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मसीह के बलिदान जम्मो के सेति एकेच बार

10 मूसा के कानून ह अवइया बने चीजमन के सिरिप एक छइहां ए। एमन अपन-आप म सही के चीज नो हंय। कानून के मुताबिक, एकेच किसम के बलिदान नियमित रूप ले हर साल चघाय जाथे, अऊ एह ओमन ला कभू सिद्ध नइं कर सकय, जऊन मन अराधना करे बर आथें। यदि ए बलिदानमन के दुवारा मनखेमन सिद्ध हो जातिन, त ओमन के बलिदान चघई बंद हो जातिस। काबरकि अराधना करइयामन जम्मो के सेति एकेच बार म सुध हो जातिन अऊ ओमन अपन पाप के दोसी नइं होतिन। पर ओ बलिदानमन हर साल ओमन के पाप के सुरता कराथें। काबरकि बइला अऊ बोकरा मन के लहू ह पाप ला कभू दूरिहा नइं कर सकय।

एकरसेति, जब मसीह ह संसार म आईस त ओह कहिस:

“बलिदान अऊ भेंट तेंह नइं चाहय,
    पर तेंह एक ठन देहें, मोर बर तियार करय।
तेंह होम-बलि अऊ पाप-बलि चघाय ले
    खुस नइं होवय।
तब मेंह कहेंव, ‘मेंह इहां हंव – जइसने पबितर बचन म मोर बारे म लिखे हवय –
    हे परमेसर, मेंह तोर ईछा ला पूरा करे बर आय हवंव।’ ”

पहिली मसीह ह कहिस, “न तो तेंह बलिदान अऊ भेंट, होम-बलि अऊ पाप-बलि ला चाहय, अऊ न ही ओमन ले खुस होवय” (हालाकि ए जम्मो बलिदान, मूसा के कानून के मुताबिक चघाय जाथे)। तब ओह कहिस, “मेंह इहां हंव, मेंह तोर ईछा ला पूरा करे बर आय हवंव।” ओह पहिली के बात ला छोंड़ देथे ताकि दूसर बात ला स्‍थापित करय। 10 अऊ ओहीच ईछा के दुवारा हमन यीसू मसीह के देहें के बलिदान के जरिये पबितर करे गे हवन अऊ ए बलिदान ह जम्मो के सेति एकेच बार करे गीस।

11 हर एक पुरोहित ह दिन प्रतिदिन ठाढ़ होके अपन धारमिक सेवा ला करथे। ओह बार-बार ओहीच बलिदान ला चघाथे, जऊन ह पाप ला कभू दूरिहा नइं कर सकय। 12 पर मसीह ह पाप के खातिर एकेच बलिदान सदाकाल के सेति चघाईस अऊ ओह परमेसर के जेवनी हांथ अंग जा बईठिस। 13 ओहीच बेरा ले, ओह इंतजार करथे कि परमेसर ह ओकर बईरीमन ला ओकर गोड़ रखे के चौकी बना देवय, 14 काबरकि एकेच बलिदान के दुवारा, ओह ओमन ला सदाकाल बर सिद्ध कर दे हवय, जऊन मन पाप ले पबितर करे गे हवंय।

15 पबितर आतमा घलो हमन ला एकर बारे म गवाही देथे। पहिली ओह कहिथे:

16 “परभू ह कहिथे
    कि जऊन करार मेंह ओ समय के बाद ओमन ले करहूं,
ओह ए अय – मेंह अपन कानून ला ओमन के हिरदय म धरहूं
    अऊ मेंह ओमन ला ओमन के मन म लिखहूं।”[a]

17 तब ओह ए घलो कहिथे:

“ओमन के पाप अऊ अधरम के काम ला
    मेंह फेर कभू सुरता नइं करहूं।”[b]

18 अऊ जब एकर छेमा हो गे हवय, त फेर पाप खातिर अऊ कोनो बलिदान के जरूरत नइं ए।

बिसवास म बने रहव

19 हे भाईमन हो, जब हमन ला भरोसा हवय कि यीसू के लहू के दुवारा हमन परम पबितर जगह म जाबो, 20 ओह हमर बर एक नवां अऊ जीयत रसता खोलिस, जऊन ह ओ परदा म ले होके जाथे, जऊन ह ओकर देहें अय[c], 21 अऊ जब हमर करा एक बड़े पुरोहित हवय, जेकर ऊपर परमेसर के घर के जिम्मा हवय, 22 त आवव, हमन परमेसर के लकठा म साफ हिरदय अऊ पूरा बिसवास के संग जावन। एक अइसने हिरदय, जऊन म पाप भावना नइं ए अऊ अइसने देहें, जऊन ह सुध पानी म धोय गे हवय। 23 आवव, हमन ओ आसा ला मजबूती ले धरे रहन, जऊन ला हमन स्वीकार करथन, काबरकि जऊन ह वायदा करे हवय, ओह बिसवास लइक अय। 24 अऊ आवव, हमन ए बिचार करन कि कइसने हमन एक-दूसर ला मया म अऊ बने काम म उत्साहित कर सकथन। 25 आवव, हमन एक-दूसर के संग मिले बर नइं छोड़न, जइसने कि कुछू झन के ए आदत बन गे हवय, पर आवव, हमन एक-दूसर ला अऊ जादा उत्साहित करन, जइसने कि तुमन देखत हवव कि परभू के दिन ह लकठा आवत हवय।

26 सत के गियान ला पाय के बाद, कहूं हमन जान-बूझ के पाप करते रहिथन, त फेर कोनो घलो बलिदान हमर पाप ला दूरिहा नइं कर सकय, 27 पर सिरिप नियाय के एक भयानक बाट जोहई अऊ भयंकर आगी ह बांचही, जऊन ह परमेसर के बईरीमन ला जलाके भसम कर दिही। 28 जऊन कोनो मूसा के कानून ला नइं मानिस, ओह बिगर दया के दू या तीन मनखे के गवाही ले मारे गीस। 29 त तुमन सोचव कि ओ मनखे ह कतेक कठोर सजा के भागी ए, जऊन ह परमेसर के बेटा के इनकार करे हवय अऊ करार के ओ लहू ला तुछ जाने हवय, जेकर दुवारा ओह पबितर करे गे रिहिस, अऊ अनुग्रह के आतमा के बेजत्ती करे हवय। 30 काबरकि हमन ओला जानथन, जऊन ह ए कहिस, “बदला लेवई मोर काम ए; मेंह बदला लूहूं”[d] अऊ ओह फेर ए कहिस, “परभू ह अपन मनखेमन के नियाय करही।”[e] 31 जीयत परमेसर के हांथ म पड़ई बहुंत भयानक बात ए।

32 सुरू के ओ दिनमन ला सुरता करव, परमेसर के अंजोर ला पाय के बाद, जब तुमन कतको दुःख सहत घलो स्थिर रहेव। 33 कभू तुम्‍हर खुले आम बेजत्ती करे गीस अऊ तुमन ला सताय गीस, त कभू तुमन हर किसम ले ओमन के मदद करेव, जऊन मन के संग ए किसम के गलत बरताव करे जावत रिहिस। 34 तुमन कैदीमन बर सहानुभूति रखेव अऊ जब तुम्‍हर धन-संपत्ति ला लूटे गीस, त तुमन एला आनंद के संग स्वीकार करेव, काबरकि तुमन जानत रहेव कि तुम्‍हर करा एकर ले घलो उत्तम अऊ सदा बने रहइया संपत्ति हवय।

35 एकरसेति अपन भरोसा ला झन छोड़व, काबरकि तुमन ला एकर एक बड़े इनाम मिलही। 36 तुमन ला धीरज धरई जरूरी ए, ताकि जब तुमन परमेसर के ईछा ला पूरा कर लेवव, त तुमन ला ओ इनाम मिलय, जेकर वायदा परमेसर ह तुम्‍हर ले करे हवय। 37 काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे,

“अब बहुंते कम समय बचे हवय;
    जऊन ह अवइया हवय,
    ओह आही अऊ ओह देरी नइं करय।[f]
38 पर मोर धरमी जन ह बिसवास के दुवारा जीयत रहिही।
    अऊ कहूं ओह पाछू हटथे,
    त मेंह ओकर ले खुस नइं होवंव।”

39 पर हमन ओ मनखे नो हन, जऊन मन पाछू हट जाथें अऊ नास हो जाथें, पर हमन ओ मनखे अन, जऊन मन बिसवास करथें अऊ बचाय जाथें।

Footnotes

  1. 10:16 यिरमियाह 31:33
  2. 10:17 यिरमियाह 31:34
  3. 10:20 “परदा” – महा पुरोहित ह परदा म ले होके सबले पबितर जगह म जावय, अऊ अपन अऊ मनखेमन के पाप बर बलिदान चघावय। जब यीसू ह कुरुस ऊपर मरिस त परदा ह चीराके दू भाग हो गीस।
  4. 10:30 ब्यवस्था 32:35
  5. 10:30 ब्यवस्था 32:36; भजन-संहिता 135:14
  6. 10:37 यसायाह 26:20