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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 93

यहोवा राजा है।
    वह सामर्थ्य और महिमा का वस्त्र पहने है।
वह तैयार है, सो संसार स्थिर है।
    वह नहीं टलेगा।
हे परमेश्वर, तेरा साम्राज्य अनादि काल से टिका हुआ है।
    तू सदा जीवित है।
हे यहोवा, नदियों का गर्जन बहुत तीव्र है।
    पछाड़ खाती लहरों का शब्द घनघोर है।
समुद्र की पछाड़ खाती लहरे गरजती हैं, और वे शक्तिशाली हैं।
    किन्तु ऊपर वाला यहोवा अधिक शक्तिशाली है।
हे यहोवा, तेरा विधान सदा बना रहेगा।
    तेरा पवित्र मन्दिर चिरस्थायी होगा।

भजन संहिता 96

उन नये कामों के लिये जिन्हें यहोवा ने किया है नया गीत गाओ।
    अरे ओ समूचे जगत यहोवा के लिये गीत गा।
यहोवा के लिये गाओ! उसके नाम को धन्य कहो!
    उसके सुसमाचार को सुनाओ! उन अद्भुत बातों का बखान करो जिन्हें परमेश्वर ने किया है।
अन्य लोगों को बताओ कि परमेश्वर सचमुच ही अद्भुत है।
    सब कहीं के लोगों में उन अद्भुत बातों का जिन्हें परमेश्वर करता है बखान करो।
यहोवा महान है और प्रशंसा योग्य है।
    वह किसी भी अधिक “देवताओं” से डरने योग्य है।
अन्य जातियों के सभी “देवता” केवल मूर्तियाँ हैं,
    किन्तु यहोवा ने आकाशों को बनाया।
उसके सम्मुख सुन्दर महिमा दीप्त है।
    परमेश्वर के पवित्र मन्दिर सामर्थ्य और सौन्दर्य हैं।
अरे! ओ वंशों, और हे जातियों यहोवा के लिये महिमा
    और प्रशंसा के गीत गाओ।
यहोवा के नाम के गुणगान करो।
    अपनी भेटे उठाओ और मन्दिर में जाओ।
    यहोवा का उसके भव्य, मन्दिर में उपासना करो।
अरे ओ पृथ्वी के मनुष्यों, यहोवा की उपासना करो।
10     राष्ट्रों को बता दो कि यहोवा राजा है!
सो इससे जगत का नाश नहीं होगा।
    यहोवा मनुष्यों पर न्याय से शासन करेगा।
11 अरे आकाश, प्रसन्न हो!
    हे धरती, आनन्द मना! हे सागर, और उसमें कि सब वस्तुओं आनन्द से ललकारो।
12 अरे ओ खेतों और उसमें उगने वाली हर वस्तु आनन्दित हो जाओ!
    हे वन के वृक्षो गाओ और आनन्द मनाओ!
13 आनन्दित हो जाओ क्योंकि यहोवा आ रहा है,
    यहोवा जगत का शासन (न्याय) करने आ रहा है,
वह खरेपन से न्याय करेगा।

भजन संहिता 34

जब दाऊद ने अबीमेलेक के सामने पागलपन का आचरण किया। जिससे अबीमेलेक उसे भगा दे, इस प्रकार दाऊद उसे छोड़कर चला गया। उसी अवसर का दाऊद का एक पद।

मैं यहोवा को सदा धन्य कहूँगा।
    मेरे होठों पर सदा उसकी स्तुति रहती है।
हे नम्र लोगों, सुनो और प्रसन्न होओ।
    मेरी आत्मा यहोवा पर गर्व करती है।
मेरे साथ यहोवा की गरिमा का गुणगान करो।
    आओ, हम उसके नाम का अभिनन्दन करें।
मैं परमेश्वर के पास सहायता माँगने गया।
उसने मेरी सुनी।
    उसने मुझे उन सभी बातों से बचाया जिनसे मैं डरता हूँ।
परमेश्वर की शरण में जाओ।
    तुम स्वीकारे जाओगे।
    तुम लज्जा मत करो।
इस दीन जन ने यहोवा को सहायता के लिए पुकारा,
    और यहोवा ने मेरी सुन ली।
    और उसने सब विपत्तियों से मेरी रक्षा की।
यहोवा का दूत उसके भक्त जनों के चारों ओर डेरा डाले रहता है।
    और यहोवा का दूत उन लोगों की रक्षा करता है।
चखो और समझो कि यहोवा कितना भला है।
    वह व्यक्ति जो यहोवा के भरोसे है सचमुच प्रसन्न रहेगा।
यहोवा के पवित्र जन को उसकी आराधना करनी चाहिए।
    यहोवा केभक्तों के लिए कोई अन्य सुरक्षित स्थान नहीं है।
10 आज जो बलवान हैं दुर्बल और भूखे हो जाएंगे।
    किन्तु जो परमेश्वर के शरण आते हैं वे लोग हर उत्तम वस्तु पाएंगे।
11 हे बालकों, मेरी सुनो,
    और मैं तुम्हें सिखाऊँगा कि यहोवा की सेवा कैसे करें।
12 यदि कोई व्यक्ति जीवन से प्रेम करता है,
    और अच्छा और दीर्घायु जीवन चाहता है,
13 तो उस व्यक्ति को बुरा नहीं बोलना चाहिए,
    उस व्यक्ति को झूठ नहीं बोलना चाहिए।
14 बुरे काम मत करो। नेक काम करते रहो।
    शांति के कार्य करो।
    शांति के प्रयासों में जुटे रहो जब तक उसे पा न लो।
15 यहोवा सज्जनों की रक्षा करता है।
    उनकी प्रार्थनाओं पर वह कान देता है।
16 किन्तु यहोवा, जो बुरे काम करते हैं, ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध होता है।
    वह उनको पूरी तरह नष्ट करता है।

17 यहोवा से विनती करो, वह तुम्हारी सुनेगा।
    वह तुम्हें तुम्हारी सब विपत्तियों से बचा लेगा।
18 लोगों को विपत्तियाँ आ सकती है और वे अभिमानी होना छोड़ते हैं। यहोवा उन लोगों के निकट रहता है।
    जिनके टूटे मन हैं उनको वह बचा लेगा।
19 सम्भव है सज्जन भी विपत्तियों में घिर जाए।
    किन्तु यहोवा उन सज्जनों की उनकी हर समस्या से रक्षा करेगा।
20 यहोवा उनकी सब हड्डियों की रक्षा करेगा।
    उनकी एक भी हड्डी नहीं टूटेगी।
21 किन्तु दुष्ट की दुष्टता उनको ले डूबेगी।
    सज्जन के विरोधी नष्ट हो जायेंगे।
22 यहोवा अपने हर दास की आत्मा बचाता है।
    जो लोग उस पर निर्भर रहते हैं, वह उन लोगों को नष्ट नहीं होने देगा।

यशायाह 57:14-21

यहोवा अपने भक्तों की रक्षा करेगा

14 रास्ता साफ कर! रास्ता साफ करो!
    मेरे लोगों के लिये राह को साफ करो!

15 वह जो ऊँचा है और जिसको ऊपर उठाया गया है,
    वह जो अमर है,
वह जिसका नाम पवित्र है,
    वह यह कहता है, “एक ऊँचे और पवित्र स्थान पर रहा करता हूँ,
किन्तु मैं उन लोगों के बीच भी रहता हूँ जो दु:खी और विनम्र हैं।
    ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं।
ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं।
    ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो हृदय से दु:खी हैं।
16 मैं सदा—सदा ही मुकद्दमा लड़ता रहूँगा।
    सदा—सदा ही मैं तो क्रोधित नहीं रहूँगा।
यदि मैं कुपित ही रहूँ तो मनुष्य की आत्मा यानी वह जीवन जिसे मैंने उनको दिया है,
    मेरे सामने ही मर जायेगा।
17 उन्होंने लालच से हिंसा भरे स्वार्थ साधे थे और उसने मुझको क्रोधित कर दिया था।
    मैंने इस्राएल को दण्ड दिया।
मैंने उसे निकाल दिया क्योंकि मैं उस पर क्रोधित था और इस्राएल ने मुझको त्याग दिया।
    जहाँ कहीं इस्राएल चाहता था, चला गया।
18 मैंने इस्राएल की राहें देख ली थी।
    किन्तु मैं उसे क्षमा (चंगा) करूँगा।
मैं उसे चैन दूँगा और ऐसे वचन बोलूँगा जिस से उसको आराम मिले और मैं उसको राह दिखाऊँगा।
    फिर उसे और उसके लोगों को दु:ख नहीं छू पायेगा।
19 उन लोगों को मैं एक नया शब्द शान्ति सिखाऊँगा।
    मैं उन सभी लोगों को शान्ति दूँगा जो मेरे पास हैं और उन लोगों को जो मुझ से दूर हैं।
मैं उन सभी लोगों को चंगा (क्षमा) करूँगा!”
    ने ये सभी बातें बतायी थी।

20 किन्तु दुष्ट लोग क्रोधित सागर के जैसे होते हैं।
    वे चुप या शांत नहीं रह सकते।
वे क्रोधित रहते हैं और समुद्र की तरह कीचड़ उछालते रहते हैं।
मेरे परमेश्वर का कहना है: 21     “दुष्ट लोगों के लिए कहीं कोई शांति नहीं है।”

इब्रानियों 12:1-6

परमेश्वर अपने पुत्रों को सिधाता है

12 क्योंकि हम साक्षियों की ऐसी इतनी बड़ी भीड़ से घिरे हुए हैं, जो हमें विश्वास का अर्थ क्या है इस की साक्षी देती है। इसलिए आओ बाधा पहुँचाने वाली प्रत्येक वस्तु को और उस पाप को जो सहज में ही हमें उलझा लेता है झटक फेंके और वह दौड़ जो हमें दौड़नी है, आओ धीरज के साथ उसे दौड़ें। हमारे विश्वास के अगुआ और उसे सम्पूर्ण सिद्ध करने वाले यीशु पर आओ हम दृष्टि लगायें। जिसने अपने सामने उपस्थित आनन्द के लिए क्रूस की यातना झेली, उसकी लज्जा की कोई चिंता नहीं की और परमेश्वर के सिंहासन के दाहिने हाथ विराजमान हो गया। उसका ध्यान करो जिसने पापियों का ऐसा विरोध इसलिए सहन किया ताकि थक कर तुम्हारा मन हार न मान बैठे।

परमेश्वर, पिता के समान है

पाप के विरुद्ध अपने संघर्ष में तुम्हें इतना नहीं लड़ना पड़ा है कि अपना लहू ही बहाना पड़ा हो। तुम उस साहसपूर्ण वचन को भूल गये हो। जो तुम्हेंपुत्र के नाते सम्बोधित है:

“हे मेरे पुत्र, प्रभु के अनुशासन का तिरस्कार मत कर,
    उसकी फटकार का बुरा कभी मत मान,
क्योंकि प्रभु उनको डाँटता है जिनसे वह प्रेम करता है।
    वैसे ही जैसे पिता उस पुत्र को दण्ड देता, जो उसको अति प्रिय है।”(A)

यूहन्ना 7:37-46

यीशु द्वारा पवित्र आत्मा का उपदेश

37 पर्व के अन्तिम और महत्वपूर्ण दिन यीशु खड़ा हुआ और उसने ऊँचे स्वर में कहा, “अगर कोई प्यासा है तो मेरे पास आये और पिये। 38 जो मुझमें विश्वासी है, जैसा कि शास्त्र कहते हैं उसके अंतरात्मा से स्वच्छ जीवन जल की नदियाँ फूट पड़ेंगी।” 39 यीशु ने यह आत्मा के विषय में कहा था। जिसे वे लोग पायेंगे उसमें विश्वास करेंगे वह आत्मा अभी तक दी नहीं गयी है क्योंकि यीशु अभी तक महिमावान नहीं हुआ।

यीशु के बारे में लोगों की बातचीत

40 भीड़ के कुछ लोगों ने जब यह सुना वे कहने लगे, “यह आदमी निश्चय ही वही नबी है।”

41 कुछ और लोग कह रहे थे, “यही व्यक्ति मसीह है।”

कुछ और लोग कह रहे थे, “मसीह गलील से नहीं आयेगा। क्या ऐसा हो सकता है? 42 क्या शास्त्रों में नहीं लिखा है कि मसीह दाऊद की संतान होगा और बैतलहम से आयेगा जिस नगर में दाऊद रहता था।” 43 इस तरह लोगों में फूट पड़ गयी। 44 कुछ उसे बंदी बनाना चाहते थे पर किसी ने भी उस पर हाथ नहीं डाला।

यहूदी नेताओं का विश्वास करने से इन्कार

45 इसलिये मन्दिर के सिपाही प्रमुख धर्माधिकारियों और फरीसियों के पास लौट आये। इस पर उनसे पूछा गया, “तुम उसे पकड़कर क्यों नहीं लाये?”

46 सिपाहियों ने जवाब दिया, “कोई भी व्यक्ति आज तक ऐसे नहीं बोला जैसे वह बोलता है।”

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