यिर्मयाह 50
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बाबुल क बारे मँ सँदेसा
50 इ सँदेसा यहोवा क अहइ जेका उ बाबुल रास्ट्र अउ बाबुल क लोगन बरे दिहस। यहोवा इ सँदेसा यिर्मयाह क जरिये दिहस।
2 “हर एक रास्ट्र क इ घोसित कइ द्या।
झण्डा उठावा अउर सँदेसा सुनावा।
पूरा सँदेसा सुनावा अउर कहा,
‘बाबुल रास्ट्र पइ अधिकार कीन्ह जाइ।
बेल देवता लज्जा क पात्र बनी।
मरोदेक देवता बहोत डेराइ जाइ।
बाबुल क देवमूरतियन लज्जा क पात्र बनहीं
ओकर मूर्ति देवता भयभीत होइ जइहीं।’
3 उत्तर स एक रास्ट्र बाबुल पइ हमला करी।
उ रास्ट्र बाबुल क सूना रेगिस्तान स बनाइ देइ।
कउनो मनई हुआँ नाहीं रही।
मनई अउ पसु दुइनउँ हुआँ स पराइ जइहीं।”
4 यहोवा कहत ह, “उ समइ,
इस्राएल क अउर यहूदा क लोग एक संग होइहीं।
उ पचे एक संग बराबर रोवत रहिहीं
अउर एक संग ही उ पचे आपन यहोवा परमेस्सर क खोजइ जइहीं।
5 उ सबइ लोग पूछिहीं सिय्योन कइसे जाइँ
उ पचे उ दिसा मँ चलब सुरू करिहीं।
लोग कहिहीं, ‘आवा, हम यहोवा स जाइ मिलइँ,
हम एक अइसी करार करी जउन सदा ही रहइ।
हम लोग एक ठु अइसी करार करी जेका हम कबहुँ न बिसरी।’
6 “मोर लोग हेरान भेड़िन क तरह होइ ग अहइँ।
ओनकर गड़रियन ओनका गलत राहे पइ लइ गवा अहइँ।
ओनकर मार्गदर्सकन ओनका पहाड़न अउर पहाड़ियन मँ चारिहुँ कइँती भटकाएन ह।
उ पचे बिसरि गएन कि ओनकर बिस्राम क ठउर कहाँ अहइ।
7 जउन भी मोरे लोगन क पाएस,
चोट पहोंचाएस अउर ओन कहेन,
‘हम कछू गलत नाहीं कीन्ह।
वे लोग ही यहोवा क खिलाफ पाप किहेन।
यहोवा ओनकर बिस्राम क ठउर अहइ।
अउर परमेस्सर जेह पइ ओकर पुरखन पतियानेन।’
8 “बाबुल स पराइ निकरा।
कसदी लोगन क देस क तजि द्या।
ओन बोकरन क तरह बना जउन झूण्ड क राह देखावत हीं।
9 मइँ बहोत स रास्ट्रन क उत्तर स एक संग लिआउब।
रास्ट्रन क इ समूह बाबुल क बिरुद्ध जुद्ध बरे तइयार होइ।
बाबुल उत्तर क लोगन क जरिये अधिकार मँ लिआवा जाइ।
उ सबइ रास्ट्र बाबुल पइ अनेक बाण चलइहीं
अउर उ सबइ बाण ओन फउजियन क समान होइहीं
जउन जुद्ध भूइँया स खाली हाथ नाहीं लउटेन।
10 दुस्मन कसदी लोगन स सारा धन लेइ।
उ सबइ दुस्मन फउजी जउन चहिहीं, लेइहीं।”
इ सबइ यहोवा कहत ह।
11 “बाबुल, तू उत्तेजित अउ खुस ह्वा।
तू मोर देस लिहा।
तू अनाज क चारिहुँ कइँती
गइया क तरह नाचत अहा।
तोहार हँसी घोड़न क
हिनहिनाहट जइसी अहइ।
12 अब तोहार महतारी बहित लजाइ
तोहका जन्म देइवाली महतारी क ग्लानि होइ
बाबुल सबहिं रास्ट्रन क तुलना मँ सब स कम महत्व क होइ।
उ एक सूना रेगिस्तान होइ।
13 यहोवा आपन किरोध परगट करी।
एह बरे कउनो मनई हुआँ नाहीं रही।
बाबुल नगर पूरी तरह खाली रही।
बाबुल स गुजरइवाला हर एक मनई डेराइ।
उ पचे आपन मूँड़ हिलइहीं जब उ पचे लखिहीं कि इ कउने बुरी तरह नस्ट भवा ह।
14 “बाबुल क खिलाफ जुद्ध क तइयारी करा।
सबहिं फउजियन आपन धनुस स बाबुल पइ बाण चलावा।
आपन बाणन क न बचावा।
बाबुल यहोवा क खिलाफ पाप किहस ह।
15 बाबुल क चारिहुँ ओर क फउजियो, जुद्ध क उद्घोस करा।
अब बाबुल आत्म समर्पण किहेस ह।
ओकर दीवारन अउर गुम्बदन क गिराइ दीन्ह ग अहइ।
यहोवा ओन लोगन क उ सजा देत अहइ जउन ओनका मिलइ चाही।
रास्ट्रो तू बाबुल क उ सजा द्या जउन मिलइ चाही।
ओकर संग उ करा जउन उ दूसर रास्ट्रन क संग किहस ह।
16 बाबुल क लोगन क ओनकर फसलन न उगावइ द्या।
ओनका फसलन न काटइ द्या।
बाबुल क फउजी आपन नगर मँ अनेकन कैदी लियाएन ह।
अब दुस्मन क फउजी आइ गवा अहइँ,
एह बरे उ पचे कैदी आपन घर लउटत अहइँ।
उ सबइ कैदी आपन देसन क वापस परात अहइँ।
17 “इस्राएल भेड़ी क तरह अहइ जेका
सेरन पाछा कइके भगाइ दिहन ह।
ओका खाइवाला पहिला सेर अस्सूर क राजा रहा।
ओकर हाड़न क चूर करइवाला आखिरी सेर बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर रहा।
18 एह बरे सर्वसक्तीमान यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर कहत ह:
‘मइँ हाली ही बाबुल क राजा अउर ओकर देस क सजा देब।
मइँ ओका वइसे ही सजा देब जइसे मइँ अस्सूर क राजा क सजा दिहेउँ।
19 “‘मुला इस्राएल क मइँ ओकरे खेतन मँ वापस लिआउब।
उ उहइ भोजन करी जउन कर्मेल पर्वत अउर बासान क भुइँया क उपज अहइ।
उ भोजन करी अउर भरा पूरा होइ।
उ एप्रैम अउर गिलाद भुइँया मँ पहाड़ियन पइ खाइ।’”
20 यहोवा कहत ह, “उ समइ लोग इस्राएल क अपराध क जानइ चहिहीं।
किन्तु कउनो अपराध नाहीं होइ।
लोग यहूदा क पापन क जानइ चहिहीं
किन्तु कउनो पाप नाहीं मिली।
काहेकि मइँ इस्राएल अउ यहूदा क कछू बचे भएन क बचावत अहउँ
अउर मइँ ओनकर सबहिं पापन बरे ओनका छिमा करत हउँ।”
21 यहोवा कहत ह, “मरातैम देस पइ हमला करा।
पकोद क पहँटा क निवासियन पइ हमला करा।
ओन पइ हमला करा,
ओनका मार डावा अउर ओनका पूरी तरह नस्ट कइ द्या।
उ सब करा जेकरे बरे मइँ आदेस देत हउँ।
22 “जुद्ध क घोस समूचइ देस मँ सुना जाइ सकत ह।
इ बहोत जियादा बिध्वंस क सोर अहइ।
23 बाबुल ‘पूरी भुइँया क हथौड़ा’ रहा।
किन्तु अब हथौड़ा टूट गवा बिखराइ गवा अहइ।
बाबुल सबन मँ सब स जियादा
बर्बाद रास्ट्रन मँ स एक अहइ।
24 बाबुल, तू एक जाल बिछाएउँ,
किन्तु खुद ही तू एहमाँ आइ फँसा अउर तू लख भी नाहीं पाएस कि उ आवत रहा।
तू यहोवा क खिलाफ लड़्या,
एह बरे तू मिल गया अउर धरा गया।
25 यहोवा आपन भण्डार खोल दिहस ह।
अउर आपन किरोध क अस्त्र-सस्त्र निकारेस ह।
सर्वसक्तीमान परमेस्सर यहोवा ओन अस्त्र-सस्त्र क निकारेस ह
काहेकि ओका कसदी लोगन क देस मँ काम करब अहइ।
26 “बहोत दूर स बाबुल क खिलाफ आवा,
ओकर अन्न भण्डार घरन क तोड़िके खोला।
बाबुल क पूरी तरह नस्ट करा
अउर कउनो क जिअत न छोड़ा।
ओनकर ल्हासन क अनाजे क बड़के ढेर क तरह एक ढेर मँ लगावा।
27 बाबुल क सबहिं नउ जवानन क मार डावा।
ओनकर नरसंहार होइ द्या।
ओनकर पराजय क समय आइ गवा अहइ।
एह बरे ओनके बरे बहोत बुरा होइ।
इ ओनके बरे दण्डित होइ क समइ अहइ।
28 लोग बाबुल देस स परात अहइँ,
उ पचे उ देस स बच निकरत अहइँ।
उ सबइ लोग सिय्योन क आवत अहइँ अउर उ पचे सबहिं स उ सब कहत अहइँ जउन यहोवा करत अहइ।
उ सबइ कहत अहइँ कि बाबुल क, जउन सजा मिलइ चाही यहोवा ओका देत अहइ।
बाबुल यहोवा क मन्दिर क नस्ट किहस, एह बरे अब यहोवा बाबुल क नस्ट करत अहइ।
29 “धनुर्धारियन क बाबुल क खिलाफ बोलावा।
ओन लोगन स नगर पइ हमला करइ क कहा।
कउनो क बच निकरइ जिन द्या।
जउन उ किहस ह ओकर उल्टा भुगतान करा।
ओकरे संग उहइ करा
जउन उ दूसर रास्ट्रन क संग किहेस ह।
बाबुल यहोवा क सम्मान नाहीं किहेस।
बाबुल इस्राएल क पवित्तरतम क बरे बड़ा घमण्डी रहा।
एह बरे बाबुल क सजा द्या।
30 बाबुल क नउ जवान सड़कन पइ मारा जइहीं,
ओह दिन सबहिं फउजी मर जइहीं।”
इ सबइ यहोवा कहत ह।
31 “बाबुल, तू बहोत गर्वीला अहा,
अउर मइँ तोहरे खिलाफ हउँ।”
हमार सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहत ह।
“मइँ तोहरे खिलाफ हउँ
अउर तोहरे दण्डित होइ क समइ आइ गवा ह।
32 गर्वीला बाबुल ठोकर खाइ अउ गिरी
अउर कउनो मनई ओका उठावइ मँ मदद नाहीं करी।
मइँ ओकरे नगरन मँ आगी लगाउब,
उ आगी ओकरे चारिहुँ कइँती क सबहिं क पुरी तरह बारि देइ।”
33 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह,
“इस्राएल अउ यहूदा क लोग दास अहइँ।
दुस्मन ओनका लइ गवा अउर दुस्मन इस्राएल क निकरि जाइ नाहीं देइ।
34 मुला परमेस्सर ओन लोगन क वापस लिआइ।
ओकर नाउँ सर्वसक्तिमान परमेस्सर यहोवा अहइ।
उ दृढ़ सक्ति स ओन लोगन क रच्छा करी।
उ ओनकर रच्छा करी जेहसे उ पृथ्वी क बिस्राम दइ सकइ।
किन्तु उ बाबुल क लोगन क बिस्राम नाहीं देइ।”
35 यहोवा कहत ह,
“बाबुल क लोगन क तरवार स मार द्या।
बाबुल क राजकीय अधिकारियन
अउ ग्यानियन क भी तरवार स मर जाइ द्या।
36 बाबुल क याजकन क तरवार स मार द्या।
उ सबइ याजक मूरख लोगन क तरह होइहीं।
बाबुल क फउजियन क तरवार स मर जाइ द्या,
उ सबइ फउजी त्रास स भरि जइहीं।
37 बाबुल क घोड़न अउर रथन क तरवार क घाट उतरइ द्या।
दूसर देसन क भाड़े क फउजियन क तरवार स कट जाइ द्या।
उ सबइ फउजी भयभीत अबला होइहीं।
बाबुल क खजाने क खिलाफ तरवार उठइ द्या,
उ सबइ खजानन लइ लीन्ह जइहीं।
38 बाबुल क नदियन सूख जाइँ।
उ सबइ नदियन सूख जइहीं।
बाबुल देस मँ असंख्य देवमूरतियन अहइँ।
उ सबइ मूरतियन परगट करत हीं कि बाबुल क लोग मूरख अहइँ।
एह बरे ओन लोगन क संग बुरी घटनन घटिहीं।
39 बाबुल फुन लोगन स नाहीं भरी
जंगली कुकुरन, सुतुरमुर्ग अउर दूसर रेगिस्तान क जनावर हुआँ रहिहीं।
किन्तु हुआँ कबहुँ कउनो मनई नाहीं रही।
40 परमेस्सर सदोम, अमोरा अउ ओनके चारिहुँ कइँती क नगरन
क पूरी तरह स नस्ट किहे रहा
अउर जब ओन नगरन मँ कउनो नाहीं रहत।
इहइ तरह बाबुल मँ कउनों नाहीं रही
अउर कउनो मनई हुआँ रहइ कबहुँ नाहीं जाइ।
41 “लखा, उत्तर स लोग आवत अहइँ,
उ पचे एक सक्तीसाली रास्ट्र स आवत अहइँ।
पूरे संसार क चारिहुँ ओर स एक संग बहोत स राजा आवत अहइँ।
42 ओनकी फउज क लगे धनुस अउर भालन अहइँ,
फउजी कूर अहइँ,
ओनमाँ दाया नाहीं अहइ।
फउजी आपन घोड़न पइ सवार आवत अहइँ,
ओकर दोड़इ क आवाज समुद्दर क गरजन क तरह अहइ।
उ पचे आपन जगहियन पइ जुद्ध बरे तइयार अहइँ।
बाबुल नगर उ पचे तोह पइ हमला करइ क तत्पर अहइँ।
43 बाबुल क राजा ओन फउजन क बारे मँ सुनेस,
अउर उ आतंकित होइ गवा।
उ एतना डर गवा ह कि ओकर हाथ हल नाहीं सकतेन।
ओकरे डर स ओकरे पेट मँ अइसी पीरा होत अहइ, जइसे उ बच्चा पइदा करइवाली मेहरारू होइ।”
44 यहोवा कहत ह, “कबहुँ यरदन नदी क निचके क
घनी झाड़ियन स एक ठु सेर निकरी।
उ सेर ओन खेतन मँ आइ
जहाँ लोग आपन जनावरन रखत हीं
अउर सब जनावर पराइ जइहीं।
मइँ उ सेर क तरह होब।
मइँ बाबुल, स ओकर देस छोड़ाउब।
इ करइ बरे मइँ केका चुनब?
मइँ जेका चाहब चुनब।
काहेकि अइसा कउनो मनई नाहीं जउन मोका चुनौती दइ सकइ।
कउनो गड़रिया मोर समन्वा खड़ा नाहीं होइ सकत।”
45 बाबुल क संग यहोवा जउन कछू करइ क
जोजना बनाएस ह, ओका सुना।
“बाबुल लोगन बरे यहोवा जउन करइ क निर्णय लिहस ह ओका सुना।
दुस्मन बाबुल क लोगन क खींच लेइ जाब्या
जइसा एक बछड़ा क झुण्ड स खींच लइ जाइ जात ह।
उ बाबुल क एक खाली खेत मँ बदल देब।
46 बाबुल क पतन होइ,
अउर उ पतन पृथ्वी क कँपकँपाइ देइ।
सबहिं रास्ट्रन क लोग
बाबुल क बिध्वंस होइ क बारे मँ सुनिहीं।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.