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अविश्वासियों को यीशु की चेतावनी

(लूका 10:13-15)

20 फिर यीशु ने उन नगरों को धिक्कारा जिनमें उसने बहुत से आश्चर्यकर्म किये थे। क्योंकि वहाँ के लोगों ने पाप करना नहीं छोड़ा और अपना मन नहीं फिराया था। 21 अरे अभागे खुराजीन, अरे अभागे बैतसैदा[a] तुम में जो आश्चर्यकर्म किये गये, यदि वे सूर और सैदा में किये जाते तो वहाँ के लोग बहुत पहले से ही टाट के शोक वस्त्र ओढ़ कर और अपने शरीर पर राख मल[b] कर खेद व्यक्त करते हुए मन फिरा चुके होते। 22 किन्तु मैं तुम लोगों से कहता हूँ न्याय के दिन सूर और सैदा की स्थिति तुमसे अधिक सहने योग्य होगी।[c]

23 “और अरे कफरनहूम, क्या तू सोचता है कि तुझे स्वर्ग की महिमा तक ऊँचा उठाया जायेगा? तू तो अधोलोक में नरक को जायेगा। क्योंकि जो आश्चर्यकर्म तुझमें किये गये, यदि वे सदोम में किये जाते तो वह नगर आज तक टिका रहता। 24 पर मैं तुम्हें बताता हूँ कि न्याय के दिन तेरे लोगों की हालत से सदोम की हालत कहीं अच्छी होगी।”

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Footnotes

  1. 11:21 खुराजीन, बैतसैदा कफ़रनहूम झील गलील के किनारे बसे नगर जहाँ यीशु ने उपदेश दिये थे।
  2. 11:21 राख मल उन दिनों लोग शोक व्यक्त करने के लिए इस प्रकार के मोटे कपड़े पहना करते थे, और अपने शरीर पर राख मला करते थे।
  3. 11:22 सूर और सैदा उन नगरों के नाम हैं जहाँ बहुत बुरे लोग रहा करते थे।