अय्यूब 12
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
सोपर क अय्यूब क जवाब
12 फुन अय्यूब सोपर क जवाब दिहस।
2 “बिना संदेह क तू सोचत अहा
कि सिरिफ तू ही लोग बुद्धिमान अहा,
तू सोचत अहा कि जब तू मरब्या
तउ विवेक मर जाइ तोहरे संग।
3 मुला तोहार जेतँनी बुद्धि भी उत्तिम बाटइ,
मइँ तोहसे कछू घटिके नाहीं अहउँ।
अइसी बातन क जइसी तू कहत ह,
हर कउनो जानत ह।
4 “अब मोरे मीत मोरे मसखरी उड़ावत हीं।
‘मइँ प्रतिदिन पराथना किहा करत रहा अउर उ मोर पराथना क जवाब देत रहा।’
किन्तु अब भी मइँ बेगुनाह अउर निर्दोख अहउँ,
मोर परोसी मोर खिल्ली उड़ावत हीं।
5 अइसे लोग जेह पइ कबहुँ विपत्ति नाहीं पड़ी,
विपदा स घिरा लागेन क हँसी किया करत हीं।
मगर विपदा हमेसा उ लोगन पइ आइ बरे तइयार रहत ही
जेकर गोड़ दृढ़ नाहीं अहइँ।
6 डाकुअन आपन डेरन मँ बगैर चिन्ता क रहत हीं।
अइसे लोग जउन परमेस्सर क क्रोधित करत हीं, सान्ति स रहत हीं।
परमेस्सर ओनका धियान रखत हीं।
7 “चाहे तू पसु स पूछिके लखा, उ पचे तोहका सिखाइ देइहीं,
या हवा क पंछियन स पूछा उ पचे तोहका बताइ देइहीं।
8 या तू धरती स पूछि ल्या उ तोहका सिखाइ देइ
या सागरे क मछरियन क आपन गियान तोहका बतावइ दया।
9 हर कउनो जानत ह
कि यहोवा एँन सबइ चिजियन क रचेस ह।
10 हर जिअत पसु अउर हर एक प्राणी जउन साँस लेत ह,
परमेस्सर क आधीन अहइ।
11 जइसे जीभ भोजन क सुआद चखत ह
वइसे ही कानन क सब्दन क परखत ह।
12 लोग कहित ह, ‘अइसा ही बूढ़न क लगे विवेक रहत ह।
अउर लम्बी उमर समुझ बुझ देत हीं?’
13 किन्तु उ परमेस्सर अहइ जेकर लगे बुद्धि अउर सक्ती अहइ।
उ अच्छा सलाह अउर सूझबूझ रखत हीं।
14 अगर परमेस्सर कउनो चिज क ढहाइ क गिराइ देइ तउ, फुन लोग ओका नाहीं बनाइ सकतेन।
अगर परमेस्सर कउनो मनई क बन्दी बनावइ,
तउ लोग ओका अजाद नाहीं कइ सकतेन।
15 अगर परमेस्सर बर्खा क रोकइ तउ धरती झुराइ जाइ।
अगर परमेस्सर बर्खा क छूट दइ देइ, तउ उ धरती पइ बाढ़ लइ आई।
16 परमेस्सर सक्तीसाली अहइ।
उ सदा विजयी होत ह।
उ मनई जउन छलत ह अउर उ मनई जउन छला जात ह दुउनउँ परमेस्सर क अहइँ।
17 परमेस्सर सलाहकारन स ओनकर बूद्धि लेइ लेत ह।
उ प्रमुखन क अइसा बनाइ देत ह कि उ पचे मूर्ख मनइयन जइसा बेउहार करइ लागत हीं।
18 परमेस्सर राजा लोगन क अधिकार हटाइ लेत ह
अउर ओनका दास बना देत ह[a]।
19 परमेस्सर याजक लोगन ओनकर सक्ती स वंचित कर देत ह
अउर ओनकर दर्जा क सुरच्छा क छीन लेत ह।
20 परमेस्सर बिस्सासनीय सलाहकार क चुप कराइ देत ह।
उ बूढ़े लोगन क बूद्धि लइ लेत ह।
21 परमेस्सर महत्वपूर्ण अधिकारियन क साथ अइसा बेउहार करत ह जइसा उ कछू नाहीं अहइ।
उ सासकन क सक्ती लेइ लेत हीं।
22 परमेस्सर अँधियारा स रहस्य स भरी सच्चाई क परगट करत ह।
उ घना अँधियारा स घिरा जगहियन पइ, रोसनी पठवत ह।
23 परमेस्सर रास्ट्रन क विसाल अउ सक्तीसाली होइ देत ह,
अउर फुन ओनका उ नस्ट कइ डावत ह।
उ रास्ट्रन क विकसित कइके विसाल बनइ देत ह,
फुन ओनकर लोगन क उ तितर बितर कइ देत ह।
24 परमेस्सर धरती क रास्ट्रन क प्रमुखन क मूरख अउर नासमुझ बनाइ देत ह।
उ ओनका मरुभूमि मँ जहाँ कउन राह नाहीं भटक बरे पठवत ह।
25 उ पचे प्रमुख लोग अँधियारा मँ आपन राह टटरोत रहत हीं।
कउनो भी प्रकास ओनके लगे नाहीं होत ह।
परमेस्सर ओनका अइसे चलावत ह, जइसे पीके धुत भए लोग चलत हीं।
Footnotes
- 12:18 परमेस्सर … देत ह परमेस्सर राजा लोगन क सही करमबंध हटाइ लेत ह अउर ओनका बेकार कपड़ा पहनावत ह।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.