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सूखे हाथ के व्यक्ति को स्वास्थ्यदान

(मत्ति 12:9-14; लूकॉ 6:6-11)

मसीह येशु एक यहूदी सभागृह में थे, जहाँ एक व्यक्ति था, जिसका हाथ सूख गया था. कुछ व्यक्ति इस अवसर की ताक में थे कि शब्बाथ पर मसीह येशु उस व्यक्ति को स्वस्थ करें और वे उन पर दोष लगा सकें. मसीह येशु ने उस व्यक्ति को, जिसका हाथ सूख गया था, आज्ञा दी, “उठो! सबके सामने खड़े हो जाओ!”

तब अन्यों को सम्बोधित करते हुए मसीह येशु ने पूछा, “शब्बाथ पर क्या करना व्यवस्था के अनुसार है—भला या बुरा? जीवन की रक्षा या विनाश?” वे सब मौन बने रहे.

तब उन सब पर गुस्से से भरी दृष्टि डालते हुए उनके मन की कठोरता पर व्यथित हो कर मसीह येशु ने उस व्यक्ति से कहा, “अपना हाथ आगे बढ़ाओ.” उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया—उसका हाथ पुनस्वस्थ हो गया था. फ़रीसियों ने तुरन्त जा कर राजा हेरोदेस के समर्थकों से मसीह येशु के विरुद्ध विचार किया कि उन्हें किसी भी प्रकार नाश करें.

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