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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 140

संगीत निर्देशक के लिये दाऊद की एक स्तुति।

हे यहोवा, दुष्ट लोगों से मेरी रक्षा कर।
    मुझको क्रूर लोगों से बचा ले।
वे लोग बुरा करने को कुचक्र रचते हैं।
    वे लोग सदा ही लड़ने लग जाते हैं।
उन लोगों की जीभें विष भरे नागों सी है।
    जैसे उनकी जीभों के नीचे सर्प विष हो।

हे यहोवा, तू मुझको दुष्ट लोगों से बचा ले।
    मुझको क्रूर लोगों से बचा ले। वे लोग मेरे पीछे पड़े हैं और दु:ख पहुँचाने का जतन कर रहे हैं।
उन अहंकारी लोगों ने मेरे लिये जाल बिछाया।
    मुझको फँसाने को उन्होंने जाल फैलाया है।
    मेरी राह में उन्होंने फँदा फैलाया है।

हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है।
    हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन।
हे यहोवा, तू मेरा बलशाली स्वामी है।
तू मेरा उद्धारकर्ता है।
    तू मेरा सिर का कवच जैसा है।
    जो मेरा सिर युद्ध में बचाता है।
हे यहोवा, वे लोग दुष्ट हैं।
उन की मनोकामना पूरी मत होने दे।
    उनकी योजनाओं को परवान मत चढने दे।

हे यहोवा, मेरे बैरियों को विजयी मत होने दे।
वे बुरे लोग कुचक्र रच रहे हैं।
    उनके कुचक्रों को तू उन्ही पर चला दे।
10 उनके सिर पर धधकते अंगारों को ऊँडेल दे।
    मेरे शत्रुओं को आग में धकेल दे।
    उनको गक़े (कब्रों) में फेंक दे। वे उससे कभी बाहर न निकल पाये।
11 हे यहोवा, उन मिथ्यावादियों को तू जीने मत दे।
    बुरे लोगों के साथ बुरी बातें घटा दे।
12 मैं जानता हूँ यहोवा कंगालों का न्याय खराई से करेगा।
    परमेश्वर असहायों की सहायता करेगा।
13 हे यहोवा, भले लोग तेरे नाम की स्तुति करेंगे।
    भले लोग तेरी अराधना करेंगे।

भजन संहिता 142

दाऊद का एक कला गीत।

मैं सहायता पाने के लिये यहोवा को पुकारुँगा।
    मै यहोवा से प्रार्थना करुँगा।
मैं यहोवा के सामने अपना दु:ख रोऊँगा।
    मैं यहोवा से अपनी कठिनाईयाँ कहूँगा।
मेरे शत्रुओं ने मेरे लिये जाल बिछाया है।
    मेरी आशा छूट रही है किन्तु यहोवा जानता है।
    कि मेरे साथ क्या घट रहा है।

मैं चारों ओर देखता हूँ
    और कोई अपना मिस्र मुझको दिख नहीं रहा
मेरे पास जाने को कोई जगह नहीं है।
    कोई व्यक्ति मुझको बचाने का जतन नहीं करता है।
इसलिये मैंने यहोवा को सहारा पाने को पुकारा है।
    हे यहोवा, तू मेरी ओट है।
    हे यहोवा, तू ही मुझे जिलाये रख सकता है।
हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन।
    मुझे तेरी बहुत अपेक्षा है।
तू मुझको ऐसे लोगों से बचा ले
    जो मेरे लिये मेरे पीछे पड़े हैं।
मुझको सहारा दे कि इस जाल से बच भागूँ।
    फिर यहोवा, मैं तेरे नाम का गुणगान करुँगा।
मैं वचन देता हूँ। भले लोग आपस में मिलेंगे और तेरा गुणगान करेंगे
    क्योकि तूने मेरी रक्षा की है।

भजन संहिता 141

दाऊद का एक स्तुति पद।

हे यहोवा, मैं तुझको सहायता पाने के लिये पुकारता हूँ।
    जब मैं विनती करुँ तब तू मेरी सुन ले।
    जल्दी कर और मुझको सहारा दे।
हे यहोवा, मेरी विनती तेरे लिये जलती धूप के उपहार सी हो
    मेरी विनती तेरे लिये दी गयी साँझ कि बलि सी हो।

हे यहोवा, मेरी वाणी पर मेरा काबू हो।
    अपनी वाणी पर मैं ध्यान रख सकूँ, इसमें मेरा सहायक हो।
मुझको बुरी बात मत करने दे।
    मुझको रोके रह बुरों की संगती से उनके सरस भोजन से और बुरे कामों से।
    मुझे भाग मत लेने दे ऐसे उन कामों में जिन को करने में बुरे लोग रख लेते हैं।
सज्जन मेरा सुधार कर सकता है।
    तेरे भक्त जन मेरे दोष कहे, यह मेरे लिये भला होगा।
मैं दुर्जनों कि प्रशंसा ग्रहण नहीं करुँगा।
    क्यों क्योंकि मैं सदा प्रार्थना किया करता हूँ।
उन कुकर्मो के विरुद्ध जिनको बुरे लोग किया करते हैं।
उनके राजाओं को दण्डित होने दे
    और तब लोग जान जायेंगे कि मैंने सत्य कहा था।

लोग खेत को खोद कर जोता करते हैं और मिट्टी को इधर—उधर बिखेर देते हैं।
    उन दुष्टों कि हड्डियाँ इसी तरह कब्रों में इधर—उधर बिखरेंगी।
हे यहोवा, मेरे स्वामी, सहारा पाने को मेरी दृष्टि तुझ पर लगी है।
    मुझको तेरा भरोसा है। कृपा कर मुझको मत मरने दे।
मुझको दुष्टों के फँदों में मत पड़ने दे।
    उन दुष्टों के द्वारा मुझ को मत बंध जाने दे।
10 वे दुष्ट स्वयं अपने जालों में फँस जायें
    जब मैं बचकर निकल जाऊँ।
    बिना हानि उठाये।

भजन संहिता 143

दाऊद का एक स्तुति गीत।

हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन।
    मेरी विनती को सुन और फिर तू मेरी प्रार्थना का उत्तर दे।
    मुझको दिखा दे कि तू सचमुच भला और खरा है।
तू मुझ पर अपने दास पर मुकदमा मत चला।
    क्योंकि कोई भी जीवित व्यक्ति तेरे सामने नेक नहीं ठहर सकता।
किन्तु मेरे शत्रु मेरे पीछे पड़े हैं।
    उन्होंने मेरा जीवन चकनाचूर कर धूल में मिलाया।
वे मुझे अंधेरी कब्र में ढकेल रहे हैं।
    उन व्यक्तियों की तरह जो बहुत पहले मर चुके हैं।
मैं निराश हो रहा हूँ।
    मेरा साहस छूट रहा है।
किन्तु मुझे वे बातें याद हैं, जो बहुत पहले घटी थी।
    हे यहोवा, मैं उन अनेक अद्भुत कामों का बखान कर रहा हूँ।
    जिनको तूने किया था।
हे यहोवा, मैं अपना हाथ उठाकर के तेरी विनती करता हूँ।
    मैं तेरी सहायता कि बाट जोह रहा हूँ जैसे सूखी वर्षा कि बाट जोहती है।

हे यहोवा, मुझे शीघ्र उत्तर दे।
    मेरा साहस छूट गया:
मुझसे मुख मत मोड़।
    मुझको मरने मत दे और वैसा मत होने दे, जैसा कोई मरा व्यक्ति कब्र में लेटा हो।
हे यहोवा, इस भोर के फूटते ही मुझे अपना सच्चा प्रेम दिखा।
    मैं तेरे भरोसे हूँ।
मुझको वे बाते दिखा
    जिनको मुझे करना चाहिये।
हे यहोवा, मेरे शत्रुओं से रक्षा पाने को मैं तेरे शरण में आता हूँ।
    तू मुझको बचा ले।
10 दिखा मुझे जो तू मुझसे करवाना चाहता है।
    तू मेरा परमेश्वर है।
11 हे यहोवा, मुझे जीवित रहने दे,
    ताकि लोग तेरे नाम का गुण गायें।
मुझे दिखा कि सचमुच तू भला है,
    और मुझे मेरे शत्रुओं से बचा ले।
12 हे यहोवा, मुझ पर अपना प्रेम प्रकट कर।
    और उन शत्रुओं को हरा दे,
जो मेरी हत्या का यत्न कर रहे हैं।
    क्योंकि मैं तेरा सेवक हूँ।

यशायाह 24:14-23

14 बचे हुए लोग चिल्लाने लग जायेंगे।
    पश्चिम से लोग यहोवा की महानता की स्तुति करेंगे और वे, प्रसन्न होंगे।
15 वे लोग कहा करेंगे, “पूर्व के लोगों, यहोवा की प्रशंसा करो!
    दूर देश के लोगों, इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के नाम का गुणगान करो।”
16 इस धरती पर हर कहीं हम परमेश्वर के स्तुति गीत सुनेंगे।
    इन गीतों में परमेश्वर की स्तुति होगी।
किन्तु मैं कहता हूँ, “मैं बरबाद हो रहा हूँ।
    मैं जो कुछ भी देखता हूँ सब कुछ भयंकर है।
गद्दार लोग, लोगों के विरोधी हो रहे हैं,
    और उन्हें चोट पहुँचा रहे हैं।”
17 मैं धरती के वासियों पर खतरा आते देखता हूँ।
    मैं उनके लिये भय, गके और फँदे देख रहा हूँ।
18 लोग खतरे की सुनकर डर से काँप जायेंगे।
    कुछ लोग भाग जायेंगे किन्तु वे गके
और फँदों में जा गिरेंगे और उन गकों से कुछ चढ़कर बच निकल आयेंगे।
    किन्तु वे फिर दूसरे फँदों में फँसेंगे।
ऊपर आकाश की छाती फट जायेगी
    जैसे बाढ़ के दरवाजे खुल गये हो।
    बाढ़े आने लगेंगी और धरती की नींव डगमग हिलने लगेंगी।
19 भूचाल आयेगा
    और धरती फटकर खुल जायेगी।
20 संसार के पाप बहुत भारी हैं।
    उस भार से दबकर यह धरती गिर जायेगी।
यह धरती किसी झोपड़ी सी काँपेगी
    और नशे में धुत्त किसी व्यक्ति की तरह धरती गिर जायेगी।
    यह धरती बनी न रहेगी।
21 उस समय यहोवा सबका न्याय करेगा।
    उस समय यहोवा आकाश में स्वर्ग की सेनाएँ
    और धरती के राजा उस न्याय का विषय होंगे।
22 इन सबको एक साथ एकत्र किया जायेगा।
    उनमें से कुछ काल कोठरी में बन्द होंगे
और कुछ कारागार में रहेंगे।
    किन्तु अन्त में बहुत समय के बाद इन सबका न्याय होगा।
23 यरूशलेम में सिय्योन के पहाड़ पर यहोवा राजा के रूप में राज्य करेगा।
    अग्रजों के सामने उसकी महिमा होगी।
उसकी महिमा इतनी भव्य होगी कि चाँद घबरा जायेगा,
    सूरज लज्जित होगा।

1 पतरस 3:13-4:6

13 यदि जो उत्तम है तुम उसे ही करने को लालायित रहो तो भला तुम्हें कौन हानि पहुँचा सकता है। 14 किन्तु यदि तुम्हें भले के लिए दुःख उठाना ही पड़े तो तुम धन्य हो। “इसलिए उनके किसी भी भय से न तो भयभीत होवो और न ही विचलित।” 15 अपने मन में मसीह को प्रभु के रूप में आदर दो। तुम सब जिस विश्वास को रखते हो, उसके विषय में यदि कोई तुमसे पूछे तो उसे उत्तर देने के लिए सदा तैयार रहो। 16 किन्तु विनम्रता और आदर के साथ ही ऐसा करो। अपना हृदय शुद्ध रखो ताकि यीशु मसीह में तुम्हारे उत्तम आचरण की निन्दा करने वाले लोग तुम्हारा अपमान करते हुए लजायें।

17 यदि परमेश्वर की इच्छा यही है कि तुम दुःख उठाओ तो उत्तम कार्य करते हुए दुःख झेलो न कि बुरे काम करते हुए।

18 क्योंकि मसीह ने भी हमारे पापों
    के लिए दुःख उठाया।
अर्थात् वह जो निर्दोष था
    हम पापियों के लिये एक बार मर गया
    कि हमें परमेश्वर के समीप ले जाये।
शरीर के भाव से तो वह मारा गया
    पर आत्मा के भाव से जिलाया गया।

19 आत्मा की स्थिति में ही उसने जाकर उन स्वर्गीय आत्माओं को जो बंदी थीं उन बंदी आत्माओं को संदेश दिया 20 जो उस समय परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानने वाली थी जब नूह की नाव बनायी जा रही थी और परमेश्वर धीरज के साथ प्रतीक्षा कर रहा था उस नाव में थोड़े से अर्थात् केवल आठ व्यक्ति ही पानी से बच पाये थे। 21 यह पानी उस बपतिस्मा के समान है जिससे अब तुम्हारा उद्धार होता है। इसमें शरीर का मैल छुड़ाना नहीं, वरन एक शुद्ध अन्तःकरण के लिए परमेश्वर से विनती है। अब तो बपतिस्मा तुम्हें यीशु मसीह के पुनरुत्थान द्वारा बचाता है। 22 वह स्वर्ग में परमेश्वर के दाहिने विराजमान है, और अब स्वर्गदूत, अधिकारीगण और सभी शक्तियाँ उसके अधीन कर दी गयी है।

बदला हुआ जीवन

जब मसीह ने शारीरिक दुःख उठाया तो तुम भी उसी मानसिकता को शास्त्र के रूप में धारण करो क्योंकि जो शारीरिक दुःख उठाता है, वह पापों से छुटकारा पा लेता है। इसलिए वह फिर मानवीय इच्छाओं का अनुसरण न करे, बल्कि परमेश्वर की इच्छा के अनुसार कर्म करते हुए अपने शेष भौतिक जीवन को समर्पित कर दे। क्योंकि तुम अब तक अबोध व्यक्तियों के समान विषय-भोगों, वासनाओं, पियक्कड़पन, उन्माद से भरे आमोद-प्रमोद, मधुपान उत्सवों और घृणापूर्ण मूर्ति-पूजाओं में पर्याप्त समय बिता चुके हो।

अब जब तुम इस घृणित रहन सहन में उनका साथ नहीं देते हो तो उन्हें आश्चर्य होता है। वे तुम्हारी निन्दा करते हैं। उन्हें जो अभी जीवित हैं या मर चुके हैं, अपने व्यवहार का लेखा-जोखा उस मसीह को देना होगा जो उनका न्याय करने वाला है। इसलिए उन विश्वासियों को जो मर चुके हैं, सुसमाचार का उपदेश दिया गया कि शारीरिक रूप से चाहे उनका न्याय मानवीय स्तर पर हो किन्तु आत्मिक रूप से वे परमेश्वर के अनुसार रहें।

मत्ती 20:17-28

यीशु द्वारा अपनी मृत्यु का संकेत

(मरकुस 10:32-34; लूका 18:31-34)

17 जब यीशु अपने बारह शिष्यों के साथ यरूशलेम जा रहा था तो वह उन्हें एक तरफ़ ले गया और चलते चलते उनसे बोला, 18 “सुनो, हम यरूशलेम पहुँचने को हैं। मनुष्य का पुत्र वहाँ प्रमुख याजकों और यहूदी धर्म शास्त्रियों के हाथों सौंप दिया जायेगा। वे उसे मृत्यु दण्ड के योग्य ठहरायेंगे। 19 फिर उसका उपहास करवाने और कोड़े लगवाने को उसे गै़र यहूदियों को सौंप देंगे। फिर उसे क्रूस पर चढ़ा दिया जायेगा किन्तु तीसरे दिन वह फिर जी उठेगा।”

एक माँ का अपने बच्चों के लिए आग्रह

(मरकुस 10:35-45)

20 फिर जब्दी के बेटों की माँ अपने बेटों समेत यीशु के पास पहुँची और उसने झुक कर प्रार्थना करते हुए उससे कुछ माँगा।

21 यीशु ने उससे पूछा, “तू क्या चाहती है?”

वह बोली, “मुझे वचन दे कि मेरे ये दोनों बेटे तेरे राज्य में एक तेरे दाहिनी ओर और दूसरा तेरे बाई ओर बैठे।”

22 यीशु ने उत्तर दिया, “तुम नहीं जानते कि तुम क्या माँग रहे हो। क्या तुम यातनाओं का वह प्याला पी सकते हो, जिसे मैं पीने वाला हूँ?”

उन्होंने उससे कहा, “हाँ, हम पी सकते हैं!”

23 यीशु उनसे बोला, “निश्चय ही तुम वह प्याला पीयोगे। किन्तु मेरे दाएँ और बायें बैठने का अधिकार देने वाला मैं नहीं हूँ। यहाँ बैठने का अधिकार तो उनका है, जिनके लिए यह मेरे पिता द्वारा सुरक्षित किया जा चुका है।”

24 जब बाकी दस शिष्यों ने यह सुना तो वे उन दोनों भाईयों पर बहुत बिगड़े। 25 तब यीशु ने उन्हें अपने पास बुलाकर कहा, “तुम जानते हो कि गैर यहूदी राजा, लोगों पर अपनी शक्ति दिखाना चाहते हैं और उनके महत्वपूर्ण नेता, लोगों पर अपना अधिकार जताना चाहते हैं। 26 किन्तु तुम्हारे बीच ऐसा नहीं होना चाहिये। बल्कि तुम में जो बड़ा बनना चाहे, तुम्हारा सेवक बने। 27 और तुम में से जो कोई पहला बनना चाहे, उसे तुम्हारा दास बनना होगा। 28 तुम्हें मनुष्य के पुत्र जैसा ही होना चाहिये जो सेवा कराने नहीं, बल्कि सेवा करने और बहुतों के छुटकारे के लिये अपने प्राणों की फिरौती देने आया है।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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