नहेमायाह 4
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
सम्बल्लत अउर तोबियाह
4 जब सम्बल्लत सुनेस कि हम लोग यरूसलेम क नगर देवार क पुनःनिर्माण करत अही, तउ उ बहोत किरोधित अउ बियाकुल होइ उठा। उ यहूदियन क हँसी उड़ावइ लाग। 2 सम्बल्लत अपने मीतन अउर फउज स सोमरोन मँ इ बिसय क लइके बातचीत किहस। उ कहेस, “इ सबइ सक्तिहीन यहूदी का करत अहइँ? ओनकर बिचार का अहइ? का उ पचे आपन बलियन चढ़ाइ पइही? साइद उ पचे अइसा सोचत ही कि उ पचे एक दिन मँ ही इ निर्माण कार्य क पूरा कइ लेइही। धूर माटी क इ ढेर मँ स उ पचे पाथरन क उठाइके फुन स नवी जिन्नगी नाहीं दइ पइही। इ सबइ तउ अब राखी अउ माटी क ढेर बन चुका अहइँ।”
3 अम्मोन क निवासी तोबियाह सम्बल्लत क संग रहा। तोबियाह बोला, “इ सबइ यहूदी जउन निर्माण करत रहे ओकरे बारे मँ इ सबइ का सोचत ही? जदि कउनो नान्ह स लोखरी भी उ देवार पइ चढ जाइ तउ ओनकर उ पाथरन क देवार ढह जाइ।”
4 तब नहेमायाह परमेस्सर स पराथना किहस अउर उ बोला, “हे हमरे परमेस्सर, हमरी बिनती सुना। उ सबइ लोग हम स घिना करत ही। सम्बल्लत अउ तोबियाह हमार अपमान करत हीं। एन बुरी बातन क तू ओन ही क संग घटाइ द्या। ओनका ओन मनइयन क नाई लज्जित कइके जेनका बन्दी क रूप मँ लइ जावा जात रहा होइ। 5 ओनकर उ अपराध क दूर जिन करा अथवा ओनके ओन पापन क छिमा जिन करा जेनका उ पचे तोहरे लखत किहन ह। उ पचे देवार क बनावइ बालन क अपमान किहन ह अउर ओनकर हिम्मत तोड़ेन ह।”
6 हम यरूसलेम क देवार क पुन: निर्माण किहा ह। हम नगर क चारिहुँ कइँती देवार बनावा ह। मुला ओका जेतना ऊँच होइ चाही, उ ओहसे आधी ही रहि गइ ह। हम इ एह बरे कइ पाए कि हमार लोग अपने समूचे मन स इ कार्य क किहा।
7 किन्तु सम्बल्लत, तोबियाह, अरब क लोगो, अम्मोन क निवासियो अउर असदोद क रहइवाले लोगन क उ समइ बहोत किरोध आवा। जब उ पचे इ सुनेन कि यरूसलेम क देवार पइ लोग निरंतर काम करत अहइँ। उ पचे सुने रहेन कि लोग देवार क टूटा भवा भाग क भरत अहइँ। 8 तउ उ पचे सबहिं लोग आपुस मँ बटुरेन अउर उ पचे यरूसलेम क खिलाफ जोजनन बनाएन। उ पचे यरूसलेम क खिलाफ गड़बड़ी पइदा करइ क सडयन्त्र रचेस। उ पचे इ जोजना भी बनाएन कि नगर क ऊपर चढाई कइके जुद्ध कीन्ह जाइ। 9 मुला हम अपने परमेस्सर स बिनती किहस अउर नगर देवार क देवारन पइ हम पहरेदार बइठाए दिहन ताकि उ पचे हीआँ दिन-रात रखवारी करइँ जेहसे हम ओन लोगन क मुकाबला करइ क बरे तुरन्त तइयार रहइँ।
10 उधर उहइ समइ यहूदा क लोग कहेन, “कारीगर लोग थकत जात अहइँ। हुवाँ बहोत स कचरा पड़ा अहइ। तउ हम अब देवार पइ निर्माण कार्य करत नाहीं रहि सकित। 11 अउर हमार दुस्मन कहत अहइँ, ‘एहसे पहिले कि यहूदियन क एकर पता चलइ या उ पचे हम क लखि लेइँ, हम ठीक ओनके बीच पहोंच जाब। हम ओनका मार डाउब जेहसे ओनकर काम रुक जाइ।’”
12 एकरे पाछे हमरे दुस्मनन क बीच रह रहे यहूदी हमरे लगे आवइँ अउर उ पचे हम स दस दाईँ इ कहेन, “हमरे चारिहुँ कइँती हमार दुस्मन अहइँ, हम जिधर भी मुड़ी, हर कहूँ हमार दुस्मन फइले अहइँ।”
13 तउ मइँ देवार क देवार क संग-संग जउन जगह सब स खाले पड़त रहिन, ओनके पाछे कछू लोगन क नियुक्त कइ दिहेउँ अउर मइँ देवार मँ जउन नाके पडत रहेन, ओन पइ भी लोगन क लगाइ दिहेउँ। मइँ समूची देवारन क ओनकर तरवारन, भालन अउर धनुस बागन क संग हुवाँ लगाइ दिहेउँ। 14 मइँ सारी स्थिति क अंजाद लिहेउँ अउर फुन खड़े होइके महत्त्वपूर्ण परिवारन, हाकिमन अउ दूसरे लोगन स कहेउँ, “हमरे दुस्मनन स डेराअ जिन। हमरे सुआमी क याद राखा। यहोवा महान अहइ अउ सक्तीसाली अहइ। तू पचन्क अपने भाइयन, अपने पूतन अउ अपनी बिटियन क बरे इ लडाई लडब ही अहइ। तू पचन्क अपनी मेहररूअन अउ अपने घरन क बरे जुद्ध करब ही होइ।”
15 एकरे पाछे हमरे दुस्मनन क कान मँ इ भनक पड गइ कि हम क ओनकी जोजनन क पता चल चुका ह। उ पचे जान गएन कि परमेस्सर ओनकी जोजनन पइ पानी फेर दिहस। एह बरे हम सबहिं नगर देवार क देवार पइ काम करइ क वापस लउटि गए। हर मनई फुन अपने जगह पइ वापस चला गवा अउर अपने हींसे क काम करइ लाग। 16 उ दिन क पाछे स मोरे आधे लोग देवार पइ काम करइ लागेन अउर मोर आधे लोग भालन, ढारन, तीरन अउर कवचन स सुसज्जित होइके पहरा देत रहे। यहूदा क ओन लोगन क पाछे जउन नगर देवार क देवार क निर्माण करत रहेन, फउज क अधिकारी खड़े रहत रहेन। 17 सामान ढोवइवाले मजदूर एक हाथ स काम करतेन तउ ओनके दूसर हाथे मँ हथियार रखत रहेन। 18 हर कारीगर क बगल मँ जब उ काम करत भवा होत, तरवार बँधी रहत रही। लोगन क सावधान करइ बरे तुरही बजावइवाला मनई मोरे लगे ही रहत। 19 फुन प्रमुख हथियारन, हाकिमन अउर बाकी दूसरे लोगन क सम्बोधित करत भए मइँ कहेउँ, “इ बहोत बड़ा काम अहइ। हम देवार क सहारे सहारे फइले भए अही। हर एक दूसरे स दूर पड गए अही। 20 तउ जदि तू तुरही क अवाज सुना, तउ उ निर्धारित जगह पइ भाग आवा हुँवइ हम सब बटुरब अउर हमरे बरे परमेस्सर जुद्ध करी।”
21 इ तरह हम यरूसलेम क उ देवार पइ काम करत रहे अउर हमरे आधे लोग भाले थामे रहे। हम भिंसारे क पहली किरण स लइके रात मँ तारे छिटकइ तलक काम किया करत रहे।
22 उ अवसर पइ लोगन स मइँ इ भी कहे रहेउँ: “रात क समइ हर मनई अउर ओकर सेवक यरूसलेम क भीतर ही ठहरइ ताकि राति क समइ मँ उ पचे पहरेदार रहइँ अउर दिन क समइ कारीगर।” 23 इ प्रकार हम मँ स कउनो भी कबहुँ अपने ओढ़ने नाहीं उतारत रहा न मइँ, न मेरे साथी, न मेरे लोग अउर न पहरेदार। हर समइ हम मँ स हर एक मनई अपने दाहिने हाथ मँ हथियार तइयार रखा करत रहा।
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