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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 75-76

“नष्ट मत कर” नामक धुन पर संगीत निर्देशक के लिये आसाप का एक स्तुति गीत।

हे परमेश्वर, हम तेरी प्रशंसा करते हैं!
    हम तेरे नाम का गुणगान करते हैं!
    तू समीप है और लोग तेरे उन अद्भत कर्मो का जिनको तू करता है, बखान करते हैं।

परमेश्वर, कहता है, “मैंने न्याय का समय चुन लिया,
    मैं निष्पक्ष होकर के न्याय करूँगा।
धरती और धरती की हर वस्तु डगमगा सकती है और गिरने को तैयार हो सकती है,
    किन्तु मैं ही उसे स्थिर रखता हूँ।

“कुछ लोग बहुत ही अभिमानी होते हैं, वे सोचते रहते है कि वे बहुत शाक्तिशाली और महत्वपूर्ण है।
लेकिन उन लोगों को बता दो, ‘डींग मत हाँकों!’
    ‘इतने अभिमानी मत बने रह!’”

इस धरती पर सचुमच,
    कोई भी मनुष्य नीच को महान नहीं बना सकता।
परमेश्वर न्याय करता है।
    परमेश्वर इसका निर्णय करता है कि कौन व्यक्ति महान होगा।
    परमेश्वर ही किसी व्यक्ति को महत्वपूर्ण पद पर बिठाता है। और किसी दूसरे को निची दशा में पहुँचाता है।
परमेश्वर दुष्टों को दण्ड देने को तत्पर है।
    परमेश्वर के पास विष मिला हुआ मधु पात्र है।
परमेश्वर इस दाखमधु (दण्ड) को उण्डेलता है
    और दुष्ट जन उसे अंतिम बूँद तक पीते हैं।
मैं लोगों से इन बातों का सदा बखान करूँगा।
    मैं इस्राएल के परमेश्वर के गुण गाऊँगा।
10 मैं दुष्ट लोगों की शक्ति को छीन लूँगा,
    और मैं सज्जनों को शक्ति दूँगा।

तार वाद्यों के संगीत निर्देशक के लिये आसाप का एक गीत।

यहूदा के लोग परमेश्वर को जानते हैं।
    इस्राएल जानता है कि सचमुच परमेश्वर का नाम बड़ा है।
परमेश्वर का मन्दिर शालेम में स्थित है।
    परमेश्वर का घर सिय्योन के पर्वत पर है।
उस जगह पर परमेश्वर ने धनुष—बाण, ढाल, तलवारे
    और युद्ध के दूसरे शस्त्रों को तोड़ दिया।

हे परमेश्वर, जब तू उन पर्वतों से लौटता है,
    जहाँ तूने अपने शत्रुओं को हरा दिया था, तू महिमा से मण्डित रहता है।
उन सैनिकों ने सोचा की वे बलशाली है। किन्तु वे अब रणक्षेत्रों में मरे पड़े हैं।
    उनके शव जो कुछ भी उनके साथ था, उस सब कुछ के रहित पड़े हैं।
    उन बलशाली सैनिकों में कोई ऐसा नहीं था, जो आप स्वयं की रक्षा कर पाता।
याकूब का परमेश्वर उन सैनिकों पर गरजा
    और वह सेना रथों और अश्वों सहित गिरकर मर गयी।
हे परमेश्वर, तू भय विस्मयपूर्ण है!
    जब तू कुपित होता है तेरे सामने कोई व्यक्ति टिक नहीं सकता।
8-9 न्यायकर्ता के रूप में यहोवा ने खड़े होकर अपना निर्णय सुना दिया।
    परमेश्वर ने धरती के नम्र लोगों को बचाया।
स्वर्ग से उसने अपना निर्णय दिया
    और सम्पूर्ण धरती शब्द रहित और भयभीत हो गई।
10 हे परमेश्वर, जब तू दुष्टों को दण्ड देता है। लोग तेरा गुण गाते हैं।
    तू अपना क्रोध प्रकट करता है और शेष बचे लोग बलशाली हो जाते हैं।

11 लोग परमेश्वर की मन्नतें मानेंगे
    और वे उन वस्तुओं को जिनकी मन्नतें उन्होंने मानीं हैं,
यहोवा को अर्पण करेंगे।
    लोग हर किसी स्थान से उस परमेश्वर को उपहार लायेंगे।
12 परमेश्वर बड़े बड़े सम्राटों को हराता है।
    धरती के सभी शासकों उसका भय मानों।

भजन संहिता 23

दाऊद का एक पद।

यहोवा मेरा गडेरिया है।
    जो कुछ भी मुझको अपेक्षित होगा, सदा मेरे पास रहेगा।
हरी भरी चरागाहों में मुझे सुख से वह रखता है।
    वह मुझको शांत झीलों पर ले जाता है।
वह अपने नाम के निमित्त मेरी आत्मा को नयी शक्ति देता है।
    वह मुझको अगुवाई करता है कि वह सचमुच उत्तम है।
मैं मृत्यु की अंधेरी घाटी से गुजरते भी नहीं डरुँगा,
    क्योंकि यहोवा तू मेरे साथ है।
    तेरी छड़ी, तेरा दण्ड मुझको सुख देते हैं।
हे यहोवा, तूने मेरे शत्रुओं के समक्ष मेरी खाने की मेज सजाई है।
    तूने मेरे शीश पर तेल उँडेला है।
    मेरा कटोरा भरा है और छलक रहा है।
नेकी और करुणा मेरे शेष जीवन तक मेरे साथ रहेंगी।
    मैं यहोवा के मन्दिर में बहुत बहुत समय तक बैठा रहूँगा।

भजन संहिता 27

दाऊद को समर्पित।

हे यहोवा, तू मेरी ज्योति और मेरा उद्धारकर्ता है।
    मुझे तो किसी से भी नहीं डरना चाहिए!
यहोवा मेरे जीवन के लिए सुरक्षित स्थान है।
    सो मैं किसी भी व्यक्ति से नहीं डरुँगा।
सम्भव है, दुष्ट जन मुझ पर चढ़ाई करें।
    सम्भव है, वे मेरे शरीर को नष्ट करने का यत्न करे।
सम्भव है मेरे शत्रु मुझे नष्ट करने को
    मुझ पर आक्रमण का यत्न करें।
पर चाहे पूरी सेना मुझको घेर ले, मैं नहीं डरुँगा।
    चाहे युद्धक्षेत्र में मुझ पर लोग प्रहार करे, मैं नहीं डरुँगा। क्योंकि मैं यहोवा पर भरोसा करता हूँ।

मैं यहोवा से केवल एक वर माँगना चाहता हूँ,
    “मैं अपने जीवन भर यहोवा के मन्दिर में बैठा रहूँ,
ताकि मैं यहोवा की सुन्दरता को देखूँ,
    और उसके मन्दिर में ध्यान करुँ।”

जब कभी कोई विपत्ति मुझे घेरेगी, यहोवा मेरी रक्षा करेगा।
    वह मुझे अपने तम्बू मैं छिपा लेगा।
    वह मुझे अपने सुरक्षित स्थान पर ऊपर उठा लेगा।
मुझे मेरे शत्रुओं ने घेर रखा है। किन्तु अब उन्हें पराजित करने में यहोवा मेरा सहायक होगा।
    मैं उसके तम्बू में फिर भेंट चढ़ाऊँगा।
    जय जयकार करके बलियाँ अर्पित करुँगा। मैं यहोवा की अभिवंदना में गीतों को गाऊँगा और बजाऊँगा।

हे यहोवा, मेरी पुकार सुन, मुझको उत्तर दे।
    मुझ पर दयालु रह।
हे योहवा, मैं चाहता हूँ अपने हृदय से तुझसे बात करुँ।
    हे यहोवा, मैं तुझसे बात करने तेरे सामने आया हूँ।
हे यहोवा, अपना मुख अपने सेवक से मत मोड़।
    मेरी सहायता कर! मुझे तू मत ठुकरा! मेरा त्याग मत कर!
    मेरे परमेश्वर, तू मेरा उद्धारकर्ता है।
10 मेरी माता और मेरे पिता ने मुझको त्याग दिया,
    पर यहोवा ने मुझे स्वीकारा और अपना बना लिया।
11 हे यहोवा, मेरे शत्रुओं के कारण, मुझे अपना मार्ग सिखा।
    मुझे अच्छे कामों की शिक्षा दे।
12 मुझ पर मेरे शत्रुओं ने आक्रमण किया है।
    उन्होंने मेरे लिए झूठ बोले हैं। वे मुझे हानि पहुँचाने के लिए झूठ बोले।
13 मुझे भरोसा है कि मरने से पहले मैं सचमुच यहोवा की धार्मिकता देखूँगा।
14 यहोवा से सहायता की बाट जोहते रहो!
    साहसी और सुदृढ़ बने रहो
    और यहोवा की सहायता की प्रतीक्षा करते रहो।

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प्रकाशित वाक्य 18:1-14

बाबुल का विनाश

18 इसके बाद मैंने एक और स्वर्गदूत को आकाश से बड़ी शक्ति के साथ नीचे उतरते देखा। उसकी महिमा से सारी धरती प्रकाशित हो उठी। शक्तिशाली स्वर से पुकारते हुए वह बोला:

“वह मिट गयी,
    बाबुल नगरी मिट गयी।
वह दानवों का आवास बन गयी थी।
    हर किसी दुष्टात्मा का वह बसेरा बन गयी थी।
    हर किसी घृणित पक्षी का वह बसेरा बन गयी थी!
    हर किसी अपवित्र, निन्दा योग्य पशु का।
क्योंकि उसने सब जनों को व्यभिचार के क्रोध की मदिरा पिलायी थी।
इस जगत के शासकों ने जो स्वयं जगाई थी उससे व्यभिचार किया था।
    और उसके भोग व्यय से जगत के व्यापारी सम्पन्न बने थे।”

आकाश से मैंने एक और स्वर सुना जो कह रहा था:

“हे मेरे जनों, तुम वहाँ से बाहर निकल आओ
    तुम उसके पापों में कहीं साक्षी न बन जाओ;
कहीं ऐसा न हो, तुम पर ही वे नाश गिरें जो उसके रहे थे,
क्योंकि उसके पाप की ढेरी बहुत ऊँची गगन तक है।
    परमेश्वर उसके बुरे कर्मों को याद कर रहा है।
हे! तुम भी तो उससे ठीक वैसा व्यवहार करो जैसा तुम्हारे साथ उसने किया था।
    जो उसने तुम्हारे साथ किया उससे दुगुना उसके साथ करो।
दूसरों के हेतु उसने जिस कटोरे में मदिरा मिलाई वही मदिरा तुम उसके हेतु दुगनी मिलाओ।
क्योंकि जो महिमा और वैभव उसने
    स्वयं को दिया तुम उसी ढँग से उसे यातनाएँ और पीड़ा दो क्योंकि
वह स्वयं अपने आप ही से कहती रही है, ‘मैं अपनी नृपासन विराजित महारानी
    मैं विधवा नहीं
    फिर शोक क्यों करूँगी?’
इसलिए वे नाश जो महामृत्यु,
    महारोदन और वह दुर्भिक्ष भीषण है।
उसको एक ही दिन घेर लेंगे, और उसको जला कर भस्म कर देंगे क्योंकि परमेश्वर प्रभु जो बहुत सक्षम है,
    उसी ने इसका यह न्याय किया है।

“जब धरती के राजा, जिन्होंने उसके साथ व्यभिचार किया और उसके भोग-विलास में हिस्सा बटाया, उसके जलने से निकलते धुआँ को देखेंगे तो वे उसके लिए रोयेंगे और विलाप करेंगे। 10 वे उसके कष्टों से डर कर वहीं से बहुत दूर ही खड़े हुए कहेंगे:

‘हे! शक्तिशाली नगर बाबुल!
    भयावह ओ, हाय भयानक!
तेरा दण्ड तुझको बस घड़ी भर में मिल गया।’

11 “इस धरती पर के व्यापारी भी उसके कारण रोयेंगे और विलाप करेंगे क्योंकि उनकी वस्तुएँ अब कोई और मोल नहीं लेगा, 12 वस्तुएँ सोने की, चाँदी की, बहुमूल्य रत्न, मोती, मलमल, बैजनी, रेशमी और किरमिजी वस्त्र, हर प्रकार की सुगंधित लकड़ी हाथी दाँत की बनी हुई हर प्रकार की वस्तुएँ, अनमोल लकड़ी, काँसे, लोहे और संगमरमर से बनी हुई तरह-तरह की वस्तुएँ 13 दार चीनी, गुलमेंहदी, सुगंधित धूप, रस गंध, लोहबान, मदिरा, जैतून का तेल, मैदा, गेहूँ, मवेशी, भेड़े, घोड़े और रथ, दास, हाँ, मनुष्यों की देह और उनकी आत्माएँ तक।

14 ‘हे बाबुल! वे सभी उत्तम वस्तुएँ, जिनमें तेरा हृदय रमा था, तुझे सब छोड़ चली गयी हैं
तेरा सब विलास वैभव भी आज नहीं है।
    अब न कभी वे तुझे मिलेंगी।’

लूका 14:1-11

क्या सब्त के दिन उपचार उचित है?

14 एक बार सब्त के दिन प्रमुख फरीसियों में से किसी के घर यीशु भोजन पर गया। उधर वे बड़ी निकटता से उस पर आँख रखे हुए थे। वहाँ उसके सामने जलोदर से पीड़ित एक व्यक्ति था। यीशु ने यहूदी धर्मशास्त्रियों और फरीसियों से पूछा, “सब्त के दिन किसी को निरोग करना उचित है या नहीं?” किन्तु वे चुप रहे। सो यीशु ने उस आदमी को लेकर चंगा कर दिया। और फिर उसे कहीं भेज दिया। फिर उसने उनसे पूछा, “यदि तुममें से किसी के पास अपना बेटा है या बैल है, वह कुँए में गिर जाता है तो क्या सब्त के दिन भी तुम उसे तत्काल बाहर नहीं निकालोगे?” वे इस पर उससे तर्क नहीं कर सके।

अपने को महत्त्व मत दो

क्योंकि यीशु ने यह देखा कि अतिथि जन अपने लिये बैठने को कोई सम्मानपूर्ण स्थान खोज रहे थे, सो उसने उन्हें एक दृष्टान्त कथा सुनाई। वह बोला: “जब तुम्हें कोई विवाह भोज पर बुलाये तो वहाँ किसी आदरपूर्ण स्थान पर मत बैठो। क्योंकि हो सकता है वहाँ कोई तुमसे अधिक बड़ा व्यक्ति उसके द्वारा बुलाया गया हो। फिर तुम दोनों को बुलाने वाला तुम्हारे पास आकर तुमसे कहेगा, ‘अपना यह स्थान इस व्यक्ति को दे दो।’ और फिर लज्जा के साथ तुम्हें सबसे नीचा स्थान ग्रहण करना पड़ेगा।

10 “सो जब तुम्हे बुलाया जाता है तो जाकर सबसे नीचे का स्थान ग्रहण करो जिससे जब तुम्हें आमंत्रित करने वाला आएगा तो तुमसे कहेगा, ‘हे मित्र, उठ ऊपर बैठ।’ फिर उन सब के सामने, जो तेरे साथ वहाँ अतिथि होंगे, तेरा मान बढ़ेगा। 11 क्योंकि हर कोई जो अपने आपको उठायेगा, उसे नीचा किया जायेगा और जो अपने आपको नीचा बनाएगा, उसे उठाया जायेगा।”

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