यहेजकेल 30
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
बाबुल क सेना मिस्र पइ हमला करी
30 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, 2 “मनई क पूत, मोरे बरे कछू कहा। कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:
“‘रोआ अउर कहा,
“उ भयंकर दिन आवत अहइ।”
3 उ दिन समीप अहइ।
हाँ, निआउ करइ क यहोवा क दिन समीप अहइ।
इ एक दूदिन होइ।
इ रास्ट्रन क संग निआउ करइ क समइ होइ।
4 मिस्र क विरूद्ध तरवार आइ।
कूस क लोग भय स काँपि उठिहीं, जउने समइ मिस्र क पतन होइ।
बाबुल क सेना मिस्र क लोगन क बन्दी बनाइके लइ जाइ।
मिस्र क नींब उखड़ि जाइ।
5 “‘अनेक लोग मिस्र स सान्ति-सन्धि किहेन। किन्तु वूस, पूत, लूद, समस्त अरब अउर लिबया नस्ट होइहीं।’”
6 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:
“हाँ, जउन लोग मिस्र क मदद करत हीं मिस्र क पतन होइ।
ओकर सक्ति क घमण्ड खतम होइ।
मिस्र क लोग मिग्दोल स लइके सवेन तलक जुद्ध मँ मारा जइहीं।”
मोर सुआमी यहोवा उ सबइ बातन कहेस।
7 मिस्र ओन देसन मँ मिलि जाइ जउन नस्ट कइ दीन्ह गएन।
मिस्र ओन खाली देसन मँ स एक होइ।
8 मइँ मिस्र मँ आगी लगाउब
अउर ओकर सबहिं सहायक नस्ट होइ जइहीं।
तब उ पचे जानिहीं कि मइँ यहोवा हउँ!
9 “‘उ समइ मँ दूतन क पठउब। उ पचे जहाजन मँ कूस क बुरी खबरन पहोंचावइ बरे जइहीं। कूस अब आपन क सुरच्छित समुझत ह। किन्तु कूस क लोग भय स तब काँपि उठिहीं जब मिस्र दण्डित होइ। उ समइ आवत अहइ।’”
10 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:
“मइँ बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क उपयोग करब
अउर मइँ मिस्र क लोगन क नस्ट करब।
11 नबूकदनेस्सर अउर ओकर लोग
रास्ट्रन मँ सब स जियादा भयंकर अहइँ।
मइँ ओनका मिस्र क नस्ट करइ बरे लिआउब।
उ पचे मिस्र क विरूद्ध आपन तरवारन निकरिहीं।
उ पचे पहँटा क ल्हासन स पाट देइहीं।
12 मइँ नील नदी क झुरान भुइँया बनाइ देब।
तब मइँ झुरान भुइँया क बुरे लोगन क बेच देब।
मइँ अजनबियन क उपयोग उ देस क खाली करइ बरे करब।
मइँ यहोवा, इ कहेउँ ह।”
मिस्र क देवमूरतियन नस्ट कीन्ह जइहीं
13 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:
“मइँ मिस्र मँ देवमूतरियन क नस्ट करब।
मइँ मूरतियन क नोप स बाहेर करब।
मिस्र देस मँ कउनो भी प्रमुख भविस्स बरे नाहीं होइ,
अउर मिस्र मँ भय भर देब।
14 मइँ पत्रोस क खाली कराइ देब।
मइँ सोअन मँ आगी लगाइ देब।
मइँ ‘नो’ क दण्ड देब।
15 अउर मइँ सीन नाउँ क मिस्र क किले क विरूद्ध आपन किरोध क बर्खा करब!
मइँ ‘नो’ क लोगन क नस्ट करब।
16 मइँ मिस्र मँ आगी लगाउब।
सीन नाउँ क सहर डर स काँपिहीं,
नो नगर मँ दुस्मन टूटि पड़िहीं
अउर मेम्फिस पइ दिना क समइ हमला कीन्ह जाब्या।
17 आवेन अउ पीवेसेत क युवक जुद्ध मँ मारा जइहीं
अउर मेहररूअन धरी जइहीं अउर लइ जाई जइहीं।
18 तहपन्हेस क इ काला दिन होइ, जब मइँ मिस्र क अधिकार क खतम करब
मिस्र क गर्वाली सक्ति खतम होइ।
मिस्र क दूर्दिन ढक लेइ
अउर ओकर बिटियन धरी अउ लइ जाइ जइहीं।
19 इ तरह मइँ मिस्र क दण्ड देब।
तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
मिस्र सदा बरे दुर्बल होइ
20 देस निकारे क गियारहवें बरिस मँ पहिले महीने क सतएँ दिन यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, 21 “मनई क पूत, मइँ मिस्र क राजा फिरौन क भुजा तोड़ डाएउँ ह। कउनो भी ओकर भुजा पइ पट्टी नाहीं लपेटी। ओकर घाव नाहीं भरी। एह बरे ओकर भुजा तरवार धरइ जोग्य सक्तीसाली नाहीं होइ।”
22 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “मइँ मिस्र क राजा फिरौन क विरूद्ध हउँ। मइँ ओकर दुइनउँ भुजन, सक्तीसाली भुजा अउर पहिले स टूटी भुजा क तोड़ डाउब। मइँ ओकर हाथे स तरवार क गिराइ देब। 23 मइँ मिस्रियन क रास्ट्र मँ बिसेर देब। 24 मइँ बाबुल क राजा क भुजन क सक्तीसाली बनाउब। मइँ आपन तरवार ओकरे हाथे मँ देब। किन्तु मइँ फिरौन क भुजा क तोड़ देब। तब फिरौन पीरा स चीखी, राजा क चीख एक मरत भए मनई क चीख स होइ। 25 एह बरे मइँ बाबुल क राजा क भुजन क सक्तीसाली बनाउब, किन्तु फिरौन क भुजन कटिके गिरिहीं। तब उ पचे जानिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।
“मइँ बाबुल क राजा क हाथन मँ तरवार देब। तउ उ आपन तरवार क संग दाखिल होइहीं अउर मिस्र क ऊपर तरवार चलाइहीं। 26 मइँ मिस्रियन क रास्ट्रन मँ बिखेरब। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.