अय्यूब 4
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
एलीपज क कथन
4 तब तेमान क एलीपज जवाब दिहेस:
2 “अगर मइँ तोहका कउनो राय देउँ
तउ का तू नाराज़ होब्या? अगर अइसा अहइ तउ भी मोका बोलइ चाही।
3 हे अय्यूब, तू बहोत स लोगन क सिच्छा दिहा
अउर दुर्बल हाथन क तू सक्ती दिहा।
4 जउन लोग लड़खड़ात रहत रहेन तोहार सब्दन ओनका हिम्मत बँधाए रहेन
तू निर्बल गोड़न क आपन उत्साह स सबल किहा।
5 मुला अब तोह पइ विपत्ति क पहाड़ टूट पड़ा बाटइ
अउर तोहार हिम्मत टूट गइ अहइ।
विपदा क मार तोह पइ पड़ी
अउर तू ब्याकुल होइ उठ्या।
6 तोहका उ परमेस्सर पइ बिस्सास करइ चाही
जेका तू उपासना करत ह।
आपन ईमानदारी क
आपन आसा बनने दया।
7 अय्यूब, इ बात क याद राखा कि कउनो भी निर्दोख कबहुँ नाही नस्ट कीन्ह गएन।
नीक मनई कबहुँ नाहीं तबाह कीन्ह गवा अहइ।
8 मइँ अहसे लोगन क लखेउँ ह जउन कस्टन क बढ़ावत हीं
अउर जउन जिन्नगी क कठिन करत हीं।
मुला उ पचे सदा ही दण्ड भोगत हीं।
9 परमेस्सर क दण्ड ओन लोगन क मारि डावत ह,
अउर ओकर किरोध ओनका नस्ट करत ह।
10 दुर्जन सेर क तरह गुर्रात अउ दहाड़त हीं।
मुला परमस्सर ओन दुर्जनन क चुप करावत ह।
11 बुरे लोग ओन सेरन क तरह होत हीं जेनके लगे सिकार बरे कछू नाहीं होत।
उ पचे मरि जात हीं अउर ओनकर गदेलन एहर-ओहर बिखराइ जात हीं।
12 “मोरे लगे एक सँदेसा चुपचाप पहुँचावा गवा,
अउर मोरे काने मँ ओकर भनक पड़ी।
13 जउने तरह राति क बुरा सपना
नींद क उड़ाइ देत ह,
14 मइँ डेराइ गएउँ अउ काँपते लगेउँ।
मोर सबइ हडिडयन हिल गइन।
15 मोरे समन्वा स एक आतिमा जइसी गुजरी
जेहसे मोरे बदन मँ रोंगटा खड़ा होइ गएन।
16 उ आतिमा मोर समन्वा उठेस,
मुला मइँ एका नाहीं पहिचान सकउँ।
मोरी आँखिन क समन्वा एक सरुप खड़ा रहा।
हुवाँ सन्नाटा स छावा रहा।
फुन मइँ एक बहोत स सान्त आवाज सुनेउँ।
उ पचे कहेस,
17 ‘का एक मनई परमेस्सर क समन्वा दोखरहित होइ सकत ह?
का एक मनई आपन सृजनहार स जियादा सुद्ध होइ सकत ह?
18 परमेस्सर आपन सरग क सेवकन तक पइ भरोसा नाहीं कइ सकत।
परमेस्सर क आपन दूतन तलक मँ दोख मिलि जात हीं।
19 तउ मनई तउ अउर भी जियादा गवा गुजरा बा।
मनई तउ कच्ची माटा क घरौंदा मँ रहत हीं।
एँन माटी क घरौंदन क नींव धूरि मँ रखी गइ अहइ।
इ सबइ लोगन क ओहसे भी जियादा आसानी स मसलिके मार दीन्ह जात ह,
जउने तरह भुनगन मसलिके मार दीन्ह जात ह।
20 लोग भोर स साँझ क बीच मँ मर जात हीं
मुला ओन पइ कउनो धियान तलक नाहीं देत ह।
उ पचे मरि जात हीं अउर सदा बरे चला जात हीं।
21 ओनके तम्बूअन क खूंटी उखाड़ दीन्ह जात हीं
अउर इ सबइ लोग बिना बुद्धि क मरि जात हीं।’
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.