Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 45

संगीत निर्देशक के लिए शोकन्नीभ की संगत पर कोरह परिवार का एक कलात्मक प्रेम प्रगीत।

सुन्दर शब्द मेरे मन में भर जाते हैं,
    जब मैं राजा के लिये बातें लिखता हूँ।
मेरे जीभ पर शष्द ऐसे आने लगते हैं
    जैसे वे किसी कुशल लेखक की लेखनी से निकल रहे हैं।

तू किसी भी और से सुन्दर है!
    तू अति उत्तम वक्ता है।
    सो तुझे परमेश्वर आशीष देगा!
तू तलवा धारण कर।
    तू महिमित वस्त्र धारण कर।
तू अद्भुत दिखता है! जा, धर्म ओर न्याय का युद्ध जीत।
    अद्भुत कर्म करने के लिये शक्तिपूर्ण दाहिनी भुजा का प्रयोग कर।
तेरे तीर तत्पर हैं। तू बहुतेरों को पराजित करेगा।
    तू अपने शत्रुओं पर शासन करेगा।
हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन अमर है!
    तेरा धर्म राजदण्ड है।
तू नेकी से प्यार और बैर से द्वेष करता है।
    सो परमेश्वर तेरे परमेश्वर ने तेरे साथियों के ऊपर
    तुझे राजा चुना है।
तेरे वस्त्र महक रहे है जैसे गंध रास, अगर और तेज पात से मधुर गंध आ रही।
    हाथी दाँत जड़ित राज महलों से तुझे आनन्दित करने को मधुर संगीत की झँकारे बिखरती हैं।
तेरी माहिलायें राजाओं की कन्याएँ है।
    तेरी महारानी ओपीर के सोने से बने मुकुट पहने तेरे दाहिनी ओर विराजती हैं।

10 हे राजपुत्री, मेरी बात को सुन।
    ध्यानपूर्वक सुन, तब तू मेरी बात को समझेगी।
तू अपने निज लोगों और अपने पिता के घराने को भूल जा।
11     राजा तेरे सौन्दर्य पर मोहित है।
यह तेरा नया स्वामी होगा।
    तुझको इसका सम्मान करना है।
12 सूर नगर के लोग तेरे लिये उपहार लायेंगे।
    और धनी मानी तुझसे मिलना चाहेंगे।

13 वह राजकन्या उस मूल्यवान रत्न सी है
    जिसे सुन्दर मूल्यवान सुवर्ण में जड़ा गया हो।
14 उसे रमणीय वस्त्र धारण किये लाया गया है।
    उसकी सखियों को भी जो उसके पिछे हैं राजा के सामने लाया गया।
15 वे यहाँ उल्लास में आयी हैं।
    वे आनन्द में मगन होकर राजमहल में प्रवेश करेंगी।

16 राजा, तेरे बाद तेरे पुत्र शासक होंगे।
    तू उन्हें समूचे धरती का राजा बनाएगा।
17 तेरे नाम का प्रचार युग युग तक करुँगा।
    तू प्रसिद्ध होगा, तेरे यश गीतों को लोग सदा सर्वदा गाते रहेंगे।

भजन संहिता 47-48

संगीत निर्देशक के लिए कोरह परिवार का एक भक्ति गीत।

हे सभी लोगों, तालियाँ बजाओ।
    और आनन्द में भर कर परमेश्वर का जय जयकार करो।
महिमा महिम यहोव भय और विस्मय से भरा है।
    सरी धरती का वही सम्राट है।
उसने अदेश दिया और हमने राष्ट्रों को पराजित किया
    और उन्हें जीत लिया।
हमारी धरती उसने हमारे लिये चुनी है।
    उसने याकूब के लिये अद्भुत धरती चुनी। याकूब वह व्यक्ति है जिसे उसने प्रेम किया।

यहोवा परमेश्वर तुरही की ध्वनि
    और युद्ध की नरसिंगे के स्वर के साथ ऊपर उठता है।
परमेश्वर के गुणगान करते हुए गुण गाओ।
    हमारे राजा के प्रशंसा गीत गाओ। और उसके यशगीत गाओ।
परमेश्वर सारी धरती का राजा है।
    उसके प्रशंसा गीत गाओ।
परमेश्वर अपने पवित्र सिंहासन पर विराजता है।
    परमेश्वर सभी राष्ट्रों पर शासन करता है।
राष्ट्रों के नेता,
    इब्राहीम के परमेश्वर के लोगों के साथ मिलते हैं।
सभी राष्ट्रों के नेता, परमेश्वर के हैं।
    परमेश्वर उन सब के ऊपर है।

एक भक्ति गीत; कोरह परीवार का एक पद।

यहोवा महान है!
    वह परमेश्वर के नगर, उसके पवित्र नगर में प्रशंसनीय है।
परमेश्वर का पवित्र नगर एक सुन्दर नगर है।
    धरती पर वह नगर सर्वाधिक प्रसन्न है।
सिय्योन पर्वत सबसे अधिक ऊँचा और सर्वाधिक पवित्र है।
    यह नगर महा सम्राट का है।
उस नगर के महलों में
    परमेश्वर को सुरक्षास्थल कहा जाता है।
एकबार कुछ राजा आपस में आ मिले
    और उन्हेंने इस नगर पर आक्रमण करने का कुचक्र रचा।
सभी साथ मिलकर चढ़ाई के लिये आगे बढ़े।
    राजा को देखकर वे सभी चकित हुए।
    उनमें भगदड़ मची और वे सभी भाग गए।
उन्हें भय ने दबोचा,
    वे भय से काँप उठे!
प्रचण्ड पूर्वी पवन ने
    उनके जलयानों को चकनाचूर कर दिया।
हाँ, हमने उन राजाओं की कहानी सुनी है
    और हमने तो इसको सर्वशक्तिमान यहोवा के नगर में हमारे परमेश्वर के नगर में घटते हुए भी देखा।
यहोवा उस नगर को सुदृढ़ बनाएगा।

हे परमेश्वर, हम तेरे मन्दिर में तेरी प्रेमपूर्ण करूणा पर मनन करते हैं।
10 हे परमेश्वर, तू प्रसिद्ध है।
    लोग धरती पर हर कहीं तेरी स्तुति करते हैं।
    हर मनुष्य जानता है कि तू कितना भला है।
11 हे परमेश्वर, तेरे उचित न्याय के कारण सिय्योन पर्वत हर्षित है।
    और यहूदा की नगरियाँ आनन्द मना रही हैं।
12 सिय्योन की परिक्रमा करो। नगरी के दर्शन करो।
    तुम बुर्जो (मीनारों) को गिनो।
13 ऊँचे प्राचीरों को देखो।
    सिय्योन के महलों को सराहो।
तभी तुम आने वाली पीढ़ी से इसका बखान कर सकोगे।
14 सचमुच हमारा परमेश्वर सदा सर्वदा परमेश्वर रहेगा।
    वह हमको सदा ही राह दिखाएगा। उसका कभी भी अंत नहीं होगा।

व्यवस्था विवरण 12:1-12

परमेश्वर की उपासना का स्थान

12 “ये विधियाँ और नियम हैं जिनका जीवन भर पालन करने के लिए तुम्हें सावधान रहना चाहिए। तुम्हें इन नियमों का पालन तब तक करना चाहिए जब तक तुम उस देश में रहो जिसे यहोवा तुम्हारे पूर्वजों का परमेश्वर, तुमको दे रहा है। तुम उस प्रदेश को उन राष्ट्रों से लोगे जो अब वहाँ रह रहे हैं। तुम्हें उन सभी जगहों को पूरी तरह नष्ट कर देना चाहिए जहाँ ये राष्ट्र अपने देवताओं की पूजा करते हैं। ये स्थान ऊँचे पहाड़ों, पहाड़ियों और हरे वृक्षों के नीचे हैं। तुम्हें उनकी वेदियों को नष्ट करना चाहिए और उनके विशेष पत्थरों को टुकड़े—टुकड़े कर देना चाहिए। तुन्हें उनके अशेरा स्तम्भों को जलाना चाहिए। उनके देवताओं की मूर्तियों को काट डालना चाहिए और उनके नाम वहाँ से मिटा देना चाहिये।

“किन्तु तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर की उपासना उस प्रकार नहीं करनी चाहिए जिस प्रकार वे लोग अपने देवताओं की पूजा करते हैं। यहोवा तुम्हारा परमेश्वर अपने मन्दिर के लिए तुम्हारे परिवार समूह से विशेष स्थान चुनेगा। वह वहाँ अपना नाम प्रतिष्ठिट करेगा। तुम्हें उसकी उपासना करने के लिए उस स्थान पर जाना चाहिए। वहाँ तुम्हें अपनी होमबलि, अपनी बलियाँ, दशमांश, अपनी विशेष भेंट, यहोवा को वचन दी गई कोई भेंट, अपनी स्वेच्छा भेंट और अपने मवेशियों के झुण्ड एवं रेवड़ के पहलौठे बच्चे लाने चाहिए। तुम और तुम्हारे परिवार वहाँ भोजन करेंगे और यहोवा तुम्हारा परमेश्वर वहाँ तुम्हारे साथ होगा। जिन अच्छी चीजों के लिये तुमने काम किया है उसका भोग तुम करोगे, क्योंकि यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने तुमको आशीर्वाद दिया है।

“उस समय तुम्हें उसी प्रकार उपासना करते नहीं रहना चाहिए जिस प्रकार हम उपासना करते आ रहे हैं। अभी तक हममें से हर एक जैसा चाहे परमेश्वर की उपासना कर रहा था। क्यों? क्योंकि अभी तक हम उस शान्त देश में नहीं पहुँचे थे जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें दे रहा है। 10 लेकिन तुम यरदन नदी को पार करोगे और उस देश में रहोगे जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें दे रहा है। वहाँ यहोवा तुम्हें सभी शत्रुओं से चैन से रहने देगा और तुम सुरक्षित रहोगे। 11 तब यहोवा अपने लिये विशेष स्थान चुनेगा वह वहाँ अपना नाम प्रतिष्ठित करेगा और तुम उन सभी चीजों को वहीं लाओगे जिनके लिए मैं आदेश दे रहा हूँ। वहीं तुम अपनी होमबलि, अपनी बलियाँ, दशमांश, अपनी विशेष भेंट, यहोवा को वचन दी गई भेंट, अपनी स्वेच्छा भेंट और अपने मवेशियों के झुण्ड एवं रेवड़ का पहलौठा बच्चा लाओ। 12 उस स्थान पर तुम अपने सभी लोगों, अपने बच्चों, सभी सेवकों और अपने नगर में रहने वाले सभी लेवीवंशियों के साथ इकट्ठे होओ। (ये लेवीवंशी अपने लिए भूमि का कोई भाग नहीं पाएंगे।) यहोवा अपने परमेश्वर के साथ वहाँ आनन्द मनाओ।

2 कुरिन्थियों 6:3-7:1

हम किसी के लिए कोई विरोध उपस्थित नहीं करते जिससे हमारे काम में कोई कमी आये। बल्कि परमेश्वर के सेवक के रूप में हम हर तरह से अपने आप को अच्छा सिद्ध करते रहते हैं। धैर्य के साथ सब कुछ सहते हुए यातनाओं के बीच, विपत्तियों के बीच, कठिनाइयों के बीच मार खाते हुए, बन्दीगृहों में रहते हुए, अशांति के बीच, परिश्रम करते हुए, रातों-रात पलक भी न झपका कर, भूखे रह कर अपनी पवित्रता, ज्ञान और धैर्य से, अपनी दयालुता, पवित्र आत्मा के वरदानों और सच्चे प्रेम, अपने सच्चे संदेश और परमेश्वर की शक्ति से नेकी को ही अपने दायें-बायें हाथों में ढाल के रूप में लेकर

हम आदर और निरादर के बीच अपमान और सम्मान में अपने को उपस्थित करते रहते हैं। हमें ठग समझा जाता है, यद्यपि हम सच्चे हैं। हमें गुमनाम समझा जाता है, जबकि हमें सभी जानते हैं। हमें मरते हुओं सा जाना जाता है, पर देखो हम तो जीवित हैं। हमें दण्ड भोगते हुओं सा जाना जाता है, तब भी देखो हम मृत्यु को नहीं सौंपे जा रहे हैं। 10 हमें शोक से व्याकुल समझा जाता है, जबकि हम तो सदा ही प्रसन्न रहते हैं। हम दीन-हीनों के रूप में जाने जाते हैं, जबकि हम बहुतों को वैभवशाली बना रहे हैं। लोग समझते हैं हमारे पास कुछ नहीं है, जबकि हमारे पास तो सब कुछ है।

11 हे कुरिन्थियो, हमने तुमसे पूरी तरह खुल कर बातें की हैं। तुम्हारे लिये हमारा मन खुला है। 12 हमारा प्रेम तुम्हारे लिये कम नहीं हुआ है। किन्तु तुमने हमसे प्यार करना रोक दिया है। 13 तुम्हें अपना बच्चा समझते हुए मैं कह रहा हूँ कि बदले में अपना मन तुम्हें भी हमारे लिये पूरी तरह खुला रखना चाहिए।

हम परमेश्वर के मन्दिर हैं

14 अविश्वासियों के साथ बेमेल संगत मत करो क्योंकि नेकी और बुराई की भला कैसी समानता? या प्रकाश और अंधेरे में भला मित्रता कैसे हो सकती है? 15 ऐसे ही मसीह का शैतान से कैसा तालमेल? अथवा अविश्वासी के साथ विश्वासी का कैसा साझा? 16 परमेश्वर के मन्दिर का मूर्तियों से क्या नाता? क्योंकि हम स्वयं उस सजीव परमेश्वर के मन्दिर हैं, जैसा कि परमेश्वर ने कहा था:

“मैं उनमें निवास करूँगा; चलूँ फिरूँगा,
मैं उनका परमेश्वर होऊँगा और वे मेरे जन बनेंगे।”(A)

17 “इसलिए तुम उनमें से बाहर आ जाओ,
    उनसे अपने को अलग करो,
अब तुम कभी कुछ भी न छूओ जो अशुद्ध है
    तब मैं तुमको अपनाऊँगा।”(B)

18 “और मैं तुम्हारा पिता बनूँगा,
    तुम मेरे पुत्र और पुत्री होगे, सर्वशक्तिमान प्रभु यह कहता है।”(C)

हे प्रिय मित्रो, क्योंकि हमारे पास ये प्रतिज्ञाएँ हैं। इसलिये आओ, परमेश्वर के प्रति श्रद्धा के कारण हम अपनी पवित्रता को परिपूर्ण करते हुए अपने बाहरी और भीतरी सभी दोषों को धो डालें।

लूका 17:11-19

आभारी रहो

11 फिर जब यीशु यरूशलेम जा रहा था तो वह सामरिया और गलील के बीच की सीमा के पास से निकला। 12 जब वह एक गाँव में जा रहा था तभी उसे दस कोढ़ी मिले। वे कुछ दूरी पर खड़े थे। 13 वे ऊँचे स्वर में पुकार कर बोले, “हे यीशु! हे स्वामी! हम पर दया कर!”

14 फिर जब उसने उन्हें देखा तो वह बोला, “जाओ और अपने आप को याजकों को दिखाओ।”

वे अभी जा ही रहे थे कि वे कोढ़ से मुक्त हो गये। 15 किन्तु उनमें से एक ने जब यह देखा कि वह शुद्ध हो गया है, तो वह वापस लौटा और ऊँचे स्वर में परमेश्वर की स्तुति करने लगा। 16 वह मुँह के बल यीशु के चरणों में गिर पड़ा और उसका आभार व्यक्त किया। (और देखो, वह एक सामरी था।) 17 यीशु ने उससे पूछा, “क्या सभी दस के दस कोढ़ से मुक्त नहीं हो गये? फिर वे नौ कहाँ हैं? 18 क्या इस परदेसी को छोड़ कर उनमें से कोई भी परमेश्वर की स्तुति करने वापस नहीं लौटा।” 19 फिर यीशु ने उससे कहा, “खड़ा हो और चला जा, तेरे विश्वास ने तुझे अच्छा किया है।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International