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मसीह के दर्शन में, परमेश्वर के दर्शन

15 वह अदृश्य परमेश्वर का
    दृश्य रूप है।
    वह सारी सृष्टि का सिरमौर है।
16 क्योंकि जो कुछ स्वर्ग में है और धरती पर है,
    उसी की शक्ति से उत्पन्न हुआ है।
    कुछ भी चाहे दृश्यमान हो और चाहे अदृश्य, चाहे सिंहासन हो चाहे राज्य, चाहे कोई शासक हो और चाहे अधिकारी,
सब कुछ उसी के द्वारा रचा गया है और उसी के लिए रचा गया है।

17 सबसे पहले उसी का अस्तित्व था,
    उसी की शक्ति से सब वस्तुएँ बनी रहती हैं।
18 इस देह, अर्थात् कलीसिया का सिर वही है।
    वही आदि है और मरे हुओं को
    फिर से जी उठाने का सर्वोच्च अधिकारी भी वही है ताकि
हर बात में पहला स्थान उसी को मिले।

19 क्योंकि अपनी समग्रता के साथ परमेश्वर ने उसी में वास करना चाहा।
20     उसी के द्वारा समूचे ब्रह्माण्ड को परमेश्वर ने अपने से पुनः संयुक्त करना चाहा उन सभी को
    जो धरती के हैं और स्वर्ग के हैं।
उसी लहू के द्वारा परमेश्वर ने मिलाप कराया जिसे मसीह ने क्रूस पर बहाया था।

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मसीह के दर्शन में, परमेश्वर के दर्शन

15 वह अदृश्य परमेश्वर का
    दृश्य रूप है।
    वह सारी सृष्टि का सिरमौर है।
16 क्योंकि जो कुछ स्वर्ग में है और धरती पर है,
    उसी की शक्ति से उत्पन्न हुआ है।
    कुछ भी चाहे दृश्यमान हो और चाहे अदृश्य, चाहे सिंहासन हो चाहे राज्य, चाहे कोई शासक हो और चाहे अधिकारी,
सब कुछ उसी के द्वारा रचा गया है और उसी के लिए रचा गया है।

17 सबसे पहले उसी का अस्तित्व था,
    उसी की शक्ति से सब वस्तुएँ बनी रहती हैं।
18 इस देह, अर्थात् कलीसिया का सिर वही है।
    वही आदि है और मरे हुओं को
    फिर से जी उठाने का सर्वोच्च अधिकारी भी वही है ताकि
हर बात में पहला स्थान उसी को मिले।

19 क्योंकि अपनी समग्रता के साथ परमेश्वर ने उसी में वास करना चाहा।
20     उसी के द्वारा समूचे ब्रह्माण्ड को परमेश्वर ने अपने से पुनः संयुक्त करना चाहा उन सभी को
    जो धरती के हैं और स्वर्ग के हैं।
उसी लहू के द्वारा परमेश्वर ने मिलाप कराया जिसे मसीह ने क्रूस पर बहाया था।

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