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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 61-62

तार के वाद्यों के संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक पद।

हे परमेश्वर, मेरा प्रार्थना गीत सुन।
    मेरी विनती सुन।
जहाँ भी मैं कितनी ही निर्बलता में होऊँ,
    मैं सहायता पाने को तुझको पुकारूँगा!
जब मेरा मन भारी हो और बहुत दु:खी हो,
    तू मुझको बहुत ऊँचे सुरक्षित स्थान पर ले चल।
तू ही मेरा शरणस्थल है!
    तू ही मेरा सुदृढ़ गढ़ है, जो मुझे मेरे शत्रुओं से बचाता है।
तेरे डेरे में, मैं सदा सदा के लिए निवास करूँगा।
    मैं वहाँ छिपूँगा जहाँ तू मुझे बचा सके।

हे परमेश्वर, तूने मेरी वह मन्नत सुनी है, जिसे तुझ पर चढ़ाऊँगा,
    किन्तु तेरे भक्तों के पास हर वस्तु उन्हें तुझसे ही मिली है।
राजा को लम्बी आयु दे।
    उसको चिरकाल तक जीने दे!
उसको सदा परमेश्वर के साथ में बना रहने दे!
    तू उसकी रक्षा निज सच्चे प्रेम से कर।
मैं तेरे नाम का गुण सदा गाऊँगा।
    उन बातों को करूँगा जिनके करने का वचन मैंने दिया है।

“यदूतून” राग पर संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक पद।

मैं धीरज के साथ
    अपने उद्धार के लिए यहोवा का बाट जोहता हूँ।
परमेश्वर मेरा गढ़ है। परमेश्वर मुझको बचाता है।
    ऊँचे पर्वत पर, परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थान है। मुझको महा सेनायें भी पराजित नहीं कर सकतीं।

तू मुझ पर कब तक वार करता रहेगा
    मैं एक झूकी दीवार सा हो गया हूँ,
और एक बाड़े सा
    जो गिरने ही वाला है।
वे लोग मेरे नाश का कुचक्र रच रहें हैं।
    मेरे विषय में वे झूठी बातें बनाते हैं।
लोगों के बीच में,
    वे मेरी बढाई करते,
    किन्तु वे मुझको लुके—छिपे कोसते हैं।

मैं यहोवा की बाट धीरज के साथ जोहता हूँ।
    बस परमेश्वर ही अपने उद्धार के लिए मेरी आशा है।
परमेश्वर मेरा गढ़ है। परमेश्वर मुझको बचाता है।
    ऊँचे पर्वत में परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थान है।
महिमा और विजय, मुझे परमेश्वर से मिलती है।
    वह मेरा सुदृढ़ गढ़ है। परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थल है।
लोगों, परमेश्वर पर हर घड़ी भरोसा रखो!
    अपनी सब समस्यायें परमेश्वर से कहो।
    परमेश्वर हमारा सुरक्षा स्थल है।

सचमुच लोग कोई मदद नहीं कर सकते।
    सचमुच तुम उनके भरोसे सहायता पाने को नहीं रह सकते!
परमेश्वर की तुलना में
    वे हवा के झोंके के समान हैं।
10 तुम बल पर भरोसा मत रखो की तुम शक्ति के साथ वस्तुओं को छीन लोगे।
    मत सोचो तुम्हें चोरी करने से कोई लाभ होगा।
और यदि धनवान भी हो जाये
    तो कभी दौलत पर भरोसा मत करो, कि वह तुमको बचा लेगी।
11 एक बात ऐसी है जो परमेश्वर कहता है, जिसके भरोसे तुम सचमुच रह सकते हो:
    “शक्ति परमेश्वर से आती है!”

12 मेरे स्वामी, तेरा प्रेम सच्चा है।
    तू किसी जन को उसके उन कामों का प्रतिफल अथवा दण्ड देता है, जिन्हें वह करता है।

भजन संहिता 68

संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक स्तुति गीत।

हे परमेश्वर, उठ, अपने शत्रु को तितर बितर कर।
    उसके सभी शत्रु उसके पास से भाग जायें।
जैसे वायु से उड़ाया हुआ धुँआ बिखर जाता है,
    वैसे ही तेरे शत्रु बिखर जायें।
जैसे अग्नि में मोम पिघल जाती है,
    वैसे ही तेरे शत्रुओं का नाश हो जाये।
परमेश्वर के साथ सज्जन सुखी होते हैं, और सज्जन सुखद पल बिताते।
    सज्जन अपने आप आनन्द मनाते और स्वयं अति प्रसन्न रहते हैं।
परमेश्वर के गीत गाओ। उसके नाम का गुणगान करों।
    परमेश्वर के निमित राह तैयार करों।
निज रथ पर सवार होकर, वह मरूभूमि पार करता।
    याह के नाम का गुण गाओ!
परमेश्वर अपने पवित्र मन्दिर में,
    पिता के समान अनाथों का और विधवाओं का ध्यान रखता है।
जिसका कोई घर नहीं होता, ऐसे अकेले जन को परमेश्वर घर देता है।
    निज भक्तों को परमेश्वर बंधन मुक्त करता है। वे अति प्रसन्न रहते हैं।
    किन्तु जो परमेश्वर के विरूद्ध होते, उनको तपती हुयी धरती पर रहना होगा।

हे परमेश्वर, तूने निज भक्तों को मिस्र से निकाला
    और मरूभूमि से पैदल ही पार निकाला।
इस्राएल का परमेश्वर जब सिय्योन पर्वत पर आया था,
    धरती काँप उठी थी, और आकाश पिघला था।
हे परमेश्वर, वर्षा को तूने भेजा था,
    और पुरानी तथा दुर्बल पड़ी धरती को तूने फिर सशक्त किया।
10 उसी धरती पर तेरे पशु वापस आ गये।
    हे परमेश्वर, वहाँ के दीन लोगों को तूने उत्तम वस्तुएँ दी।
11 परमेश्वर ने आदेश दिया
    और बहुत जन सुसन्देश को सुनाने गये;
12 “बलशाली राजाओं की सेनाएं इधर—उधर भाग गयी!
    युद्ध से जिन वस्तुओं को सैनिक लातें हैं, उनको घर पर रूकी स्त्रियाँ बाँट लेंगी। जो लोग घर में रूके हैं, वे उस धन को बाँट लेंगे।
13 वे चाँदी से मढ़े हुए कबुतर के पंख पायेंगे।
    वे सोने से चमकते हुए पंखों को पायेंगे।”

14 परमेश्वर ने जब सल्मूल पर्वत पर शत्रु राजाओं को बिखेरा,
    तो वे ऐसे छितराये जैसे हिम गिरता है।
15 बाशान पर्वत, महान पर्वत है,
    जिसकी चोटियाँ बहुत सी हैं।
16 बाशान पर्वत, तुम क्यों सिय्योन पर्वत को छोटा समझते हो
    परमेश्वर उससे प्रेम करता है।
    परमेश्वर ने उसे वहाँ सदा रहने के लिए चुना है।
17 यहोवा पवित्र पर्वत सिय्योन पर आ रहा है।
    और उसके पीछे उसके लाखों ही रथ हैं
18 वह ऊँचे पर चढ़ गया।
    उसने बंदियों कि अगुवाई की;
उसने मनुष्यों से यहाँ तक कि
    अपने विरोधियों से भी भेंटे ली।
यहोवा परमेश्वर वाहाँ रहने गया।
19 यहोवा के गुण गाओ!
    वह प्रति दिन हमारी, हमारे संग भार उठाने में सहायता करता है।
    परमेश्वर हमारी रक्षा करता है!

20 वह हमारा परमेश्वर है।
वह वही परमेश्वर है जो हमको बचाता है।
    हमारा यहोवा परमेश्वर मृत्यु से हमारी रक्षा करता है!
21 परमेश्वर दिखा देगा कि अपने शत्रुओं को उसने हरा दिया है।
    ऐसे उन व्यक्तियों को जो उसके विरूद्ध लड़े, वह दण्ड देगा।
22 मेरे स्वमी ने कहा, “मैं बाशान से शत्रु को वापस लाऊँगा,
    मैं शत्रु को समुद्र की गहराई से वापस लाऊँगा,
23 ताकि तुम उनके रक्त में विचर सको,
    तुम्हारे कुत्ते उनका रक्त चाट जायें।”

24 लोग देखते हैं, परमेश्वर को विजय अभियान की अगुवाई करते हुए।
    लोग मेरे पवित्र परमेश्वर, मेरे राजा को विजय अभियान का अगुवाई करते देखते हैं।
25 आग—आगे गायकों की मण्डली चलती है, पीछे—पीछे वादकों की मण्डली आ रही हैं,
    और बीच में कुमारियाँ तम्बूरें बजा रही है।
26 परमेश्वर की प्रशंसा महासभा के बीच करो!
    इस्राएल के लोगों, तुम यहोवा के गुण गाओ!
27 छोटा बिन्यामीन उनकी अगुवायी कर रहा है।
    यहूदा का बड़ा परीवार वहाँ है।
    जबूलून तथा नपताली के नेता वहाँ पर हैं।

28 हे परमेश्वर, हमें निज शक्ति दिखा।
    हमें वह निज शक्ति दिखा जिसका उपयोग तूने हमारे लिए बीते हुए काल में किया था।
29 राजा लोग, यरूशलेम में तेरे मन्दिर के लिए
    निज सम्पति लायेंगे।
30 उन “पशुओं” से काम वांछित कराने के लिये निज छड़ी का प्रयोग कर।
    उन जातियों के “बैलो” और “गायों” को आज्ञा मानने वालें बना।
तूने जिन राष्ट्रों को युद्ध में हराया
    अब तू उनसे चाँदी मंगवा ले।
31 तू उनसे मिस्र से धन मँगवा ले।
    हे परमेश्वर, तू अपने धन कूश से मँगवा ले।
32 धरती के राजाओं, परमेश्वर के लिए गाओं!
    हमारे स्वामी के लिए तुम यशगान गाओ!

33 परमेश्वर के लिए गाओ! वह रथ पर चढ़कर सनातन आकाशों से निकलता है।
    तुम उसके शक्तिशाली स्वर को सुनों!
34 इस्राएल का परमेश्वर तुम्हारे किसी भी देवों से अधिक बलशाली है।
    वह जो निज भक्तों को सुदृढ़ बनाता।
35 परमेश्वर अपने मन्दिर में अदृभुत है।
    इस्राएल का परमेश्वर भक्तों को शक्ति और सामर्थ्य देता है।

परमेश्वर के गुण गाओ!

यशायाह 52:1-12

इस्राएल का उद्धार होगा

52 जाग उठो! जाग उठो हे सिय्योन!
    अपने वस्त्र को धारण करो! तुम अपनी शक्ति सम्भालो!
हे पवित्र यरूशलेम, तुम खड़े हो जाओ!
    ऐसे वे लोग जिनको परमेश्वर का अनुसरण करना स्वीकार्य नहीं हैं और जो स्वच्छ नहीं हैं,
    तुझमें फिर प्रवेश नहीं कर पायेंगे।
तू धूल झाड़ दे! तू अपने सुन्दर वस्त्र धारण कर!
हे यरूशलेम, हे सिय्योन की पुत्री, तू एक बन्दिनी थी
    किन्तु अब तू स्वयं को अपनी गर्दन में बन्धी जंजीरों से मुक्त कर!
यहोवा का यह कहना है,
    “तुझे धन के बदले में नहीं बेचा गया था।
    इसलिए धन के बिना ही तुझे बचा लिया जायेगा।”

मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “मेरे लोग बस जाने के लिए पहले मिस्र में गये थे, और फिर वे दास बन गये। बाद में अश्शूर ने उन्हें बेकार में ही दास बना लिया था। अब देखो, यह क्या हो गया है! अब किसी दूसरे राष्ट्र ने मेरे लोगों को ले लिया है। मेरे लोगों को ले जाने के लिए इस देश ने कोई भुगतान नहीं किया था। यह देश मेरे लोगों पर शासन करता है और उनकी हँसी उड़ाता है। वहाँ के लोग सदा ही मेरे प्रति बुरी बातें कहा करते हैं।”

यहोवा कहता है, “ऐसा इसलिये हुआ था कि मेरे लोग मेरे बारे में जानें। मेरे लोगों को पता चल जायेगा कि मैं कौन हूँ मेरे लोग मेरा नाम जान जायेंगे और उन्हें यह भी पता चल जायेगा कि वह मैं ही हूँ जो उनसे बोल रहा हूँ।”

सुसमाचार के साथ पहाड़ों के ऊपर से आते हुए सन्देशवाहक को देखना निश्चय ही एक अद्भुत बात है। किसी सन्देशवाहक को यह घोषणा करते हुए सुनना कितना अद्भुत है: “वहाँ शांति का निवास है, हम बचा लिये गये हैं! तुम्हारा परमेश्वर राजा है!”

नगर के रखवाले जयजयकार करने लगे हैं।
    वे आपस में मिलकर आनन्द मना रहे हैं!
क्यों क्योंकि उनमें से हर एक यहोवा को सिय्योन को लौटकर आते हुए देख रहा है।

यरूशलेम, तेरे वे भवन जो बर्बाद हो चुके हैं फिर से प्रसन्न हो जायेंगे।
तुम सभी आपस में मिल कर आनन्द मनाओगे।
    क्यों क्योंकि यहोवा यरूशलेम पर दयालू हो जायेगा, यहोवा अपने लोगों का उद्धार करेगा।
10 यहोवा सभी राष्ट्रों के ऊपर अपनी पवित्र शक्ति दर्शाएगा
    और सभी वे देश जो दूर—दूर बसे हैं, देखेंगे कि परमेश्वर अपने लोगों की रक्षा कैसे करता है।

11 तुम लोगों को चाहिए कि बाबुल छोड़ जाओ!
    वह स्थान छोड़ दो! हे लोगों,
उन वस्तुओं को ले चलने वाले जो उपासना के काम आती हैं,
    अपने आप को पवित्र करो।
    ऐसी कोई भी वस्तु जो पवित्र नहीं है, उसको मत छुओ।
12 तुम बाबुल छोड़ोगे किन्तु जल्दी में छोड़ने का तुम पर कोई दबाव नहीं होगा।
    तुम पर कहीं दूर भाग जाने का कोई दबाव नहीं होगा।
    तुम चल कर बाहर जाओगे और यहोवा तुम्हारे साथ साथ चलेगा।
तुम्हारी अगुवाई यहोवा ही करेगा
    और तुम्हारी रक्षा के लिये इस्राएल का परमेश्वर पीछे—पीछे भी होगा।

गलातियों 4:12-20

12 हे भाईयों, कृपया मेरे जैसे बन जाओ। देखो, मैं भी तो तुम्हारे जैसा बन गया हूँ, यह मेरी तुमसे प्रार्थना है, ऐसा नहीं है कि तुमने मेरे प्रति कोई अपराध किया है। 13 तुम तो जानते ही हो कि अपनी शारीरिक व्याधि के कारण मैंने पहली बार तुम्हें ही सुसमाचार सुनाया था। 14 और तुमने भी, मेरी अस्वस्थता के कारण, जो तुम्हारी परीक्षा ली गयी थी, उससे मुझे छोटा नहीं समझा और न ही मेरा निषेध किया। बल्कि तुमने परमेश्वर के स्वर्गदूत के रूप में मेरा स्वागत किया। मानों मैं स्वयं मसीह यीशु ही था। 15 सो तुम्हारी उस प्रसन्नता का क्या हुआ? मैं तुम्हारे लिए स्वयं इस बात का साक्षी हूँ कि यदि तुम समर्थ होते तो तुम अपनी आँखें तक निकाल कर मुझे दे देते। 16 सो क्या सच बोलने से ही मैं तुम्हारा शत्रु हो गया?

17 तुम्हें व्यवस्था के विधान पर चलाना चाहने वाले तुममें बड़ी गहरी रुचि लेते हैं। किन्तु उनका उद्देश्य अच्छा नहीं है। वे तुम्हें मुझ से अलग करना चाहते हैं। ताकि तुम भी उनमें गहरी रुचि ले सको। 18 कोई किसी में सदा गहरी रुचि लेता रहे, यह तो एक अच्छी बात है किन्तु यह किसी अच्छे के लिए होना चाहिये। और बस उसी समय नहीं, जब मैं तुम्हारे साथ हूँ। 19 मेरे प्रिय बच्चो! मैं तुम्हारे लिये एक बार फिर प्रसव वेदना को झेल रहा हूँ, जब तक तुम मसीह जैसे ही नहीं हो जाते। 20 मैं चाहता हूँ कि अभी तुम्हारे पास आ पहुँचू और तुम्हारे साथ अलग ही तरह से बातें करूँ, क्योंकि मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि तुम्हारे लिये क्या किया जाये।

मरकुस 8:1-10

चार हज़ार को भोजन

(मत्ती 15:32-39)

उन्हीं दिनों एक दूसरे अवसर पर एक बड़ी भीड़ इकट्ठी हुई। उनके पास खाने को कुछ नहीं था। यीशु ने अपने शिष्यों को पास बुलाया और उनसे कहा, “मुझे इन लोगों पर तरस आ रहा है क्योंकि इन लोगों को मेरे साथ तीन दिन हो चुके हैं और उनके पास खाने को कुछ नहीं है। और यदि मैं इन्हें भूखा ही घर भेज देता हूँ तो वे मार्ग में ही ढेर हो जायेंगे। कुछ तो बहुत दूर से आये हैं।”

उसके शिष्यों ने उत्तर दिया, “इस जंगल में इन्हें खिलाने के लिये किसी को पर्याप्त भोजन कहाँ से मिल सकता है?”

फिर यीशु ने उनसे पूछा, “तुम्हारे पास कितनी रोटियाँ हैं?”

उन्होंने उत्तर दिया, “सात।”

फिर उसने भीड़ को धरती पर नीचे बैठ जाने की आज्ञा दी। और उसने वे सात रोटियाँ लीं, धन्यवाद किया और उन्हें तोड़ कर बाँटने के लिये अपने शिष्यों को दिया। और फिर उन्होंने भीड़ के लोगों में बाँट दिया। उनके पास कुछ छोटी मछलियाँ भी थीं, उसने धन्यवाद करके उन्हें भी बाँट देने को कहा।

लोगों ने भर पेट भोजन किया और फिर उन्होंने बचे हुए टुकड़ों को इकट्ठा करके सात टोकरियाँ भरीं। वहाँ कोई चार हज़ार पुरुष रहे होंगे। फिर यीशु ने उन्हें विदा किया। 10 और वह तत्काल अपने शिष्यों के साथ नाव में बैठ कर दलमनूता प्रदेश को चला गया।

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