Book of Common Prayer
मन्दिर का आरोहण गीत।
1 मैं ऊपर पर्वतों को देखता हूँ।
किन्तु सचमुच मेरी सहायता कहाँ से आएगी
2 मुझको तो सहारा यहोवा से मिलेगा जो स्वर्ग
और धरती का बनाने वाला है।
3 परमेश्वर तुझको गिरने नहीं देगा।
तेरा बचानेवाला कभी भी नहीं सोएगा।
4 इस्राएल का रक्षक कभी भी ऊँघता नहीं है।
यहोवा कभी सोता नहीं है।
5 यहोवा तेरा रक्षक है।
यहोवा अपनी महाशक्ति से तुझको बचाता है।
6 दिन के समय सूरज तुझे हानि नहीं पहुँचा सकता।
रात में चाँद तेरी हानि नहीं कर सकता।
7 यहोवा तुझे हर संकट से बचाएगा।
यहोवा तेरी आत्मा की रक्षा करेगा।
8 आते और जाते हुए यहोवा तेरी रक्षा करेगा।
यहोवा तेरी सदा सर्वदा रक्षा करेगा!
दाऊद का एक आरोहणगीत।
1 जब लोगों ने मुझसे कहा,
“आओ, यहोवा के मन्दिर में चलें तब मैं बहुत प्रसन्न हुआ।”
2 यहाँ हम यरूशलेम के द्वारों पर खड़े हैं।
3 यह नया यरूशलेम है।
जिसको एक संगठित नगर के रूप में बनाया गया।
4 ये परिवार समूह थे जो परमेश्वर के वहाँ पर जाते हैं।
इस्राएल के लोग वहाँ पर यहोवा का गुणगान करने जाते हैं। वे वह परिवार समूह थे जो यहोवा से सम्बन्धित थे।
5 यही वह स्थान है जहाँ दाऊद के घराने के राजाओं ने अपने सिंहासन स्थापित किये।
उन्होंने अपना सिंहासन लोगों का न्याय करने के लिये स्थापित किया।
6 तुम यरूशलेम में शांति हेतू विनती करो।
“ऐसे लोग जो तुझसे प्रेम रखते हैं, वहाँ शांति पावें यह मेरी कामना है।
7 तुम्हारे परकोटों के भीतर शांति का वास है। यह मेरी कामना है।
तुम्हारे विशाल भवनों में सुरक्षा बनी रहे यह मेरी कामना है।”
8 मैं प्रार्थना करता हूँ अपने पड़ोसियों के
और अन्य इस्राएलवासियों के लिये वहाँ शांति का वास हो।
9 हे यहोवा, हमारे परमेश्वर के मन्दिर के भले हेतू
मैं प्रार्थना करता हूँ, कि इस नगर में भली बाते घटित हों।
आरोहण गीत।
1 हे परमेश्वर, मैं ऊपर आँख उठाकर तेरी प्रार्थना करता हूँ।
तू स्वर्ग में राजा के रूप में विराजता है।
2 दास अपने स्वामियों के ऊपर उन वस्तुओं के लिए निर्भर रहा करते हैं। जिसकी उनको आवश्यकता है।
दासियाँ अपनी स्वामिनियों के ऊपर निर्भर रहा करती हैं।
इसी तरह हमको यहोवा का, हमारे परमेश्वर का भरोसा है।
ताकि वह हम पर दया दिखाए, हम परमेश्वर की बाट जोहते हैं।
3 हे यहोवा, हम पर कृपालु है।
दयालु हो क्योंकि बहुत दिनों से हमारा अपमान होता रहा है।
4 अहंकारी लोग बहुत दिनों से हमें अपमानित कर चुके हैं।
ऐसे लोग सोचा करते हैं कि वे दूसरे लोगों से उत्तम हैं।
आरोहण गीत।
1 हे यहोवा, मैं अभिमानी नहीं हूँ।
मैं महत्वपूर्ण होने का जतन नहीं करता हूँ।
मैं वो काम करने का जतन नहीं करता हूँ जो मेरे लिये बहुत कठिन हैं।
ऐसी उन बातों की मुझे चिंता नहीं है।
2 मैं निश्चल हूँ, मेरी आत्मा शांत है।
मेरी आत्मा शांत और अचल है,
जैसे कोई शिशु अपनी माता की गोद में तृप्त होता है।
3 इस्राएल, यहोवा पर भरोसा रखो।
उसका भरोसा रखो, अब और सदा सदा ही उसका भरोसा रखो!
मन्दिर का आरोहण गीत।
1 हे यहोवा, जैसे दाऊद ने यातनाएँ भोगी थी, उसको याद कर।
2 किन्तु दाऊद ने यहोवा की एक मन्नत मानी थी।
दाऊद ने इस्राएल के पराक्रमी परमेश्वर की एक मन्नत मानी थी।
3 दाऊद ने कहा था: “मैं अपने घर में तब तक न जाऊँगा,
अपने बिस्तर पर न ही लेटूँगा,
4 न ही सोऊँगा।
अपनी आँखों को मैं विश्राम तक न दूँगा।
5 इसमें से मैं कोई बात भी नहीं करूँगा जब तक मैं यहोवा के लिए एक भवन न प्राप्त कर लूँ।
मैं इस्राएल के शक्तिशाली परमेश्वर के लिए एक मन्दिर पा कर रहूँगा!”
6 एप्राता में हमने इसके विषय में सुना,
हमें किरीयथ योरीम के वन में वाचा की सन्दूक मिली थी।
7 आओ, पवित्र तम्बू में चलो।
आओ, हम उस चौकी पर आराधना करें, जहाँ पर परमेश्वर अपने चरण रखता है।
8 हे यहोवा, तू अपनी विश्राम की जगह से उठ बैठ,
तू और तेरी सामर्थ्यवान सन्दूक उठ बैठ।
9 हे यहोवा, तेरे याजक धार्मिकता धारण किये रहते हैं।
तेरे जन बहुत प्रसन्न रहते हैं।
10 तू अपने चुने हुये राजा को
अपने सेवक दाऊद के भले के लिए नकार मत।
11 यहोवा ने दाऊद को एक वचन दिया है कि दाऊद के प्रति वह सच्चा रहेगा।
यहोवा ने वचन दिया है कि दाऊद के वंश से राजा आयेंगे।
12 यहोवा ने कहा था, “यदि तेरी संतानें मेरी वाचा पर और मैंने उन्हें जो शिक्षाएं सिखाई उन पर चलेंगे तो
फिर तेरे परिवार का कोई न कोई सदा ही राजा रहेगा।”
13 अपने मन्दिर की जगह के लिए यहोवा ने सिय्योन को चुना था।
यह वह जगह है जिसे वह अपने भवन के लिये चाहता था।
14 यहोवा ने कहा था, “यह मेरा स्थान सदा सदा के लिये होगा।
मैंने इसे चुना है ऐसा स्थान बनने को जहाँ पर मैं रहूँगा।
15 भरपूर भोजन से मैं इस नगर को आशीर्वाद दूँगा,
यहाँ तक कि दीनों के पास खाने को भर—पूर होगा।
16 याजकोंको मैं उद्धार का वस्त्र पहनाऊँगा,
और यहाँ मेरे भक्त बहुत प्रसन्न रहेंगे।
17 इस स्थान पर मैं दाऊद को सुदृढ करुँगा।
मैं अपने चुने राजा को एक दीपक दूँगा।
18 मैं दाऊद के शत्रुओं को लज्जा से ढक दूँगा
और दाऊद का राज्य बढाऊँगा।”
यहोवा अपने लोगों का न्याय करता है
63 यह कौन है जो एदोम से आ रहा है,
यह बोस्रा की नगरी से लाल धब्बों से युक्त कपड़े पहने आ रहा है।
वह अपने वस्त्रों में अति भव्य दिखता है।
वह लम्बे डग बढ़ाता हुआ अपनी महाशक्ति के साथ आ रहा है।
और मैं सच्चाई से बोलता हूँ।
2 “तू ऐसे वस्त्र जो लाल धब्बों से युक्त हैं?
क्यों पहनता है तेरे वस्त्र ऐसे लाल क्यों हैं जैसे उस व्यक्ति के जो अंगूर से दाखमधु बनाता है”
3 वह उत्तर देता है, “दाखमधु के कुंडे में मैंने अकेले ही दाख रौंदी।
किसी ने भी मुझको सहायता नहीं दी।
मैं क्रोधित था और मैंने लोगों को रौंदा जैसे अंगूर दाखमधु बनाने के लिये रौंदे जाते हैं।
रस छिटकर मेरे वस्त्रों में लगा।
4 मैंने राष्ट्रों को दण्ड देने के लिये एक समय चुना।
मेरा वह समय आ गया कि मैं अपने लोगों को बचाऊँ और उनकी रक्षा करूँ।
5 मैं चकित हुआ कि किसी भी व्यक्ति ने मेरा समर्थन नहीं किया।
इसलिये मैंने अपनी शक्ति का प्रयोग अपने लोगों को बचाने के लिये किया।
स्वयं मेरे अपने क्रोध ने ही मेरा समर्थन किया।
थूआतीरा की कलीसिया को मसीह का सन्देश
18 “थूआतीरा की कलीसिया के स्वर्गदूत के नाम:
“परमेश्वर का पुत्र, जिसके नेत्र धधकती आग के समान हैं, तथा जिसके चरण शुद्ध काँसे के जैसे हैं, इस प्रकार कहता है:
19 “मैं तेरे कर्मों, तेरे विश्वास, तेरी सेवा तथा तेरी धैर्यपूर्ण सहनशक्ति को जानता हूँ। मैं जानता हूँ कि अब तू जितना पहले किया करता था, उससे अधिक कर रहा है। 20 किन्तु मेरे पास तेरे विरोध में यह है: तू इजेबेल नाम की उस स्त्री को सह रहा है जो अपने आपको नबी कहती है। अपनी शिक्षा से वह मेरे सेवकों को व्यभिचार के प्रति तथा मूर्तियों का चढ़ावा खाने को प्रेरित करती है। 21 मैंने उसे मन फिराने का अवसर दिया है किन्तु वह परमेश्वर के प्रति व्यभिचार के लिए मन फिराना नहीं चाहती।
22 “इसलिए अब मैं उसे पीड़ा की शैया पर डालने ही वाला हूँ। तथा उन्हें भी जो उसके साथ व्यभिचार में सम्मिलित हैं। ताकि वे उस समय तक गहन पीड़ा का अनुभव करते रहें जब तक वे उसके साथ किए अपने बुरे कर्मों के लिए मन न फिरावें। 23 मैं महामारी से उसके बच्चों को मार डालूँगा और सभी कलीसियाओं को यह पता चल जाएगा कि मैं वही हूँ जो लोगों के मन और उनकी बुद्धि को जानता है। मैं तुम सब लोगों को तुम्हारे कर्मो के अनुसार दूँगा।
24 “अब मुझे थूआतीरा के उन शेष लोगों से कुछ कहना है जो इस सीख पर नहीं चलते और जो शैतान के तथा कथित गहन रहस्यों को नहीं जानते। मुझे तुम पर कोई और बोझ नहीं डालना है। 25 किन्तु जो तुम्हारे पास है, उस पर मेरे आने तक चलते रहो।
26 “जो विजय प्राप्त करेगा और जिन बातों का मैंने आदेश दिया है, अंत तक उन पर टिका रहेगा, मैं उन्हें जातियों पर अधिकार दूँगा। 27 तथा वह उन पर लोहे के डण्डे से शासन करेगा। वह उन्हें माटी के भाँड़ों की तरह चूर-चूर कर देगा।[a] 28 यह वही अधिकार है जिसे मैंने अपने परम पिता से पाया है। मैं भी उस व्यक्ति को भोर का तारा दूँगा। 29 जिसके पास कान हैं, वह सुने कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कह रहा है।
तालाब पर ला-इलाज रोगी का ठीक होना
5 इसके बाद यीशु यहूदियों के एक उत्सव में यरूशलेम गया। 2 यरूशलेम में भेड़-द्वार के पास एक तालाब है, इब्रानी भाषा में इसे “बेतहसदा” कहा जाता है। इसके किनारे पाँच बरामदे बने हैं 3 जिनमें नेत्रहीन, अपंग और लकवे के बीमारों की भीड़ पड़ी रहती है।[a] 4 [b] 5 इन रोगियों में एक ऐसा मरीज़ भी था जो अड़तीस वर्ष से बीमार था। 6 जब यीशु ने उसे वहाँ लेटे देखा और यह जाना कि वह इतने लम्बे समय से बीमार है तो यीशु ने उससे कहा, “क्या तुम नीरोग होना चाहते हो?”
7 रोगी ने जवाब दिया, “हे प्रभु, मेरे पास कोई नहीं है जो जल के हिलने पर मुझे तालाब में उतार दे। जब मैं तालाब में जाने को होता हूँ, सदा कोई दूसरा आदमी मुझसे पहले उसमें उतर जाता है।”
8 यीशु ने उससे कहा, “खड़ा हो, अपना बिस्तर उठा और चल पड़।” 9 वह आदमी तत्काल अच्छा हो गया। उसने अपना बिस्तर उठाया और चल दिया।
उस दिन सब्त का दिन था। 10 इस पर यहूदियों ने उससे, जो नीरोग हुआ था, कहना शुरू किया, “आज सब्त का दिन है और हमारे नियमों के यह विरुद्ध है कि तू अपना बिस्तर उठाए।”
11 इस पर उसने जवाब दिया, “जिसने मुझे अच्छा किया है उसने कहा है कि अपना बिस्तर उठा और चल।”
12 उन लोगों ने उससे पूछा, “वह कौन व्यक्ति है जिसने तुझसे कहा था, अपना बिस्तर उठा और चल?”
13 पर वह व्यक्ति जो ठीक हुआ था, नहीं जानता था कि वह कौन था क्योंकि उस जगह बहुत भीड़ थी और यीशु वहाँ से चुपचाप चला गया था।
14 इसके बाद यीशु ने उस व्यक्ति को मन्दिर में देखा और उससे कहा, “देखो, अब तुम नीरोग हो, इसलिये पाप करना बन्द कर दो। नहीं तो कोई और बड़ा कष्ट तुम पर आ सकता है।” फिर वह व्यक्ति चला गया।
15 और यहूदियों से आकर उसने कहा कि उसे ठीक करने वाला यीशु था।
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