भजन संहिता 129
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
मन्दिर क आरोहण गीत।
1 पूरी जिन्नगी भइ मोर अनेक दुस्मन रहेन ह।
इस्राएल क घोसना करइ द्या
2 पूरी जिन्नगी भइ मोर अनेक दुस्मन रहेन ह।
बहोत सारे दुस्मन मोह पइ हमला किहन।
मुला उ पचे हमका हराइ नाहीं पाएन।
3 उ पचे मोका तब तलक पीटेन जब तलक मोरी पिठिया पइ गहिर घाव नाहीं बनेन।
मोरे बड़का बड़का अउर गहिर घाव होइ गएन।
4 मुला यहोवा उ किहेस जउन नीक रहा अउर रस्सा काट दिहस।
उ मोका ओन दुट्ठ लोगन स अजाद किहस।
5 ओन सबइ क जउन सिय्योन स घिना करत ह हारइ द्या,
उ पचन क खदेड़इ द्या।
6 उ सबइ लोग अइसे रहेन, जइसे कउनो घरे क छत पइ क घास
जउन उगइ स पहिले ही मुरझाइ जात ह।
7 उ घसिया स कउनो मजदूर आपन मूठी तलक नाहीं भरि पावत
अउर इ गठरी पुलंदा बनाइ बरे भी प्रयाप्त नाहीं होइ।
8 अइसे ओन दुट्ठ जनन क लगे स जउन लोग गुजरत हीं।
उ पचे नाहीं कइहीं, “यहोवा तोहार भला करइ।”
उ पचे नाहीं कहिहीं, “हम तू पचन्क यहोवा क नाउँ पइ आसीस देत अही।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.