13 सज्जन लोग बढ़ते हुए ताड़ के पेड़ की तरह हैं,
    जो यहोवा के मन्दिर के आँगन में फलवन्त हो रहे हैं।
14 वे जब तक बूढ़े होंगे तब तक वे फल देते रहेंगे।
    वे हरे भरे स्वस्थ वृक्षों जैसे होंगे।
15 वे हर किसी को यह दिखाने के लिये वहाँ है
    कि यहोवा उत्तम है।
वह मेरी चट्टान है!
    वह कभी बुरा नहीं करता।

यिर्मयाह 11:1-8

वाचा टूटी

11 यह वह सन्देश है जो यिर्मयाह को मिला। यहोवा का यह सन्देश आया: “यिर्मयाह इस वाचा के शब्दों को सुनो। इन बातों के विषय में यहूदा के लोगों से कहो। ये बातें यरूशलेम में रहने वाले लोगों से कहो। यह वह है, जो इस्राएल का परमेश्वर यहोवा कहता है, ‘जो व्यक्ति इस वाचा का पालन नहीं करेगा उस पर विपत्ति आएगी। मैं उस वाचा के बारे में कह रहा हूँ जिसे मैंने तुम्हारे पूर्वजों के साथ की। मैंने वह वाचा उनके साथ तब की जब मैं उन्हें मिस्र से बाहर लाया। मिस्र अनेक मुसीबतों की जगह थी यह लोहे को पिघला देने वाली गर्म भट्टी की तरह थी।’ मैंने उन लोगों से कहा, ‘मेरी आज्ञा मानो और वह सब करो जिसका मैं तुम्हें आदेश दूँ। यदि तुम यह करोगे तो तुम मेरे लोग रहोगे और मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊँगा।’

“मैंने यह तुम्हारे पूर्वजों को दिये गये वचन को पूरा करने के लिये किया। मैंने उन्हें बहुत उपजाऊ भूमि देने की प्रतिज्ञा की, ऐसी भूमि जिसमें दूध और शहद की नदी बहती हो और आज तुम उस देश में रह रहे हो।”

मैं (यिर्मयाह) ने उत्तर दिया, “यहोवा, आमीन।”

यहोवा ने मुझसे कहा, “यिर्मयाह, इस सन्देश की शिक्षा यहूदा के नगरों और यरूशलेम की सड़कों पर दो। सन्देश यह है, ‘इस वाचा की बातों को सुनो और तब उन नियमों का पालन करो। मैंने तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र देश से बाहर लाने के समय एक चेतावनी दी थी। मैंने बार बार ठीक इसी दिन तक उन्हें चेतावनी दी। मैंने उनसे अपनी आज्ञा का पालन करने के लिये कहा। किन्तु तुम्हारे पूर्वजों ने मेरी एक न सुनी। वे हठी थे और वही किया जो उनके अपने बुरे हृदय ने चाहा। वाचा में यह कहा गया है कि यदि वे आज्ञा का पालन नहीं करेंगे तो विपत्तियाँ आएंगे। अत: मैंने उन सभी विपत्तियों को उन पर आने दिया। मैंने उन्हें वाचा को मानने का आदेश दिया, किन्तु उन्होंने नहीं माना।’”

यिर्मयाह 11:14-20

14 “यिर्मयाह, जहाँ तक तुम्हारी बात है, यहूदा के इन लोगों के लिये प्रार्थना न करो। उनके लिये याचना न करो। उनके लिये प्रार्थनायें न करो। मैं सुनूँगा नहीं। वे लोग कष्ट उठायेंगे और तब वे मुझे सहायता के लिये पुकारेंगे। किन्तु मैं सुनूँगा नहीं।

15 “मेरी प्रिया (यहूदा) मेरे घर (मन्दिर)
    में क्यों है उसे वहाँ रहने का अधिकार नहीं है।
उसने बहुत से बुरे काम किये हैं,
    यहूदा, क्या तुम सोचती हो कि विशेष प्रतिज्ञायें
और पशु बलि तुम्हें नष्ट होने से बचा लेंगी
    क्या तुम आशा करती हो कि तुम मुझे बलि भेंट करके दण्ड पाने से बच जाओगी
16 यहोवा ने तुम्हें एक नाम दिया था।
    उन्होंने तुम्हें कहा, ‘हरा भरा जैतून वृक्ष कहा था जिसकी सुन्दरता देखने योग्य है।’
किन्तु एक प्रबल आँधी के गरज के साथ, यहोवा उस वृक्ष में आग लगा देगा
    और इसकी शाखायें जल जाएंगी।
17 सर्वशक्तिमान यहोवा ने तुमको रोपा,
    और उसने यह घोषणा की है कि तुम पर बरबादी आएगी।
क्यों क्योंकि इस्राएल के परिवार
    और यहूदा के परिवार ने बुरे काम किये हैं।
उन्होंने बाल को बलि भेंट करके
    मुझको क्रोधित किया है!”

यिर्मयाह के विरुद्ध बुरी योजनाएं

18 यहोवा ने मुझे दिखाया कि अनातोत के व्यक्ति मेरे विरुद्ध षडयन्त्र कर रहे हैं। यहोवा ने मुझे वह सब दिखाया जो वे कर रहे थे। अत: मैंने जाना कि वे मेरे विरुद्ध थे। 19 जब यहोवा ने मुझे दिखाया कि लोग मेरे विरुद्ध हैं इसके पहले मैं उस भोले मेमने के समान था जो काट दिये जाने की प्रतीक्षा में हो। मैं नहीं समझता था कि वे मेरे विरुद्ध हैं। वे मेरे बारे में यह कह रहे थे: “आओ, हम लोग पेड़ और उसके फल को नष्ट कर दें। आओ हम उसे मार डालें। तब लोग उसे भूल जाएंगे।” 20 किन्तु यहोवा तू एक न्यायी न्यायाधीश है। तू लोगों के हृदय और मन की परीक्षा करना जानता है। मैं अपने तकर्ों को तेरे सामने प्रस्तुत करूँगा और मैं तुझको उन्हें दण्ड देने को कहूँगा जिसके वे पात्र हैं।

रोमियों 6:1-11

पाप के लिए मृत किन्तु मसीह में जीवित

तो फिर हम क्या कहें? क्या हम पाप ही करते रहें ताकि परमेश्वर का अनुग्रह बढ़ता रहे? निश्चय ही नहीं। हम जो पाप के लिए मर चुके हैं पाप में ही कैसे जियेंगे? या क्या तुम नहीं जानते कि हम, जिन्होंने यीशु मसीह में बपतिस्मा लिया है, उसकी मृत्यु का ही बपतिस्मा लिया है। सो उसकी मृत्यु में बपतिस्मा लेने से हम भी उसके साथ ही गाड़ दिये गये थे ताकि जैसे परमपिता की महिमामय शक्ति के द्वारा यीशु मसीह को मरे हुओं में से जिला दिया गया था, वैसे ही हम भी एक नया जीवन पायें।

क्योंकि जब हम उसकी मृत्यु में उसके साथ रहे हैं तो उसके जैसे पुनरुत्थान में भी उसके साथ रहेंगे। हम यह जानते हैं कि हमारा पुराना व्यक्तित्व यीशु के साथ ही क्रूस पर चढ़ा दिया गया था ताकि पाप से भरे हमारे शरीर नष्ट हो जायें। और हम आगे के लिये पाप के दास न बने रहें। क्योंकि जो मर गया वह पाप के बन्धन से छुटकारा पा गया।

और क्योंकि हम मसीह के साथ मर गये, सो हमारा विश्वास है कि हम उसी के साथ जियेंगे भी। हम जानते हैं कि मसीह जिसे मरे हुओं में से जीवित किया था अमर है। उस पर मौत का वश कभी नहीं चलेगा। 10 जो मौत वह मरा है, वह सदा के लिए पाप के लिए मरा है किन्तु जो जीवन वह जी रहा है, वह जीवन परमेश्वर के लिए है। 11 इसी तरह तुम अपने लिए भी सोचो कि तुम पाप के लिए मर चुके हो किन्तु यीशु मसीह में परमेश्वर के लिए जीवित हो।

यूहन्ना 8:33-47

33 इस पर उन्होंने यीशु से प्रश्न किया, “हम इब्राहीम के वंशज हैं और हमने कभी किसी की दासता नहीं की। फिर तुम कैसे कहते हो कि तुम मुक्त हो जाओगे?”

34 यीशु ने उत्तर देते हुए कहा, “मैं तुमसे सत्य कहता हूँ। हर वह जो पाप करता रहता है, पाप का दास है। 35 और कोई दास सदा परिवार के साथ नहीं रह सकता। केवल पुत्र ही सदा साथ रह सकता है। 36 अतः यदि पुत्र तुम्हें मुक्त करता है तभी तुम वास्तव में मुक्त हो। मैं जानता हूँ तुम इब्राहीम के वंश से हो। 37 पर तुम मुझे मार डालने का यत्न कर रहे हो। क्योंकि मेरे उपदेशों के लिये तुम्हारे मन में कोई स्थान नहीं है। 38 मैं वही कहता हूँ जो मुझे मेरे पिता ने दिखाया है और तुम वह करते हो जो तुम्हारे पिता से तुमने सुना है।”

39 इस पर उन्होंने यीशु को उत्तर दिया, “हमारे पिता इब्राहीम हैं।”

यीशु ने कहा, “यदि तुम इब्राहीम की संतान होते तो तुम वही काम करते जो इब्राहीम ने किये थे। 40 पर तुम तो अब मुझे यानी एक ऐसे मनुष्य को, जो तुमसे उस सत्य को कहता है जिसे उसने परमेश्वर से सुना है, मार डालना चाहते हो। इब्राहीम ने तो ऐसा नहीं किया। 41 तुम अपने पिता के कार्य करते हो।”

फिर उन्होंने यीशु से कहा, “हम व्यभिचार के परिणाम स्वरूप पैदा नहीं हुए हैं। हमारा केवल एक पिता है और वह है परमेश्वर।”

42 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, “यदि परमेश्वर तुम्हारा पिता होता तो तुम मुझे प्यार करते क्योंकि मैं परमेश्वर में से ही आया हूँ। और अब मैं यहाँ हूँ। मैं अपने आप से नहीं आया हूँ। बल्कि मुझे उसने भेजा है। 43 मैं जो कह रहा हूँ उसे तुम समझते क्यों नहीं? इसका कारण यही है कि तुम मेरा संदेश नहीं सुनते। 44 तुम अपने पिता शैतान की संतान हो। और तुम अपने पिता की इच्छा पर चलना चाहते हो। वह प्रारम्भ से ही एक हत्यारा था। और उसने सत्य का पक्ष कभी नहीं लिया। क्योंकि उसमें सत्य का कोई अंश तक नहीं है। जब वह झूठ बोलता है तो सहज भाव से बोलता है क्योंकि वह झूठा है और सभी झूठों को जन्म देता है।

45 “पर क्योंकि मैं सत्य कह रहा हूँ, तुम लोग मुझमें विश्वास नहीं करोगे। 46 तुममें से कौन मुझ पर पापी होने का लांछन लगा सकता है। यदि मैं सत्य कहता हूँ, तो तुम मेरा विश्वास क्यों नहीं करते? 47 वह व्यक्ति जो परमेश्वर का है, परमेश्वर के वचनों को सुनता है। इसी कारण तुम मेरी बात नहीं सुनते कि तुम परमेश्वर के नहीं हो।”

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