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12 सो, मेरा स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा लोगों से उनके मरे हुए मित्रों के लिए विलाप करने और दु:खी होने के लिये कहेगा। लोग अपने सिर मुँड़ा लेंगे और शोक वस्त्र धारण करेंगे। 13 किन्तु देखो! अब लोग प्रसन्न हैं। लोग खुशियाँ मना रहे हैं। वे लोग कह रहे हैं:

मवेशियों को मारो, भेड़ों का वध करो।
    हम उत्सव मनायेंगे।
तुम अपना खाना खाओ और अपना दाखमधु पियो।
    खाओ और पियो क्योंकि कल तो हमें मर जाना है।

14 सर्वशक्तिमान यहोवा ने ये बातें मुझसे कही थीं और मैंने उन्हें अपने कानों सुना था: “तुम बुरे काम करने के अपराधी हो और मैं निश्चय के साथ कहता हूँ कि इस अपराध के क्षमा किये जाने से पहले ही तुम मर जाओगे।” मेरे स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा ने ये बातें कही थीं।

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