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इसके बजाय कि वह निर्बलों के लिए ठोकर का कारण बने, उत्तम यह होता कि उसके गले में चक्की का पाट बान्ध कर उसे गहरे समुद्र में फेंक दिया जाता. इसलिए तुम स्वयं के प्रति सावधान रहो.

“यदि तुम्हारा भाई अपराध करे तो उसे डाँटो और यदि वह मन फिराए तो उसे क्षमा कर दो. यदि वह एक दिन में तुम्हारे विरुद्ध सात बार भी अपराध करे और सातों बार तुमसे आ कर कहे, ‘मुझे इसका पछतावा है,’ तो उसे क्षमा कर दो.”

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