Book of Common Prayer
मन्दिर का आरोहण गीत।
1 मैं संकट में पड़ा था, सहारा पाने के लिए
मैंने यहोवा को पुकारा
और उसने मुझे बचा लिया।
2 हे यहोवा, मुझे तू उन ऐसे लोगों से बचा ले
जिन्होंने मेरे विषय में झूठ बोला है।
3 अरे ओ झूठों, क्या तुम यह जानते हो
कि परमेश्वर तुमको कैसे दण्ड देगा
4 तुम्हें दण्ड देने के लिए परमेश्वर योद्धा के नुकीले तीर और धधकते हुए अंगारे काम में लाएगा।
5 झूठों, तुम्हारे निकट रहना ऐसा है, जैसे कि मेशेक के देश में रहना।
यह रहना ऐसा है जैसे केवार के खेतों में रहना है।
6 जो शांति के बैरी है ऐसे लोगों के संग मैं बहुत दिन रहा हूँ।
7 मैंने यह कहा था मुझे शांति चाहिए क्यों वे लोग युद्ध को चाहते हैं।
मन्दिर का आरोहण गीत।
1 मैं ऊपर पर्वतों को देखता हूँ।
किन्तु सचमुच मेरी सहायता कहाँ से आएगी
2 मुझको तो सहारा यहोवा से मिलेगा जो स्वर्ग
और धरती का बनाने वाला है।
3 परमेश्वर तुझको गिरने नहीं देगा।
तेरा बचानेवाला कभी भी नहीं सोएगा।
4 इस्राएल का रक्षक कभी भी ऊँघता नहीं है।
यहोवा कभी सोता नहीं है।
5 यहोवा तेरा रक्षक है।
यहोवा अपनी महाशक्ति से तुझको बचाता है।
6 दिन के समय सूरज तुझे हानि नहीं पहुँचा सकता।
रात में चाँद तेरी हानि नहीं कर सकता।
7 यहोवा तुझे हर संकट से बचाएगा।
यहोवा तेरी आत्मा की रक्षा करेगा।
8 आते और जाते हुए यहोवा तेरी रक्षा करेगा।
यहोवा तेरी सदा सर्वदा रक्षा करेगा!
दाऊद का एक आरोहणगीत।
1 जब लोगों ने मुझसे कहा,
“आओ, यहोवा के मन्दिर में चलें तब मैं बहुत प्रसन्न हुआ।”
2 यहाँ हम यरूशलेम के द्वारों पर खड़े हैं।
3 यह नया यरूशलेम है।
जिसको एक संगठित नगर के रूप में बनाया गया।
4 ये परिवार समूह थे जो परमेश्वर के वहाँ पर जाते हैं।
इस्राएल के लोग वहाँ पर यहोवा का गुणगान करने जाते हैं। वे वह परिवार समूह थे जो यहोवा से सम्बन्धित थे।
5 यही वह स्थान है जहाँ दाऊद के घराने के राजाओं ने अपने सिंहासन स्थापित किये।
उन्होंने अपना सिंहासन लोगों का न्याय करने के लिये स्थापित किया।
6 तुम यरूशलेम में शांति हेतू विनती करो।
“ऐसे लोग जो तुझसे प्रेम रखते हैं, वहाँ शांति पावें यह मेरी कामना है।
7 तुम्हारे परकोटों के भीतर शांति का वास है। यह मेरी कामना है।
तुम्हारे विशाल भवनों में सुरक्षा बनी रहे यह मेरी कामना है।”
8 मैं प्रार्थना करता हूँ अपने पड़ोसियों के
और अन्य इस्राएलवासियों के लिये वहाँ शांति का वास हो।
9 हे यहोवा, हमारे परमेश्वर के मन्दिर के भले हेतू
मैं प्रार्थना करता हूँ, कि इस नगर में भली बाते घटित हों।
आरोहण गीत।
1 हे परमेश्वर, मैं ऊपर आँख उठाकर तेरी प्रार्थना करता हूँ।
तू स्वर्ग में राजा के रूप में विराजता है।
2 दास अपने स्वामियों के ऊपर उन वस्तुओं के लिए निर्भर रहा करते हैं। जिसकी उनको आवश्यकता है।
दासियाँ अपनी स्वामिनियों के ऊपर निर्भर रहा करती हैं।
इसी तरह हमको यहोवा का, हमारे परमेश्वर का भरोसा है।
ताकि वह हम पर दया दिखाए, हम परमेश्वर की बाट जोहते हैं।
3 हे यहोवा, हम पर कृपालु है।
दयालु हो क्योंकि बहुत दिनों से हमारा अपमान होता रहा है।
4 अहंकारी लोग बहुत दिनों से हमें अपमानित कर चुके हैं।
ऐसे लोग सोचा करते हैं कि वे दूसरे लोगों से उत्तम हैं।
दाऊद का एक मन्दिर का आरोहण गीत।
1 यदि बीते दिनों में यहोवा हमारे साथ नहीं होता तो हमारे साथ क्या घट गया होता
इस्राएल तू मुझको उत्तर दे
2 यदि बीते दिनों में यहोवा हमारे साथ नहीं होता तो हमारे साथ क्या घट गया होता
जब हम पर लोगों ने हमला किया था तब हमारे साथ क्या बीतती।
3 जब कभी हमारे शत्रु ने हम पर क्रोध किया,
तब वे हमें जीवित ही निगल लिये होते।
4 तब हमारे शत्रुओं की सेनाएँ
बाढ़ सी हमको बहाती हुई उस नदी के जैसी हो जाती
जो हमें डूबा रहीं हो।
5 तब वे अभिमानी लोग उस जल जैसे हो जाते
जो हमको डुबाता हुआ हमारे मुँह तक चढ़ रहा हो।
6 यहोवा के गुण गाओ।
यहोवा ने हमारे शत्रुओं को हमको पकड़ने नहीं दिया और न ही मारने दिया।
7 हम जाल में फँसे उस पक्षी के जैसे थे जो फिर बच निकला हो।
जाल छिन्न भिन्न हुआ और हम बच निकले।
8 हमारी सहायता यहोवा से आयी थी।
यहोवा ने स्वर्ग और धरती को बनाया है।
आरोहण गीत।
1 जो लोग यहोवा के भरोसे रहते हैं, वे सिय्योन पर्वत के जैसे होंगे।
उनको कभी कोई भी डिगा नहीं पाएगा।
वे सदा ही अटल रहेंगे।
2 यहोवा ने निज भक्तों को वैसे ही अपनी ओट में लिया है, जैसे यरूशलेम चारों ओर पहाड़ों से घिरा है।
यहोवा सदा और सर्वदा निज भक्तों की रक्षा करेगा।
3 बुरे लोग सदा धरती पर भलों के ऊपर शासन नहीं करेंगे,
यदी बुरे लोग ऐसा करने लग जायें तो संभव है सज्जन भी बुरे काम करने लगें।
4 हे यहोवा, तू भले लोगों के संग,
जिनके मन पवित्र हैं तू भला हो।
5 हे यहोवा, दुर्जनों को दण्ड दे,
जिन लोगों ने तेरा अनुसरण छोड़ा तू उनको दण्ड दे।
इस्राएल में शांति हो।
आरोहण गीत।
1 जब यहोवा हमें पुन: मुक्त करेगा तो यह ऐसा होगा
जैसे कोई सपना हो!
2 हम हँस रहे होंगे और खुशी के गीत गा रहे होंगे!
तब अन्य राष्ट्र के लोग कहेंगे,
“यहोवा ने इनके लिए महान कार्य किये हैं।”
3 दूसरे देशों के लोग ये बातें करेंगे इस्राएल के लोगों के लिए यहोवा ने एक अद्भुत काम किया है।
अगर यहोवा ने हमारे लिए वह अद्भुत काम किया तो हम प्रसन्न होंगे।
4 हे यहोवा, हमें तू स्वतंत्र कर दे,
अब तू हमें मरुस्थल के जल से भरे हुए जलधारा जैसा बना दे।
5 जब हमने बीज बोये, हम रो रहे थे,
किन्तु कटनी के समय हम खुशी के गीत गायेंगे!
6 हम बीज लेकर रोते हुए खेतों में गये।
सो आनन्द मनाने आओ क्योंकि हम उपज के लिए हुए आ रहे हैं।
सुलैमान का मन्दिर का आरोहण गीत।
1 यदि घर का निर्माता स्वयं यहोवा नहीं है,
तो घर को बनाने वाला व्यर्थ समय खोता है।
यदि नगर का रखवाला स्वयं यहोवा नहीं है,
तो रखवाले व्यर्थ समय खोते हैं।
2 यदि सुबह उठ कर तुम देर रात गए तक काम करो।
इसलिए कि तुम्हें बस खाने के लिए कमाना है,
तो तुम व्यर्थ समय खोते हो।
परमेश्वर अपने भक्तों का उनके सोते तक में ध्यान रखता है।
3 बच्चे यहोवा का उपहार है,
वे माता के शरीर से मिलने वाले फल हैं।
4 जवान के पुत्र ऐसे होते हैं
जैसे योद्धा के तरकस के बाण।
5 जो व्यक्ति बाण रुपी पुत्रों से तरकस को भरता है वह अति प्रसन्न होगा।
वह मनुष्य कभी हारेगा नहीं।
उसके पुत्र उसके शत्रुओं से सर्वजनिक स्थानों पर
उसकी रक्षा करेंगे।
1 यह नीनवे के विषय में एक दु:खद भविष्यवाणी है। यह पुस्तक नहूम के दर्शन की पुस्तक है। नहूम एल्कोश से था।
यहोवा नीनवे से कुपित है
2 यहोवा जलन रखने वाला परमेश्वर है।
यहोवा अपराधी लोगों को दण्ड देता है।
और यहोवा बहुत कुपित है!
यहोवा अपने शत्रुओं को दण्ड देता है।
वह अपने बैरियों पर क्रोधित रहता है।
3 यहोवा धैर्यशील है, किन्तु साथ ही वह बहुत महा सामर्थी है!
और यहोवा अपराधी लोगों को दण्ड देता है।
वह उन्हें ऐसे ही छुट कर नहीं चले जाने देगा।
देखो, यहोवा दुर्जनों को दण्ड देने आ रहा है।
वह अपनी शक्ति दिखाने के लिये बवण्डरों और तूफानों को काम में लायेगा।
मनुष्य तो धरती पर मिट्टी में चलता है, किन्तु यहोवा मेघों पर विचरता है!
4 यदि यहोवा सागर को घुड़के तो सागर भी सूख जाये।
सारी ही नदियों को वह सूखा सकत है!
बाशान और कर्म्मेल की हरी—भरी भूमि सूख कर मर जाया करती है।
लबानोन के फूल मुरझा कर गिर जाता हैं।
5 यहोवा का आगमन होगा
और पर्वत भय से काँपेंगे
और ये पहाड़ियाँ पिघलकर बह जायेंगी।
यहोवा का आगमन होगा
और यह धरती भय से काँप उठेगी।
यहजगत और जो कुछ इसमें है जो जीवित है,
भय से काँपेगा।
6 यहोवा के महाकोप का सामना कोई नहीं कर सकता,
कोई भी उसका भयानक कोप नहीं सह सकता।
उसका क्रोध आग सा धधकेगा।
जब वह पधारेगा तब चट्टानें चटकेंगी।
7 यहोवा संकट के काल में उत्तम है।
वह सुरक्षित शरण ऐसे उन लोगों का है जो उसके भरोसे हैं।
वह उनकी देख रेख करता है।
8 किन्तु वह अपने शत्रुओं को पूरी तरह नष्ट कर देगा।
वह उन्हें बाढ़ के समान बहा कर ले जायेगा।
अंधकार के बीच वह अपने शत्रुओं का पीछा करेगा।
9 क्या तुम यहोवा के विरोध में षड़यंत्र रच रहे हो
वह तेरा अंत कर देगा।
फिर और कोई दूसरी बार कभी यहोवा का विरोध नहीं करेगा!
10 तुम्हारे शत्रु उलझे हुये काँटों से नष्ट होंगे।
वे सूखी घास जैसे शीघ्र जल जायेंगे।
11 हे अश्शूर, एक व्यक्ति तुझसे ही अया है।
जिसने यहोवा के विरोध में षड़यंत्र रचे और उसने पाप पूर्ण सलाहें प्रदान कीं।
12 यहोवा ने यहूदा से यह बातें कहीं थी:
“अश्शूर की जनता पूर्ण शक्तिशाली है।
उनके पास बहुतेरे सैनिक हैं।
किन्तु उन सब को ही काट फेंका जायेगा।
सब का अंत किया जायेगा।
हे मेरे लोगों, मैंने तुमको बहुतेरे कष्ट दिये किन्तु अब आगे तुम्हें और कष्ट नहीं दूँगा।
13 मैं अब तुम्हें अश्शूर की शक्ति से मुक्त करूँगा।
तुम्हारे कन्धे से मैं वह जुआ उतार दूँगा।
तुम्हारी जंजीरे जिनमें तुम बंधे हो मैं अब तोड़ दूँगा।”
पवित्र जीवन के लिए बुलावा
13 इसलिए मानसिक रूप से सचेत रहो और अपने पर नियन्त्रण रखो। उस वरदान पर पूरी आशा रखो जो यीशु मसीह के प्रकट होने पर तुम्हें दिया जाने को है। 14 आज्ञा मानने वाले बच्चों के समान उस समय की बुरी इच्छाओं के अनुसार अपने को मत ढालो जो तुममें पहले थी, जब तुम अज्ञानी थे। 15 बल्कि जैसे तुम्हें बुलाने वाला परमेश्वर पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने प्रत्येक कर्म में पवित्र बनो। 16 शास्त्र भी ऐसा ही कहता है: “पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ।”(A)
17 और यदि तुम, प्रत्येक के कर्मों के अनुसार पक्षपात रहित होकर न्याय करने वाले परमेश्वर को हे पिता कह कर पुकारते हो तो इस परदेसी धरती पर अपने निवास काल में सम्मानपूर्ण भय के साथ जीवन जीओ। 18 तुम यह जानते हो कि चाँदी या सोने जैसी वस्तुओं से तुम्हें उस व्यर्थ जीवन से छुटकारा नहीं मिल सकता, जो तुम्हें तुम्हारे पूर्वजों से मिला है। 19 बल्कि वह तो तुम्हें निर्दोष और कलंक रहित मेमने के समान मसीह के बहुमूल्य रक्त से ही मिल सकता है। 20 इस जगत की सृष्टि से पहले ही उसे चुन लिया गया था किन्तु तुम लोगों के लिए उसे इन अंतिम दिनों में प्रकट किया गया। 21 उस मसीह के कारण ही तुम उस परमेश्वर में विश्वास करते रहे जिसने उसे मरे हुओं में से पुनर्जीवित कर दिया और उसे महिमा प्रदान की। इस प्रकार तुम्हारी आशा और तुम्हारा विश्वास परमेश्वर में स्थिर हो।
22 अब देखो जब तुमने सत्य का पालन करते हुए, सच्चे भाईचारे के प्रेम को प्रदर्शित करने के लिए अपने आत्मा को पवित्र कर लिया है तो पवित्र मन से तीव्रता के साथ परस्पर प्रेम करने को अपना लक्ष्य बना लो। 23 तुमने नाशमान बीज से पुर्नजीवन प्राप्त नहीं किया है बल्कि यह उस बीज का परिणाम है जो अमर है। तुम्हारा पुर्नजन्म परमेश्वर के उस सुसंदेश से हुआ है जो सजीव और अटल है। 24 क्योंकि शास्त्र कहता है:
“सभी प्राणी घास की तरह हैं,
और उनकी सज-धज जंगली फूल की तरह है।
घास मर जाती है
और फूल गिर जाते हैं।
25 किन्तु प्रभु का सुसमाचार सदा-सर्वदा टिका रहता है।”(B)
और यह वही सुसमाचार है जिसका तुम्हें उपदेश दिया गया है।
यीशु की आशीष: बच्चों को
(मरकुस 10:13-16; लूका 18:15-17)
13 फिर लोग कुछ बालकों को यीशु के पास लाये कि वह उनके सिर पर हाथ रख कर उन्हें आशीर्वाद दे और उनके लिए प्रार्थना करे। किन्तु उसके शिष्यों ने उन्हें डाँटा। 14 इस पर यीशु ने कहा, “बच्चों को रहने दो, उन्हें मत रोको, मेरे पास आने दो क्योंकि स्वर्ग का राज्य ऐसों का ही है।” 15 फिर उसने बच्चों के सिर पर अपना हाथ रखा और वहाँ से चल दिया।
एक महत्वपूर्ण प्रश्न
(मरकुस 10:17-31; लूका 18:18-30)
16 वहीं एक व्यक्ति था। वह यीशु के पास आया और बोला, “गुरु अनन्त जीवन पाने के लिए मुझे क्या अच्छा काम करना चाहिये?”
17 यीशु ने उससे कहा, “अच्छा क्या है, इसके बारे में तू मुझसे क्यों पूछ रहा है? क्योंकि अच्छा तो केवल एक ही है! फिर भी यदि तू अनन्त जीवन में प्रवेश करना चाहता है, तो तू आदेशों का पालन कर।”
18 उसने यीशु से पूछा, “कौन से आदेश?”
तब यीशु बोला, “हत्या मत कर। व्यभिचार मत कर। चोरी मत कर। झूठी गवाही मत दे। 19 ‘अपने पिता और अपनी माता का आदर कर’(A) और ‘जैसे तू अपने आप को प्यार करता है, वैसे ही अपने पड़ोसी से भी प्यार कर।’[a]”
20 युवक ने यीशु से पूछा, “मैंने इन सब बातों का पालन किया है। अब मुझ में किस बात की कमी है?”
21 यीशु ने उससे कहा, “यदि तू संपूर्ण बनना चाहता तो जा और जो कुछ तेरे पास है, उसे बेचकर धन गरीबों में बाँट दे ताकि स्वर्ग में तुझे धन मिल सके। फिर आ और मेरे पीछे हो ले!”
22 किन्तु जब उस नौजवान ने यह सुना तो वह दुःखी होकर चला गया क्योंकि वह बहुत धनवान था।
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