Add parallel Print Page Options

41 उन्होंने उत्तर दिया, “वह उन दुष्टों का सर्वनाश कर देगा तथा दाख की बारी ऐसे किसानों को पट्टे पर दे देगा, जो उसे सही समय पर उपज का भाग देंगे.”

42 येशु ने उनसे कहा, “क्या आपने पवित्रशास्त्र में कभी नहीं पढ़ा:

“जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने अनुपयोगी घोषित कर दिया
    था वही कोने का मुख्य पत्थर बन गया.
यह प्रभु की ओर से हुआ और यह हमारी दृष्टि में अनूठा है?

43 “इसलिए मैं आप सब पर यह सत्य प्रकाशित कर रहा हूँ: परमेश्वर का राज्य आप से छीन लिया जाएगा तथा उस राष्ट्र को सौंप दिया जाएगा, जो उपयुक्त फल लाएगा. 44 वह, जो इस पत्थर पर गिरेगा, टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा किन्तु जिस किसी पर यह पत्थर गिरेगा उसे कुचल कर चूर्ण बना देगा.”

45 प्रधान याजक और फ़रीसी यह दृष्टान्त सुन कर समझ गए कि येशु यह उन्हीं के विषय में कह रहे थे 46 इसलिए उन्होंने येशु को पकड़ने की कोशिश तो की किन्तु उन्हें लोगों का भय था क्योंकि लोग येशु को भविष्यद्वक्ता मानते थे.

Read full chapter

41 उन्होंने उससे कहा, “क्योंकि वे निर्दय थे इसलिए वह उन्हें बेरहमी से मार डालेगा और अंगूरों के बगीचे को दूसरे किसानों को बटाई पर दे देगा जो फसल आने पर उसे उसका हिस्सा देंगें।”

42 यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुमने शास्त्र का वह वचन नहीं पढ़ा:

‘जिस पत्थर को मकान बनाने वालों ने बेकार समझा, वही कोने का सबसे अधिक महत्वपूर्ण पत्थर बन गया?
ऐसा प्रभु के द्वारा किया गया जो हमारी दृष्टि में अद्भुत है।’(A)

43 “इसलिये मैं तुमसे कहता हूँ परमेश्वर का राज्य तुमसे छीन लिया जायेगा और वह उन लोगों को दे दिया जायेगा जो उसके राज्य के अनुसार बर्ताव करेंगे। 44 जो इस चट्टान पर गिरेगा, टुकड़े टुकड़े हो जायेगा और यदि यह चट्टान किसी पर गिरेगी तो उसे रौंद डालेगी।”

45 जब प्रमुख याजकों और फरीसियों ने यीशु की दृष्टान्त कथाएँ सुनीं तो वे ताड़ गये कि वह उन्हीं के बारे में कह रहा था। 46 सो उन्होंने उसे पकड़ने का जतन किया किन्तु वे लोगों से डरते थे क्योंकि लोग यीशु को नबी मानते थे।

Read full chapter