अय्यूब 16
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
अय्यूब एलीपज क जावाब देत ह
16 एह पइ अय्यूब जावाब देत भए कहेस:
2 “मइँ पहिले ही इ सबइ बातन क बहोत बार सुनेउँ ह।
तू ‘आरामदेइवाला लोग’ सचमुच सिरिफ मोका तंग करत ह!
3 तोहार बेकार क लम्बी बातन कबहुँ खतम नाहीं होतिन।
तू काहे तर्क करत ही रहत ह?
4 जइसे तू कहत अहा वइसे बातन तउ मइँ भी कहइ सकत्या।
अगर तू पचन्क मोर दुःख झेलइ क पड़त,
मइँ भी तोहार खिलाफ तर्क देइ सकत हउँ
अउर तोहार अपमान कइ सकत्या।
5 मुला मइँ आपन बचनन स तोहार हिम्मत बढ़ाइ सकत्या
अउर तोहरे बरे आसा बँधाइ सकत्या।
6 “मुला जउन कछू मइँ कहत हउँ ओहसे मोर दुःख दूर नाहीं होइ सकत।
मुला अगर मइँ कछू भी न कहउँ तउ भी मोका चइन नाहीं पड़त।
7 फुरइ हे परमेस्सर तू मोर सक्ती क हर लिहा ह।
तू मोर सारा घराने क बर्बाद कइ दिहा ह।
8 तू मोर सरीर क झूर्रीदार बनाइ दिहेस ह, अउर इ मोर खिलाफ गवाही दिहेस ह।
मइँ खउफनाक देखाँत हउँ अउर लोग अइसा सोचत हीं कि मइँ बुराइ करइ क कारण अपराधी हउँ।
9 “परमेस्सर मोह पइ प्रहार करत ह।
उ मोह पइ कोहान अहइ।
उ मोरी देह क फारिके अलगाइ दिहस ह।
परमेस्सर मोरे ऊपर दाँत पीसत ह।
मोर दुस्मन घिना स भरी निगाह स घूरत हीं।
10 लोग मोर हँसीं करत हीं।
उ पचे सबहीं मोर खिलाफ इकट्ठा होत ह अउर मोरे मुँह क थपड़ावत ह।
11 परमेस्सर मोका दुट्ठ लोगन क हाथे मँ अर्पण कइ दिहे अहइ।
उ दुट्ठ मनई मोहे पइ सक्ती दिहस ह।
12 मोरे संग सब कछू भला चंगा रहा।
तबहीं परमेस्सर मोका कुचर दिहस।
हाँ, उ मोका गटई स धइ लिहेस
अउर मोर चिथरा चिथरा कइ डाएस।
परमेस्सर मोका निसाना बनाइ लिहस।
13 परमेस्सर क तीरंदाज मोरे चारिहुँ कइँती अहइँ।
उ मोरे गुर्दन क बाणन स बेधत ह।
उ मोहे पइ दाया नाहीं देखावत ह।
उ मोरे पित्त क धरती पइ बहाइ देत ह।
14 परमेस्सर मोह पइ बार बार वार करत ह।
उ मोह पइ अइसे झपटत ह जइसे कउनो फउजी जुद्ध मँ नाहीं झपटत ह।
15 “मइँ बहोत ही दुःखी हउँ।
एह बरे मइँ विलाप क ओढ़ना पहिरत हउँ।
मइँ हिआँ धूलि मँ बइठा भवा हउँ अउर हरा भवा अनुभव करत हउँ।
16 मोरे मुँह रोवत बिलखत भए लाल भवा।
मोरि आँखिन क खाले करिया घेरा अहइँ।
17 मइँ कउनो क संग कबहुँ भी क्रूर नाहीं भएउँ।
मुला इ सबइ बुरी बातन मोरे संग घटित भएन।
मोरे पराथनन सही अहइँ।
18 “हे भुइयाँ, तू कबहुँ ओन अत्याचारन क जिन छिपाया जउन मोरे संग कीन्ह गवा अहइँ।
मोर निआउ क बिनती क तू कबहुँ रुकइ जिन दया।
19 अब तलक भी होइ सकत ह कि हुआँ आकास मँ कउनो तउ मोरे पच्छ मँ होइ।
कउनो ऊपर अहइ जउन मोका दोख स रहित सिद्ध करी।
20 मोर मीत मोर बारे मँ बोलत अहइँ,
जब मइँ आसा स रोवत रही कि परमेस्सर मोर मदद करब।
21 मोर इच्छा अहइ कि कउनो एक मोर अउर परमेस्सर क बिचउली करी
जइसे कउनो एक मनई अउर परोसी क बीच बिचउली करत ही।
22 “कछू ही बरिस बाद
मइँ हुआँ चला जाब जहाँ स फुन मइँ कबहुँ वापस न आउब।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.