सो जब उसने अखाया को जाना चाहा तो भाइयों ने उसका साहस बढ़ाया और वहाँ के अनुयायिओं को उसका स्वागत करने को लिख भेजा। जब वह वहाँ पहुँचा तो उनके लिये बड़ा सहायक सिद्ध हुआ जिन्होंने परमेश्वर के अनुग्रह से विश्वास ग्रहण कर लिया था।
जब अपोल्लॉस ने आख़ेया प्रदेश के आगे जाने की इच्छा व्यक्त की तो शिष्यों ने उन्हें प्रोत्साहित किया तथा आख़ेया प्रदेश के शिष्यों को पत्र लिख कर विनती की कि वे उन्हें स्वीकार करें. इसलिए जब अपोल्लॉस वहाँ पहुँचे, उन्होंने उन शिष्यों का बहुत प्रोत्साहन किया, जिन्होंने अनुग्रह द्वारा विश्वास किया था