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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 63

दाऊद का उस समय का एक पद जब वह यहूदा की मरूभूमि में था।

हे परमेश्वर, तू मेरा परमेश्वर है।
    वैसे कितना मैं तुझको चाहता हूँ।
जैसे उस प्यासी क्षीण धरती जिस पर जल न हो
    वैसे मेरी देह और मन तेरे लिए प्यासा है।
हाँ, तेरे मन्दिर में मैंने तेरे दर्शन किये।
    तेरी शक्ति और तेरी महिमा देख ली है।
तेरी भक्ति जीवन से बढ़कर उत्तम है।
    मेरे होंठ तेरी बढाई करते हैं।
हाँ, मैं निज जीवन में तेरे गुण गाऊँगा।
    मैं हाथ उपर उठाकर तेरे नाम पर तेरी प्रार्थना करूँगा।
मैं तृप्त होऊँगा मानों मैंने उत्तम पदार्थ खा लिए हों।
    मेरे होंठ तेरे गुण सदैव गायेंगे।
मैं आधी रात में बिस्तर पर लेटा हुआ
    तुझको याद करूँगा।
सचमुच तूने मेरी सहायता की है!
    मैं प्रसन्न हूँ कि तूने मुझको बचाया है!
मेरा मन तुझमें समता है।
    तू मेरा हाथ थामे हुए रहता है।

कुछ लोग मुझे मारने का जतन कर रहे हैं। किन्तु उनको नष्ट कर दिया जायेगा।
    वे अपनी कब्रों में समा जायेंगे।
10 उनको तलवारों से मार दिया जायेगा।
    उनके शवों को जंगली कुत्ते खायेंगे।
11 किन्तु राजा तो अपने परमेश्वर के साथ प्रसन्न होगा।
वे लोग जो उसके आज्ञा मानने के वचन बद्ध हैं, उसकी स्तुति करेंगे।
    क्योंकि उसने सभी झूठों को पराजित किया।

भजन संहिता 98

एक स्तुति गीत।

यहोवा के लिये एक नया गीत गाओं,
    क्योंकि उसने नयी
और अद्भुत बातों को किया है।
उसकी पवित्र दाहिनी भुजा
    उसके लिये फिर विजय लाई।
यहोवा ने राष्ट्रों के सामने अपनी वह शक्ति प्रकटायी है जो रक्षा करती है।
    यहोवा ने उनको अपनी धार्मिकता दिखाई है।
परमेश्वर के भक्तों ने परमेश्वर का अनुराग याद किया, जो उसने इस्राएल के लोगों से दिखाये थे।
    सुदूर देशो के लोगों ने हमारे परमेश्वर की महाशक्ति देखी।
हे धरती के हर व्यक्ति, प्रसन्नता से यहोवा की जय जयकार कर।
    स्तुति गीत गाना शिघ्र आरम्भ करो।
हे वीणाओं, यहोवा की स्तुति करो!
    हे वीणा, के मधुर संगीत उसके गुण गाओ!
बाँसुरी बजाओ और नरसिंगों को फूँको।
    आनन्द से यहोवा, हमारे राजा की जय जयकार करो।
हे सागर और धरती,
    और उनमें की सब वस्तुओं ऊँचे स्वर में गाओ।
हे नदियों, ताली बजाओ!
    हे पर्वतो, अब सब साथ मिलकर गाओ!
तुम यहोवा के सामने गाओ, क्योंकि वह जगत का शासन (न्याय) करने जा रहा है,
    वह जगत का न्याय नेकी और सच्चाई से करेगा।

भजन संहिता 103

दाऊद का एक गीत।

हे मेरी आत्मा, तू यहोवा के गुण गा!
    हे मेरी अंग—प्रत्यंग, उसके पवित्र नाम की प्रशंसा कर।
हे मेरी आत्मा, यहोवा को धन्य कह
    और मत भूल की वह सचमुच कृपालु है!
उन सब पापों के लिये परमेश्वर हमको क्षमा करता है जिनको हम करते हैं।
    हमारी सब व्याधि को वह ठीक करता है।
परमेश्वर हमारे प्राण को कब्र से बचाता है,
    और वह हमे प्रेम और करुणा देता है।
परमेश्वर हमें भरपूर उत्तम वस्तुएँ देता है।
    वह हमें फिर उकाब सा युवा करता है।
यहोवा खरा है।
    परमेश्वर उन लोगों को न्याय देता है, जिन पर दूसरे लोगों ने अत्याचार किये।
परमेश्वर ने मूसा को व्यवस्था का विधान सिखाया।
    परमेश्वर जो शक्तिशाली काम करता है, वह इस्राएलियों के लिये प्रकट किये।
यहोवा करुणापूर्ण और दयालु है।
    परमेश्वर सहनशील और प्रेम से भरा है।
यहोवा सदैव ही आलोचना नहीं करता।
    यहोवा हम पर सदा को कुपित नहीं रहता है।
10 हम ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किये,
    किन्तु परमेश्वर हमें दण्ड नहीं देता जो हमें मिलना चाहिए।
11 अपने भक्तों पर परमेश्वर का प्रेम वैसे महान है
    जैसे धरती पर है ऊँचा उठा आकाश।
12 परमेश्वर ने हमारे पापों को हमसे इतनी ही दूर हटाया
    जितनी पूरब कि दूरी पश्चिम से है।
13 अपने भक्तों पर यहोवा वैसे ही दयालु है,
    जैसे पिता अपने पुत्रों पर दया करता है।
14 परमेश्वर हमारा सब कुछ जानता है।
    परमेश्वर जानता है कि हम मिट्टी से बने हैं।
15 परमेश्वर जानता है कि हमारा जीवन छोटा सा है।
    वह जानता है हमारा जीवन घास जैसा है।
16 परमेश्वर जानता है कि हम एक तुच्छ बनफूल से हैं।
    वह फूल जल्दी ही उगता है।
फिर गर्म हवा चलती है और वह फूल मुरझाता है।
    औप फिर शीघ्र ही तुम देख नहीं पातेकि वह फूल कैसे स्थान पर उग रहा था।
17 किन्तु यहोवा का प्रेम सदा बना रहता है।
    परमेश्वर सदा—सर्वदा निज भक्तों से प्रेम करता है
परमेश्वर की दया उसके बच्चों से बच्चों तक बनी रहती है।
18     परमेश्वर ऐसे उन लोगों पर दयालु है, जो उसकी वाचा को मानते हैं।
    परमेश्वर ऐसे उन लोगों पर दयालु है जो उसके आदेशों का पालन करते हैं।
19 परमेश्वर का सिंहासन स्वर्ग में संस्थापित है।
    हर वस्तु पर उसका ही शासन है।
20 हे स्वर्गदूत, यहोवा के गुण गाओ।
    हे स्वर्गदूतों, तुम वह शक्तिशाली सैनिक हो जो परमेश्वर के आदेशों पर चलते हो।
    परमेश्वर की आज्ञाएँ सुनते और पालते हो।
21 हे सब उसके सैनिकों, यहोवा के गुण गाओ, तुम उसके सेवक हो।
    तुम वही करते हो जो परमेश्वर चाहता है।
22 हर कहीं हर वस्तु यहोवा ने रची है। परमेश्वर का शासन हर कहीं वस्तु पर है।
    सो हे समूची सृष्टि, यहोवा को तू धन्य कह।
ओ मेरे मन यहोवा की प्रशंसा कर।

उत्पत्ति 13:2-18

इस समय अब्राम बहुत धनी था। उसके पास बहुत से जानवर, बहुत सी चाँदी और बहुत सा सोना था।

अब्राम चारों तरफ यात्रा करता रहा। उसने नेगेव को छोड़ा और बेतेल को लौट गया। वह बेतेल नगर और ऐ नगर के बीच के प्रदेश में पहुँचा। यह वही जगह थी जहाँ अब्राम और उसका परिवार पहले तम्बू लगाकर ठहरा था। यह वही जगह थी जहाँ अब्राम ने एक वेदी बनाई थी। इसलिए अब्राम ने यहाँ यहोवा की उपासना की।

अब्राम और लूत अलग हुए

इस समय लूत भी अब्राम के साथ यात्रा कर रहा था। लूत के पास बहुत से जानवर और तम्बू थे। अब्राम और लूत के पास इतने अधिक जानवर थे कि भूमि एक साथ उनको चारा नहीं दे सकती थी। (उन दिनों कनानी लोग और परिज्जी लोग भी इसी प्रदेश में रहते थे।) अब्राम और लूत के मज़दूर आपस में बहस करने लगे।

अब्राम ने लूत से कहा, “हमारे और तुम्हारे बीच कोई बहस नहीं होनी चाहिए। हमारे और तुम्हारे लोग भी बहस न करें। हम सभी भाई हैं। हम लोगों को अलग हो जाना चाहिए। तुम जो चाहो जगह चुन लो। अगर तुम बायीं औरो जाओगे तो मैं दाहिनी ओर जाऊँगा। अगर तुम दाहिनी ओर जाओगे तो मैं बायीं ओर जऊँगा।”

10 लूत ने निगाह दौड़ाई और यरदन की घाटी को देखा। लूत ने देखा कि वहाँ बहुत पानी है। (यह बात उस समय की है जब यहोवा ने सदोम और अमोरा को नष्ट नहीं किया था। उस समय यरदन की घाटी सोअर तक यहोवा के बाग की तरह पूरे रास्ते के साथ—साथ फैली थी। यह प्रदेश मिस्र देश की तरह अच्छा था।) 11 इसलिए लूत ने यरदन घाटी में रहना स्वीकार किया। इस तरह दोनों व्यक्ति अलग हुए और लूत ने पूर्व की ओर यात्रा शुरू की। 12 अब्राम कनान प्रदेश में रहा और लूत घाटी के नगरों में रहा। लूत सदोम के दक्षिण में बढ़ा और ठहर गया। 13 सदोम के लोग बहुत पापी थे। वे हमेशा यहोवा के विरुद्ध पाप करते थे।

14 जब लूत चला गया तब यहोवा ने अब्राम से कहा, “अपने चारों ओर देखो, उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम की ओर देखो। 15 यह सारी भूमि, जिसे तुम देखते हो, मैं तुमको और तुम्हारे बाद जो तुम्हारे लोग रहेंगे उनको देता हूँ। यह प्रदेश सदा के लिए तुम्हारा है। 16 मैं तुम्हारे लोगों को पृथ्वी के कणों के समान अनगिनत बनाऊँगा। अगर कोई व्यक्ति पृथ्वी के कणों को गिन सके तो वह तुम्हारे लोगों को भी गिन सकेगा। 17 इसलिए जाओ। अपनी भूमि पर चलो। मैं इसे अब तुमको देता हूँ।”

18 इस तरह अब्राम ने अपना तम्बू हटाया। वह मम्रे के बड़े पेड़ों के पास रहने लगा। यह हेब्रोन नगर के करीब था। उस जगह पर अब्राम ने एक वेदी यहोवा की उपासना के लिए बनायी।

गलातियों 2:1-10

पौलुस को प्रेरितों की मान्यता

चौदह साल बाद मैं फिर से यरूशलेम गया। बरनाबास मेरे साथ था और तितुस को भी मैंने साथ ले लिया था। मैं परमेश्वर के दिव्य दर्शन के कारण वहाँ गया था। मैं ग़ैर यहूदियों के बीच जिस सुसमाचार का उपदेश दिया करता हूँ, उसी सुसमाचार को मैंने एक निजी सभा के बीच कलीसिया के मुखियाओं को सुनाया। मैं वहाँ इसलिए गया था कि परमेश्वर ने मुझे दर्शाया था कि मुझे वहाँ जाना चाहिए। ताकि जो काम मैंने पिछले दिनों किया था, या जिसे मैं कर रहा हूँ, वह बेकार न चला जाये।

परिणाम स्वरूप तितुस तक को, जो मेरे साथ था, यद्यपि वह यूनानी है, फिर भी उसे ख़तना कराने के लिये विवश नहीं किया गया। किन्तु उन झूठे बंधुओं के कारण जो लुके-छिपे हमारे बीच भेदिये के रूप में यीशु मसीह में हमारी स्वतन्त्रता का पता लगाने को इसलिए घुस आये थे कि हमें दास बना सकें, यह बात उठी किन्तु हमने उनकी अधीनता में घुटने नहीं टेके ताकि वह सत्य जो सुसमाचार में निवास करता है, तुम्हारे भीतर बना रहे।

किन्तु जाने माने प्रतिष्ठित लोगों से मुझे कुछ नहीं मिला। (वे कैसे भी थे, मुझे इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। बिना किसी भेदभाव के सभी मनुष्य परमेश्वर के सामने एक जैसे हैं।) उन सम्मानित लोगों से मुझे या मेरे सुसमाचार को कोई लाभ नहीं हुआ। किन्तु इन मुखियाओं ने देखा कि परमेश्वर ने मुझे वैसे ही एक विशेष काम सौंपा है जैसे पतरस को परमेश्वर ने यहूदियों को सुसमाचार सुनाने का काम दिया था। किन्तु परमेश्वर ने ग़ैर यहूदी लोगों को सुसमाचार सुनाने का काम मुझे दिया। परमेश्वर ने पतरस को एक प्रेरित के रूप में काम करने की शक्ति दी थी। पतरस ग़ैर यहूदी लोगों के लिए एक प्रेरित है। परमेश्वर ने मुझे भी एक प्रेरित के रूप में काम करने की शक्ति दी है। किन्तु मैं उन लोगों का प्रेरित हूँ जो यहूदी नहीं हैं। इस प्रकार उन्होंने मुझ पर परमेश्वर के उस अनुग्रह को समझ लिया और कलीसिया के स्तम्भ समझे जाने वाले याकूब, पतरस और यूहन्ना ने बरनाबास और मुझसे साझेदारी के प्रतीक रूप में हाथ मिला लिया। और वे सहमत हो गये कि हम विधर्मियों के बीच उपदेश देते रहें और वे यहूदियों के बीच। 10 उन्होंने हमसे बस यही कहा कि हम उनके निर्धनों का ध्यान रखें। और मैं इसी काम को न केवल करना चाहता था बल्कि इसके लिए लालायित भी था।

मरकुस 7:31-37

बहरा गूँगा सुनने-बोलने लगा

31 फिर वह सूर के इलाके से वापस आ गया और दिकपुलिस यानी दस-नगर के रास्ते सिदोन होता हुआ झील गलील पहुँचा। 32 वहाँ कुछ लोग यीशु के पास एक व्यक्ति को लाये जो बहरा था और ठीक से बोल भी नहीं पाता था। लोगों ने यीशु से प्रार्थना की कि वह उस पर अपना हाथ रख दे।

33 यीशु उसे भीड़ से दूर एक तरफ़ ले गया। यीशु ने अपनी उँगलियाँ उसके कानों में डालीं और फिर उसने थूका और उस व्यक्ति की जीभ छुई। 34 फिर स्वर्ग की ओर ऊपर देख कर गहरी साँस भरते हुए उससे कहा, “इप्फतह।” (अर्थात् “खुल जा!”) 35 और उसके कान खुल गए, और उसकी जीभ की गांठ भी खुल गई, और वह साफ साफ बोलने लगा।

36 फिर यीशु ने उन्हें आज्ञा दी कि वे किसी को कुछ न बतायें। पर उसने लोगों को जितना रोकना चाहा, उन्होंने उसे उतना ही अधिक फैलाया। 37 लोग आश्चर्यचकित होकर कहने लगे, “यीशु जो करता है, भला करता है। यहाँ तक कि वह बहरों को सुनने की शक्ति और गूँगों को बोली देता है।”

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