निर्गमन 21:18-25
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
18 “दो व्यक्ति बहस कर सकते हैं और एक दूसरे को पत्थर या मुक्के से मार सकते हैं। उस व्यक्ति को तुम्हें कैसे दण्ड देना चाहिए? यदि चोट खाया हुआ व्यक्ति मर न जाए तो चोट पहुँचाने वाला व्यक्ति मारा न जाए। 19 किन्तु यदि चोट खाए व्यक्ति को कुछ समय तक चारपाई पकड़नी पड़े तो चोट पहुँचाने वाले व्यक्ति को उसे हर्जाना देना चाहिए। चोट पहुँचाने वाला व्यक्ति उसके समय की हानि को धन से पूरा करे। वह व्यक्ति तब तक उसे हर्जाना दे जब तक वह पूरी तरह ठीक न हो जाए।”
20 “कभी कभी लोग अपने दास और दासियों को पीटते हैं। यदि पिटाई के बाद दास मर जाए तो हत्यारे को अवश्य दण्ड दिया जाए। 21 किन्तु दास यदि मरता नहीं और कुछ दिनों बाद वह स्वस्थ हो जाता है तो उस व्यक्ति को दण्ड नहीं दिया जाएगा। क्यों? क्योंकि दास के स्वामी ने दास के लिए धन दिया और दास उसका है।
22 “दो व्यक्ति आपस में लड़ सकते हैं और किसी गर्भवती स्त्री को चोट पहुँचा सकते हैं। यदि वह स्त्री अपने बच्चे को समय से पहले जन्म देती है, और माँ बुरी तरह घायल नहीं है तो चोट पहुँचानेवाला व्यक्ति उसे अवश्य धन दे। उस स्त्री का पति यह निश्चित करेगा कि वह व्यक्ति कितना धन दे। न्यायाधीश उस व्यक्ति को यह निश्चय करने में सहायता करेंगे कि वह धन कितना होगा। 23 किन्तु यदि स्त्री बुरी तरह घायल हो तो वह व्यक्ति जिसने उसे चोट पहुँचाई है अवश्य दण्डित किया जाए। यदि एक व्यक्ति मार दिया जाता है तो हत्यारा अवश्य मार दिया जाए। तुम एक जीवन के बदले दूसरा जीवन लो। 24 तुम आँख के बदले आँख, दाँत के बदले दाँत, हाथ के बदले हाथ, पैर के बदले पैर लो। 25 जले के बदले जलाओ, खरोंच के बदले खरोंच करो और घाव के बदले घाव।
Read full chapter
निर्गमन 21:28-34
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
28 “यदि किसी व्यक्ति का कोई बैल किसी स्त्री को या पुरुष को मार देता है तो तुम पत्थरों का उपयोग करो और बैल को मार डालो। तुम्हें उस बैल को खाना नहीं चाहिए। किन्तु बैल का स्वामी अपराधी नहीं है। 29 किन्तु यदि बैल ने पहले लोगों को चोट पहुँचाई हो और स्वामी को चेतावनी दी गई हो तो वह स्वामी अपराधी है। क्यों? क्योंकि इसने बैल को बाँधा या बन्द नहीं रखा। यदि बैल स्वतन्त्र छोड़ा गया हो और किसी को वह मारे तो स्वामी अपराधी है। तुम पत्थरों से बैल और उसके स्वामी को भी मार दो। 30 किन्तु मृतक का परिवार यदि चाहे तो बदले में धन लेकर बैल के मालिक को छोड़ सकता है। किन्तु वह उतना धन दे जितना न्यायाधीश निश्चित करे।
31 “यही नियम उस समय भी लागू होगा जब बैल किसी व्यक्ति के पुत्र या पुत्री को मारता है। 32 किन्तु बैल यदि दास को मार दे तो बैल का स्वामी दास के स्वामी को एक नये दास का मूल्य चाँदी के तीस सिक्के[a] दे और बैल भी पत्थरों से मार डाला जाए। यह नियम दास और दासी के लिए समान होगा।
33 “कोई व्यक्ति कोई गका या कुँआ खोदे और उसे ढके नहीं और यदि किसी व्यक्ति का जानवर आए और उसमें गिर जाए तो गके का स्वामी दोषी है। 34 गके का स्वामी जानवर के लिए धन देगा। किन्तु जानवर के लिए धन देने के बाद उसे उस मरे जानवर को लेने दिया जाएगा।
Read full chapterFootnotes
- 21:32 चाँदी के तीस सिक्के नये दास के लिए मूल्य।
© 1995, 2010 Bible League International